संविधान दिवस पर कांग्रेसियों ने की परिचर्चा, गरीब बुजुर्गों को बांटे कंबल
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कांग्रेस ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। इस मौके पर महानगर कांग्रेस ने परिचर्चा का आयोजन किया। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने गरीब बुजुर्गों को कंबल वितरित किए। कांग्रेस भवन में महानगर कांग्रेस के कार्यक्रम में वक्ताओं ने संविधान के निर्माण, उसके महत्व, तथा संवैधानिक मूल्यों के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों पर अपने विचार रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण भी किया। वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने संविधान निर्माण में बाबा साहब अम्बेडकर के अद्वितीय योगदान को याद किया तथा संविधान के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी ने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है जो पूरे देश जो एक सूत्र में पिरोता है। यह सौभाग्य की बात है कि संविधान निर्माण में शामिल अधिकांश महापुरुष कांग्रेस के ही सदस्य थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अरुण रतूड़ी ने संविधान निर्माण के समय व्याप्त सामाजिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए कहा कि एक परंपरागत समाज में आधुनिकतम शासन प्रणाली और राजनीतिक व्यवस्था का प्राविधान संविधान के द्वारा किया गया है। इन व्यवस्थाओं में समायोजन अब भी जारी है। इसीलिए कई बार देश में संवैधानिक मूल्यों के समक्ष चुनौतियाँ आती रहती हैं। इसलिए यह देश के राजनीतिक दलों और राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि संवैधानिक मूल्यों की सर्वोच्चता को कायम रखे जिससे देश प्रगतिपथ पर अग्रसर रह सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस अनु जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शनलाल ने कहा कि बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के कारण ही यह संभव हो सका है कि देश मे सभी को समानता का अधिकार प्राप्त है। समाज के सभी वर्गों के लोग बड़े बड़े राजनीतिक पदों पर पहुंच पाए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष नागपाल ने कहा कि भारतीय संविधान में वर्णित राष्ट्रीय एकता, अखंडता, धर्मनिरपेक्षता, समानता, स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र इन सभी मूलभूत सिद्धान्तों से भारत शासित होता है। इन सिद्धान्तों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता में ही संविधान दिवस मनाने की सार्थकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष दर्शनलाल, प्रदेश महासचिव मनीष नागपाल, मनमोहन शर्मा, अल्ताफ अहमद, राजेश पुंडीर, यामीन खान, अभिषेक तिवारी, डॉ अरुण रतूडी, वकार अहमद,अर्जुन पासी, सुभाष धीमान, शुभम सैनी, लकी राणा, प्रेम सिंह, मुकेश रेगमी, राजेश उनियाल, एस बी थापा, वीरेंद्र पवार, रवि हसन, दलवीर इकराम, विनय कुमार, मुस्तकीम, फैसल खान, नवीन कुमार, चुन्नीलाल आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारे राष्ट्रीय नायकों डॉक्टर भीम राव अंबेडकर पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल व मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे महानायकों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्ग दर्शन में देश के संविधान का निर्माण किया गया। जिसे आज के दिन हमने अंगीकार किया। 26 जनवरी 1950 को उसे लागू किया गया। यह हमारे पुरखों का दिया अनमोल तोहफा है। इसको सुरक्षित रखना हर देशवासी का कर्तव्य है और जिम्मेदारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह बात आज कांवली के शास्त्रीनगर स्थित अंबेडकर पार्क में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर महासंघ द्वारा आयोजित “संविधान देश की शान ” सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए एआईसीसी के सदस्य व प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में हमारे महान नेताओं ने देश के सभी नागरिकों को हर क्षेत्र में बराबरी का अधिकार देते हुए उनके अधिकारों व कर्तव्यों को परिभाषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि हमारे संविधान में भारत की सामाजिक व धार्मिक विविधता को ध्यान में रख कर ऐसे प्रावाधान किये गए कि हर नागरिक अपने आपको व अन्य सभी नागरिकों को भारत का प्रथम दर्जे का नागरिक माने। उन्होंने कहा कि आज देश में जो पार्टी केंद्र की सत्ता में बैठी है वो संविधान की मूल भावना अनेकता में एकता के सिद्धांत को नष्ट भ्रष्ट करना चाहते हैं। साथ ही देश के संविधान को सबसे बड़ा खतरा उन्हीं से है। इसलिए उनको सत्ताच्युक्त करना सबसे बड़ा काम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंबेडकर महासंघ के संरक्षक ओएनजीसी के अवकाश प्राप्त सीनियर मैनेजर व एससी एसटी कर्मचारी संघ के केन्द्री उपाध्यक्ष राजेन्द्र राज ने कहा कि ऐसे पावित्र अवसर पर जब हम संविधान दिवस, गणतंत्र दिवस, बाबा साहेब का जन्म दिवस या निर्वाण दिवस मना रहे हों, तो हमको औपचारिकता निभाने के बजाय संकल्प लेना चाहिए संविधान की रक्षा का भी और उसका पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी अवधेश कथिरिया, सलीम अंसारी, संजय कटारिया, अनिता दास, सुनील कुमार, राम कुमार थपलियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर सूर्यकांत धस्माना ने बाबा साहेब की मूर्ति पर मालार्पण किया। साथ ही बुजुर्गों को गर्म कम्बल वितरित किये।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।