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August 3, 2025

पुलिस उपाधीक्षकों ने दीक्षांत समारोह में सीएम ने ली सलामी, अस्पताल का किया शुभारंभ, गिनाई सौ दिन की उपलब्धियां

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को पीटीसी नरेन्द्र नगर में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया।

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को पीटीसी नरेन्द्र नगर में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणरत पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने पर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने जिन पुलिस उपाधीक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें रीना राठोर, नताशा सिंह, अभिनय चौधरी, स्वप्निल मुयाल, सुमित पाण्डे शामिल हुए। इस बार 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने पीटीसी नरेन्द्र नगर से अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पीटीसी में आडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। साइबर क्राइम को रोकने के लिए कोर्सेज शुरू किये जायेंगे। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भत्ता दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि पीटीसी प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा। क्षमताओं का वास्तविक आकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की कई विविधताएं हैं। कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है। जहां बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है। ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अन्य अपराधों के अलावा साइबर और संगठित अपराधों पर रोक लगाकर राज्य में चौतरफा सुरक्षा का माहौल तैयार करेंगे। कोरोना संकट के इस दौर में उत्तराखण्ड पुलिस ने कई नई-नई चुनौतियों का सामना किया है।


पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस के सामने अनैक चुनौतियां हैं। पुलिस को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जन सेवक के गुण होने बहुत जरूरी हैं। हमारा मकसद पीड़ित केन्द्रित होना चाहिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर पुलिस महानिदेशक, डॉ. पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशिक्षण पूरन सिंह रावत, निदेशक पीटीसी राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी तृप्ति भट्ट आदि उपस्थित थे।
हेल्पलाइन नंबर का शुभारंभ
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीटीसी नरेन्द्र नगर में साइबर अपराधों में रोकने के लिए ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 का शुभारंभ किया। यह नम्बर विशेषकर वित्तीय साइबर अपराधों में त्वरित सहायता के लिए है। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाईन नम्बर की जानकारी सबको हो, इसलिए इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-सुरक्षा चक्र बुकलेट का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि विगत कुछ वर्षो में साईबर अपराध के मामलो मे लगातार बढोत्तरी हुई है। वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे है। हाल ही मे गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पीड़ितो की त्वरित सहायता प्रदान कराने हेतु एक साईबर हेल्प लाईन नम्बर 155260 जारी किया गया है। उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बना जिसे गृह मंत्रालय से साईबर हेल्पलाईन नम्बर 155260 के संचालन की अनुमति प्राप्त हुयी। इस नम्बर पर किसी भी प्रकार के वित्तीय साईबर अपराध की सूचना दी जा सकती है तथा पीड़ित को अतिशीघ्र राहत देने का प्रयास किया जायेगा। इस नई प्रणाली के लिये स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में एक ई-सुरक्षा चक्र कन्ट्रोल रुम की स्थापना की गयी है।

केंटोनमेंट जनरल अस्पताल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने छावनी परिषद् गढ़ी कैन्ट में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त पुनर्निर्मित केन्टोनमेंट जनरल हॉस्पिटल का शुभारम्भ किया। इस हॉस्पिटल में 150 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था है। इसमें 10 बेड में आईसीयू एवं 11 वेंटिलेटर की व्यवस्था भी है। इस अस्पताल का पुनर्निर्माण मात्र 45 दिन में किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी संभावित लहर के दृष्टिगत राज्य में सभी तैयारियां की गई है। राज्य में ऑक्सीजन बैड, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। जिला अस्पतालों के अलावा सीएचसी स्तर तक भी ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। डीआरडीओ के सहयोग से ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में आधुनिक कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि छावनी परिषद में इस अस्पताल के पुनर्निर्माण से मरीजों को ईलाज के लिए अन्यत्र नहीं भटकना पड़ेगा। पिछले कुछ समय में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हुआ है। देहरादून में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या में काफी वृद्धि की गई है।

इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक हरवंश कपूर, छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर एसएन सिंह, सीईओ तनु जैन, महन्त कृष्ण गिरी, महन्त भरत गिरी आदि उपस्थित थे।
विकास पुस्तिका का विमोचन
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में आयेाजित संक्षिप्त व सादगीपूर्ण कार्यक्रम में ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ विकास पुस्तिका का विमोचन किया। पुस्तिका का प्रकाशन सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग की ओर से किया गया है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, उमेश शर्मा काउ, खजानदास, सहदेव सिंह पुंडीर, राजकुमार ठुकराल, रामसिंह कैड़ा, विनोद कंडारी, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान व अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक डा.अनिल चंदोला ने किया। विकास पुस्तिका के विमोचन से पूर्व दो मिनट का मौन रख कर 2013 की केदारनाथ आपदा व केाविड में प्राण गंवाने वाले लेागों को श्रद्धांजलि दी गई।
गिनाई अपने सौ दिन की उपलब्धियां
इस मौके पर सीएम तीरत सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के 100 दिन होने के कार्यों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 100 दिन में सरकार ने कोविड से सफलतापूर्वक संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन में ही वे स्वयं कोविड संक्रमित हो गए। इस पर गाईडलाईन का पूरी तरह से पालन करते हुए उन्हें एक कक्ष में ही कई दिनों तक रहना पड़ा। परंतु इस अवधि में भी उन्होंने अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग कीं। दूर दराज के क्षेत्रों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण के लिए वर्चुअल चौपालों का आयेाजन किया। इनमें वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए लोगों की समस्याओं को सुना और उनका निदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतों को दूर किया गया। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों ने मौके पर ही जनता की समस्याओं का समाधान किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गांव की मिट्टी से जुड़े हैं और ग्रामीणों व आम जन के दुख दर्द को भली भांति जानते हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से विकास प्राधिकरणों को हटाया ताकि ग्रामीणों को अनावश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने में परेशान न होना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विकास की रणनीति बना रहे थे तो कोविड की दूसरी लहर पूरे देश में आ गई। किसी को पता नहीं था कि कोविड की दूसरी लहर इस तरह का रूप लेगी। परंतु जल्द ही हमने स्थिति को पूरी तरह से सम्भाल लिया। पिछले लगभग तीन माह में हमने आईसीयू बेड, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की संख्या कई गुना तक बढ़ा दी।
प्रत्येक जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए। सीएससी तक भी आक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के निर्देशों पर डीआरडीओ ने ऋषिकेश में 500 बेड का कोविड अस्पताल 14 दिन में तैयार कर दिया। हल्द्वानी में 21 दिन में तैयार कर दिया। हमने राज्य में काफी तैयारी कर ली हैं। हम केाविड की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों की आजीविका पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी है। केाविड के प्रभाव से पर्यटन व्यवसायियों को हुए नुकसान की भरपायी के लिये उन्हें 5 हजार रूपये की एकमुस्त आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 50 हजार पर्यटन उद्योग भी लाभान्वित होंगे। यही नहीं पर्यटन सेक्टर से जुड़े  टूर ऑपरेटरों, एडवेंचर टूर ऑपरेटरों और राफ्टिंग गाइडों को भी 10-10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। पर्यटन स्वरोजगार के लाभार्थियों को ब्याज में छूट के साथ ही लाइसेंस फीस को माफ करने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने 18-44 वर्ष वालों को निशुल्क टीकाकरण और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों में लगभग 65 फीसदी का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। कोविड को देखते हुए प्रदेश में हम विशेष खाद्यान्न सहायता दे रहे हैं। साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता था जिसको बढ़ाकर बीस किलो  प्रतिमाह कर दिया है। आपदा में पहली बार चीनी उपलब्ध कराई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री जी और अनेक केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर राज्य के विकास पर विचार विमर्श किया। उन्हें राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति विशेष आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उत्तराखंड को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिल्ली दौरे में हम पूरी तैयारी से गए। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट के दौरान मंत्रालयों के और राज्य के अधिकारी भी साथ बैठते थे।
इससे मौके पर ही उत्तराखंड के हित में बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हर मंत्रालय ने कुछ न कुछ दिया ही है। आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना को स्वीकृति दी गई है। दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन चलाने की सैद्धांतिक सहमति के साथ ही, टनकपुर-बागेश्वर और डोइवाला से गंगोत्री-यमनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भी सहमति दी गई है। हरिद्वार में हेलीपैड बनाने के लिए बी. एच. ई. एल. द्वारा 4 एकड़ भूमि राज्य सरकार को दिये जाने की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। कुमायूं में एम्स के लिए भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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