जुमला नहीं, नशा नहीं रोजगार दो, इस नारे के साथ पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस ने निकाली पदयात्रा
उत्तराखंड में रोजगार के सवाल पर पूर्व सीएम हरीश रावत और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के संयुक्त नेतृत्व में आज शनिवार छह जनवरी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी देहरादून में पदयात्रा निकाली। पदयात्रा देहरादून में डिस्पेंसरी रोड स्थित राजीव गांधी कांप्लेक्स स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा के नमन से आरंभ की गई। इसका समापन गांधी पार्क में महात्मा गांधी बापू की प्रतिमा के समक्ष किया गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने-जुमला नहीं रोजगार दो, नशा नहीं रोजगार दो, जैसे नारे लगाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पदयात्रा के समापन के दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि आज प्रदेश की बेरोजगारी दर 8.8 फीसद हो चुकी है। प्रदेश के सेवा नियोजन कार्यालय में वर्ष 2022 में आठ लाख बयासी हजार पांच सो आठ बेरोजगार युवा पंजीकृत थे। ये आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर चुनाव में प्रदेश के युवाओं से बैकलॉग पदों पर भर्ती के बड़े-बड़े वादे तो करती है, परंतु सत्ताप्राप्ति के बाद अपने वादे भूल जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने केंद्र की मोदी सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग थे, तो उन्होंने देश के युवाओं से दो करोड़ नौकरी सालाना देने का वादा किया था। आज तक भी युवाओं के लिए जुमला ही साबित हुआ है। बेरोजगारी देश और प्रदेश के सम्मुख एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी है। सत्ता में बैठे हुए लोगों का ध्यान इस बड़ी समस्या के निदान की तरफ नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवानों के साथ राज्य सरकार की ओर से छलावा किया जा रहा है। सैकड़ों संघर्षरत संगठनों, नौजवान लड़के-लड़कियों को आंदोलन के दौरान गांधी पार्क से धकेलकर एकता विहार के अंजान कोने में आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया गया। ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मैं उनके संघर्ष को आगे लाने के लिए संकल्पबद्ध हूं। साथ ही कहा कि मैं उत्तराखंड में निरंतर बढ़ती बेरोजगारी तथा राज्य सरकार द्वारा रिक्त पड़े पदों को भरने में हो रहे अपराधिक विलंब के विरोध में निरंतर प्रयासरत रहूंगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा की वर्ष 2023 ने देश के आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक विमर्श के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को लगभग निगल दिया है। वर्ष 2023 ने बढ़ती हुई बेरोजगारी सुरसा की मुंह के तरीके से फैली है। महंगाई, भ्रष्टाचार का फैलता हुआ मकड़ जाल, गरीबी और अमीरी की बीच की खाई निरंतर बढ़ रही है। विकास, अग्निवीर, ओल्ड पेंशन स्कीम और उत्तराखंड मांगे नया भू-कानून जैसे प्रश्नों को लगभग निगल दिया है। ऐसा लगता है ये बिन्दु सार्वजानिक विमर्श के कारक नहीं रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि क्या 2024 में हम भावनात्मक, आध्यात्मिक प्रश्नों पर ही उलझे रहेंगे या भौतिकता से जुड़े हुए इन सवालों को फिर से सार्वजनिक विमर्श में ला पाएंगे। यह तय होना है। इसलिए मैंने तय किया है उत्तराखंड के बेरोजगार, नौजवानों के साथ राज्य सरकार द्वारा जो छलावा किया जा रहा है, उसके विरोध में संघर्ष किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन और और उत्तराखंड सबोर्डिनेट पब्लिक सर्विस कमीशन और दूसरे जितने भी परीक्षा लेने वाले बोर्ड बनाए गए थे, उनकी गतिविधियां शांत हो गई हैं। पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नये कलेवर के साथ कुछ जोश दिखाया, अब वह जोश भी ठंडा पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कई प्रमुख परीक्षाएं तो ऐसी हैं, जिनको आयोजित हुए एक वर्ष बीतने जा रहा है, लेकिन परीक्षाफल कहीं निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। नौजवानों में बेचैनी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आप उन नौजवानों के डर से विधानसभा के सत्र को फुलप्रूफ बनाने की रिहर्सल तो कर सकते हो, लेकिन परीक्षाफल निकलवाने की कोशिश करती सरकार दिखाई नहीं दे रही है। भाजपा सत्ता में रोजगार के प्रश्न पर, महंगाई या भ्रष्टाचार रोकने के प्रश्न पर नहीं आई है। वह जिस प्रश्न पर सत्ता में आई, उस पर खूब ध्यान लगाकर ये पार्टी काम कर रही हैं। बाकी बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला सम्मान आदि ये सारे प्रश्न तो विपक्ष के लिए हैं।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पदयात्रा में मुख्य रूप से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, हीरा सिंह बिष्ट, शूरवीर सिंह चौहान, सतपाल ब्रह्मचारी, मथुरादत्त जोशी, सुरेंद्र अग्रवाल, अशोक वर्मा, गोदावरी थापली, गरीमा मेहरा दसौनी, अमरजीत सिंह, आशा मनोरमा डोबरियाल, महेंद्र नेगी, शीशपाल सिंह, मोहित उनियाल, जयेंद्र रमोला, जसविंदर सिंह गोगी, उर्मिला थापा, राजपाल खारोला, मोहन भंडारी, राकेश मियां, कमल रावत, रितेश क्षेत्री, श्याम सिंह चौहान, यामीन अंसारी, इरशाद हुसैन, राम यश सिंह, नजमा खान, मोहन काला, मनोज नौटियाल, सागर मनवाल, जगदीश धीमान, मीना रावत, अनूप कपूर, मोहन जोशी, सुलेमान, आशा टम्टा, सुनीता प्रकाश,चंद्रकला नेगी आदि शामिल थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।