जयंती पर कांग्रेसियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी किया को किया नमन, निकाली भारत जोड़ो यात्रा, 25 महिला शिक्षिकाओं का सम्मान

देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राजपुर से पूर्व विधायक राजकुमार के साथ समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा जी को नमन किया। राहुल गांधी की ओर से संचालित की जा रही भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन देहरादून में भी राजपुर विधानसभा क्षेत्र में यात्रा निकाली गई। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं वर्तमान में चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने कहा ही भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी की देश को एकजुटता के धागे में पिरोने की मुहिम है। इसमे सभी जाति, धर्म एवं वर्ग के लोग शामिल हो सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मकसद देश में प्रेम, भाईचारा एवं सौहार्द्य बनाए रखना है। पूर्व विधायक राजकुमार ने यात्रा का उत्तराखंड में होना बेहद महत्वपूर्ण बताया। कहा कि यह यात्रा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजर रही है। इसमें समस्त मलिन बस्तीया भी सम्मिलित होंगी। यह यात्रा प्रदेश में एकजुटता एवं देशप्रेम को जागृत करेगी। इस तरह यह यात्रा देशभर में अपना परचम लहरा रही है, उसी तरह अब उत्तराखंड में भी यात्रा का संदेश जनता तक पहुंच पाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा की 105 वीं जयंती पर 25 महिला शिक्षिकाओं का सम्मान
देश की पहली व अब तक कि एक मात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 105 वीं जयंती के अवसर पर देहरादून में मंगला देवी इंटर कालेज में महिला शशक्तिकरण एवं सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व प्रबंध समिति के अध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने स्कूल की सीनियर, जूनियर व प्राइमरी की 25 महिला शिक्षिकाओं व 5 महिला कर्मचारियों को सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी देश ही नहीं दुनिया की महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत थीं व हमेशा रहेंगी। इंदिरा गांधी को देश भक्ति व राष्ट्रप्रेम के संस्कार अपने माता पिता व दादा से मिले थे। जब वह छोटी बच्ची थीं, तभी उन्होंने बाल सेना व वानर सेना का गठन कर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय योगदान दिया। जब वह ऑक्सफ़ोर्ड विवि से उच्च शिक्षा ग्रहण कर 1941में भारत लौटीं तो वे फिर सक्रिय रूप से स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि इंदिरा जी ने देश की आज़ादी कि बाद अपने पिता प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के सहायक के रूप में काम करना सीखा और उनकी योग्यता को देखते हुए देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उनको अपनी कैबिनेट में स्थान दे कर उनको देश का सूचना प्रसारण मंत्री बनाया। शास्त्री जी की मृत्यु के बाद जब इंदिरा को देश का तीसरा प्रधानमंत्री बनाया तो शुरू में राजनैतिक क्षेत्र में लोगों ने उनको हल्के में लिया। जब उन्होंने देश में कुशल शासन दिया और बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला लिया, तब लोगों ने उनका लोहा माना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि 1971 के भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर 1 लाख पाक सैनिकों से आत्मसमर्पण करवाया तो देश की संसद में तब के नेता विपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उनको माँ दुर्गा की संज्ञा दी। इंदिरा जी मरते दम तक भारत की एकता अखंडता के लिए प्रतिबद्ध रहीं। 31 अक्टूबर 1984 को जब उनके ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया। उससे कुछ दिन पहले उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि-मुझे चिंता नहीं कि मैं जीवित रहूं या ना रहूं, लेकिन मेरे खून का एक एक कतरा देश के काम आएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष डॉक्टर सुनील अग्रवाल ने कहा कि इंदिरा जी में निर्णय लेने की अदभुत क्षमता थी। देश में जब उन्होंने गरीबी हटाओ का नारा दिया तो उससे देश के गरीबों के लिए तमाम कल्याण कारी योजनाएं शुरू हुईं। इसके परिणामस्वरूप कमजोर लोगों के उत्थान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर प्रबंध समिति के अध्यक्ष लोकेश बहुगुणा, प्रधानाचार्य गायत्री रावत , प्रवक्ता कुलदेही रावत, प्रवक्ता दिव्यांशु नौटियाल, मधु रावत, अंजुल बहुगुणा, शालिनी समेत स्कूल के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता कपूर सिंह पंवार ने किया। इस अवसर पर श्री धस्माना द्वारा स्कूल की सभी 25 महिला शिक्षिकाओं व अन्य शिक्षक व कर्मचारियों को उपहार व मिष्ठान वितरित किये व सभी छात्र छात्राओं को चॉकलेट वितरित की गई।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।