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December 15, 2025

संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस आज, जानिए उनके विचार, दी गई श्रद्धांजलि

भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का आज महापरिनिर्वाण दिवस है। वह लोकतांत्रिक भारत के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं।

भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का आज महापरिनिर्वाण दिवस है। वह लोकतांत्रिक भारत के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं। बाबासाहेब के नाम से लोकप्रिय, डॉ अम्बेडकर एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। वह अपने अनुयायियों से कहा करते थे कि मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है, मेरे बताए हुए रास्‍ते पर चलें। वहीं, आज विभिन्न दलों और संगठनों के लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को तत्कालीन मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के महु नगर छावनी में हुआ था। बेहद गरीब परिवार में जन्मे बाबासाहेब के नाम से लोकप्रिय अम्बेडकर ने संविधान के पहले मसौदे को तैयार करने में अहम योगदान दिया था। उन्होंने अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ और निचली जातियों के उत्थान के लिए काफी संघर्ष किया था। डॉ. अम्बेडकर को मरणोपरांत, वर्ष 1990 में, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया था, जिसे परिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने अपने कार्यों और विचारों से समाज सुधारकों, शिक्षाविदों और राजनेताओं को बहुत प्रभावित किया था।
डॉ. अम्बेडकर देश के पहले कानून मंत्री थे. वह अपने अनुयायियों से कहा करते थे कि मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है, मेरे बताए हुए रास्‍ते पर चलें। उनकी आज 65वीं पु्ण्यतिथि है।

डा. अंबेडकर के संदेश
-किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता हैं।
-जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
-मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये।
-मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है, मेरे बताए हुए रास्‍ते पर चलें।
-रात-रातभर मैं इसलिये जागता हूँ क्‍योंकि मेरा समाज सो रहा है।
-जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।
-अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
-मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूँ।
-मनुवाद को जड़ से समाप्‍त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्‍य है।
-जो धर्म जन्‍म से एक को श्रेष्‍ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
-राष्‍ट्रवाद तभी औचित्‍य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्‍तर भुलाकर उसमें सामाजिक -भ्रातृत्‍व को सर्वोच्‍च स्‍थान दिया जाये।
-मैं तो जीवन भर कार्य कर चुका हूँ अब इसके लिए नौजवान आगे आएं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
भारतीय संविधान के जनक, महान अर्थशास्त्री, समाज सुधारक एवं भारत रत्न से सम्मानित डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेसियों ने देहरादून में घंटाघर स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए एवं भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व सीएम हरीश रावत आदि उपस्थित थे।

एक अन्य कार्यक्रम में कांग्रेसियों ने डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गीताराम जायसवाल ने डॉ. अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला। श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, देविका रानी, अशोक कुमार, महानगर अध्यक्ष महिला कमलेश रमन, वार्ड अध्यक्ष हेमराज, संजय कुमार गौतम, प्रदेश सचिव अनुसूचित जाति विभाग ऋषिपाल दास आदि लोग शामिल थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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