10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की बहाली को लेकर संयुक्त मंच का क्रमिक अनशन जारी, अफवाह फैलाने वालों की निंदा
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पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज धरना कार्यक्रम देहरादून के पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में आयोजित किया गया। इस मौके पर ऋषिकेश से आई विमला बहुगुणा ने कहा आज लोगों को समझने की जरूरत है कि यह धरना किसी के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं चलाया जा रहा है। यह हमारी आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए है। इसलिये सभी को इसमें सभी को बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने दो दिन पूर्व धरना समाप्त होने की अफ़वाह फैलाने वालों को खरी खोटी सुनाई। कहा कि इस तरह के लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए भोली–भाली महिलाओं को झूठी कहानियां सुना कर बहकाने का कार्य कर रहें हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला। जो भी बात हो वह स्पष्ट तरीके से सबके बीच होनी चाहिए।
जनगीतकार जयदीप सकलानी (दिप्पू भाई) ने आंदोलनकारी कोटे से सेवारत कर्मचारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आखिर वह लोग किस बात का इंतजार कर रहें हैं। क्या जब उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा तब आंदोलन करेंगे। उनको सम्मान स्वरूप मिली व्यवस्था आज कोर्ट के आदेश के बाद भीख में बदल चुकी है। वह खामोशी से उसे स्वीकार कर रहें हैं। क्या उनका ज़मीर भी खत्म हो चुका है।
जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चाहती तो है कि यह धरना समाप्त हो जाए, मगर उनकी मांगों पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं देना चाहती। सभा के अंत में जगमोहन नेगी ने जयदीप सकलानी (दिप्पू भाई) की बात का समर्थन करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों के 10 फीसद के बाद, महिलाओं के 20 फीसद पर भी कुठाराघात हो चुका है। मगर सरकारी तनख़ाह ले रहे महाधिवक्ता और उनके करिंदे किसी भी मामले में राज्य–हित से जुड़े किसी भी मुद्दों को बचाने का प्रयास भी नही कर रहें हैं। यह प्रदेश जिस मातृ शक्ति के बदौलत बना, उन्हीं के 20 फीसद पर प्रदेश की किसी भी क्रांतिकारी महिला संगठन ने कोई विरोध आज तक नहीं किया।
संयुक्त मंच के सह संयोजक अंबुज शर्मा ने जल्द ही सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास कूच के आयोजन का सुझाव रखा। इस पर दो तीन दिनों में निर्णय लिए जाने पर सहमति बनी। इसके अलावा आज धरने को राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसाईं, रामलाल खंडूरी, द्वारिका बिष्ट आदि ने भी संबोधित किया। धरने का संचालन संयुक्त मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती द्वारा किया गया।
आज संयुक्त मंच के धरने में सुरेश नेगी, सुमित राज थापा, पंकज सिंह रावत, सुरेश कुमार, धर्मेंद्र बिष्ट, लाखन सिंह, रुकम सिंह पोखरियाल, पुष्प लता सिलमाना, प्रेम सिंह नेगी, चंद्र किरण राणा, रेनू नेगी, सुनीता बहुगुणा, संगीता उनियाल, मनीष बहुगुणा, मीरा गुसाईं, वीना बहुगुणा, सरोजिनी थपलियाल, ईशा नेगी, वीना भट्ट, आशा, सरोज रावत, रवि नेगी, सुरेशी रावत,सरोजिनी रावत, सुशीला चंदोला, सुशील विरमानी, शकुंतला देवी असवाल, उपेंद्र प्रसाद सेमवाल, प्रभात डंडरीयाल, संतोष सेमवाल, शैलेंद्र सिंह, पी.एस. नेगी, आशा डंगवाल, सुलोचना मैन्दोलिया, शेर सिंह रावत, दिग्विजय कैंतुरा, उमेश कुमार कंडवाल, दिवाकर उनियाल, संगीता रावत, सरोजिनी थपलियाल, लीला कुकरेती, मोहन खत्री, राजेश कैंतुरा, गुरु प्रसाद, अनुराग भट्ट, रामकिशन, सुदेश सिंह आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।