सीएम दरबार पहुंचा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री का विवाद, गणेश गोदियाल ने रखा अपना पक्ष
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल और शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत के बीच जुबानी जंग से शुरू हुआ विवाद अब सीएम दरबार पहुंच गया है।

गौरतलब है कि श्रीबदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के एक सदस्य ने गणेश गोदियाल पर मंदिर समिति में अध्यक्ष रहते हुए अनियमितता के आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री से की गई। शिक्षा मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं। यहीं से ये विवाद पैदा हुआ। गणेश गोदियाल का कहना है कि विभागीय मंत्री से शिकायत की जाती और उनकी ओर से जांच के आदेश होते तो बात कुछ हजम होती। धन सिंह रावत उनके राजनीति प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। ऐसे में वह उन्हें बदनाम करने की नीयत से ऐसे षडयंत्र रच रहे हैं।
सीएम धामी को दिया ज्ञापन
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदिया ने सीएम धामी को मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन भी दिया है। इसे ठीक उसी तरह प्रकाशित किया जा रहा है, जैसा उन्होंने लिखा है-
मा. मुख्यमंत्री जी,
जैसा कि आप अवगत ही हैं कि श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के एक वर्तमान सदस्य
द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य मेरी अध्यक्षता वाली मन्दिर समिति पर विभिन्न अनियमितताओं के
आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत विभागीय मंत्री से करने की बजाय मेरे राजनैतिक प्रतिद्वंदी श्री
धनसिंह रावत, जो कि वर्तमान सरकार में काबिना मंत्री हैं, उनसे की गई है। मा. मंत्री जी द्वारा मन्दिर
समिति के सम्मानित सदस्य की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश भी जारी किये
गये हैं जिसका मैं स्वागत करता हूं।
आप इस बात से भी अवगत होंगे कि मेरे द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सहकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग में मा० मंत्री श्री धनसिंह रावत के प्राश्रय में हुए तमाम घोटालों को उद्धृत करते हुए इन घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
मेरा आपसे निवेदन है कि सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन में यह आवश्यक है कि लगाये गये
आरोपों पर दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाया जाना चाहिए तथा शिकायत की तटस्थ भाव से जांच एवं
तद्नुसार कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे कि समाज का लोकतांत्रिक राजनीति मूल्यों एवं राजनीतिज्ञों पर
विश्वास बना रहे।
इसी परिपेक्ष में मेरा यह भी आग्रह है कि मुझ पर व मेरी अध्यक्षता वाली समिति पर लगाये गये
आरोपों की जांच के साथ ही मा. मंत्री जी के प्रश्रय में सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले ऋण
आवंटन घोटाले, शेयर खरीद घोटाले उच्च शिक्षा विभाग के सहायक प्रवक्ता भर्ती घोटाले, निदेशक
भर्ती घोटाले तथा स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिलों के आधार पर आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटालों
की जांच हेतु माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की देखरेख में एक सप्ताह के अन्दर
पृथक से अलग-अलग जांच समितियां गठित की जांय। अन्यथा ऐसा न करने की स्थिति में मुझे
भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने एवं अपने मान-सम्मान की रक्षा हेतु लोकतांत्रिक तरीके से आपके
आवास के सम्मुख इस मांग को लेकर घरने पर बैठने पर मजबूर होना पडेगा।
आपके आदेशों की प्रतीक्षा में,
आपका शुभचिंतक
(गणेश गोदियाल)
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
एवं
पूर्व अध्यक्ष श्रीबद्रीनाथ-कैदारनाथ मंदिर समिति
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।