मेयर की सभी 11 सीटों पर सत्ताधारी दल के प्रत्याशी बदलने पर कांग्रेस ने किया तंज, कहा- भ्रष्टाचार और एंटी इंकम्बेंसी का डर
उत्तराखंड में मेयर की सभी 11 सीटों पर बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बदलने पर उत्तराखंड कांग्रेस ने कड़ा तंज कसा है। कांग्रेस की प्रदेश की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि प्रदेश के सभी ग्यारह नगर निगमों में मेयर के प्रत्याशी बदलने से साथ जाहिर हो गया कि बीजेपी के किसी भी निवर्तमान महापौर ने कोई काम नहीं किया है। वे भ्रष्टाचार में डूबे रहे और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे। इसलिए मुख्यमंत्री को कपड़ों की तरह बदलने की परिपाटी को भाजपा ने यथावत रखते हुए अपने सभी महापौर प्रत्याशी बदल दिए। उन सबके खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी पनप रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस प्रवक्ता दसौनी ने कहा कि या तो यह एक बड़ी रणनीति के तहत किया गया है, या फिर इसका कारण भाजपा की अंदरूनी कलह और धड़ेबाजी भी हो सकती है। इस वक्त उत्तराखंड भाजपा एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है। पार्टी में जो तनाव है, वह नेताओं के बयानों से महसूस किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हाल ही में पूर्व काबिना मंत्री अरविंद पांडे का बयान आया कि भाजपा के ही कुछ लोग उनको ठिकाने लगाना चाहते हैं। दूसरी ओर विकास नगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान आरक्षण को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं। वही लैंसडाउन से भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत सार्वजनिक सभा में अपने कार्यकर्ताओं को निर्दलीय मैदान में कूदने की सलाह दे रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कोटद्वार नगर निगम के टिकट बंटवारे को लेकर तो विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक के नाराज चलने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में कहीं ऐसा तो नहीं कि सभी नगर निगमो से सीटिंग महापौर का टिकट काटने का कारण धड़ेबाजी हो। क्योंकि सभी टिकट त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्रीत्व काल में बांटे गए थे। क्या यह माना जाए की सीएम धामी अपनी टीम 11 में त्रिवेंद्र रावत के खिलाड़ी नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने सभी 11 नगर निगमों में महापौर प्रत्याशी बदलकर त्रिवेंद्र रावत खेमे को नुकसान पहुंचाने के लिए ये किया है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उसके हाथी के दांत खाने के और हैं और दिखाने के और। दसोनी ने कहा कि देहरादून नगर निगम में महापौर प्रत्याशी सौरभ थपलियाल के साथ आज नामांकन के दौरान ना ही भाजपा महानगर अध्यक्ष रहे, ना ही संगठन महामंत्री, ना ही प्रदेश अध्यक्ष और ना ही कोई और महापौर का दावेदार नजर आया। हकीकत यह है कि आज शहरी निकायों के चुनाव में भाजपा को प्रत्याशी चयन में खासी मशक्कत करनी पड़ी। अब जीत दर्ज कराने के लिए भी अंतरविरोध के चलते एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा, क्योंकि सब दिन होत न एक समाना।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।