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July 9, 2025

स्टेडियम के नाम बदलने के खिलाफ आंदोलन करेगी कांग्रेस, सहन नहीं होगा विभूतियों और खिलाड़ियों का अपमान, ऐलिवेटेड रोड विनाशकारीः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड के चार प्रमुख स्टेडियम के नाम परिवर्तन करने का प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पुरजोर विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार विभूतियों के साथ ही खिलाड़ियों का अपमान कर रही है। ऐसे में इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी राज्य सरकार को दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित हो कर देहरादून के रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज व राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर रजत जयंती खेल परिसर करने, हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम मानसखंड खेल परिसर करने, रुद्रपुर स्थित मनोज सरकार स्टेडियम करने व हरिद्वार स्थित वन्दना कटारिया खेल स्टेडियम का नाम योगस्थली खेल परिसर करने का निर्णय लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सरकार का ये निर्णय पूर्वाग्रहों से ग्रसित निर्णय है। इसकी कांग्रेस ने कड़ी निंदा करते हुए राज्य सरकार से इन स्टेडियमों का नाम परिवर्तन का निर्णय रद्द करते हुए उनको यथावत करने की मांग की। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय पूर्वाग्रहों से ग्रसित है और उसके मूल में कांग्रेस के महान नेताओं के नाम से एलर्जी है। इस मानसिकता के कारण राज्य सरकार ने देश के महान शासक रहे महाराणा प्रताप और मनोज सरकार व वंदना कटारिया जैसी खेल प्रतिभाओं का भी अपमान किया है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि सरकार के इस अविवेकपूर्ण निर्णय के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्यपाल से मुलाकात कर अपना विरोध प्रकट करेगी व इन स्टेडियमों में पार्टी धरने प्रदर्शन आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में खेलों को प्रोत्साहन देने का काम कांग्रेस की सरकारों ने किया और प्रदेश भर में खेल स्टेडियमों का निर्माण व विकास करवाया। इसमें भाजपा सरकारों ने कोई योगदान नहीं दिया। उनका योगदान और उपलब्धि केवल नाम परिवर्तन करना मात्र है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रिस्पना व बिन्दाल नदी पर ऐलिवेटेड रोड बनाना होगा विनाशकारी
उत्तराखंड कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार के देहरादून की रिस्पना व बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड बनाने के निर्णय को देहरादून घाटी के लिए विनाशकारी निर्णय बताया। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि देहरादून की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में प्रकृति ने पूरब दिशा में रिस्पना और पश्चिम दिशा में बिंदाल नदी सौगात में दी। इसमें पूरे कैचमेंट क्षेत्र का पानी व बरसात का पानी समा जाता है। ऐसे में देहरादून की जनता को बाढ़ का प्रकोप नहीं झेलना पड़ता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य बनने से पूर्व देहरादून में पूर्व दिशा में ईस्ट कैनाल व पश्चिम दिशा में वेस्ट कैनाल थीं। इनमें बरसात का शहर के अंदरूनी क्षेत्रों का पानी समा जाता था, किंतु राज्य निर्माण के बाद ट्रैफिक का भार झेलने के लिए सड़कों के चौड़ीकरण के कारण यह दोनों नहरें भूमिगत कर दी गई। इसके कारण अब शहर के अंदरूनी हिस्सों का पानी इन नहरों में ना जा कर सड़कों पर बहता है। ऐसे में पूरी बरसात देहरादून शहर को जल भराव की समस्या से जूझना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि अब जो एलिवेटेड रोड का शोर हो रहा है और लोग खुश हो रहे हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं है कि इसके क्या दुष्परिणाम झेलने पड़ेंगे। एक तो रिस्पना व बिंदाल दोनों जीवित व बहती हुई नदियां हैं। इसके जल स्रोत अभी भी जीवित हैं। ऐसे में इन नदियों के बीचों बीच एलिवेटेड रोड बनाने के लिए नदियों में कंक्रीट के पिलर डालने पड़ेंगे। इससे नदी में बहने वाले पानी के लिए प्राकृतिक रास्ता बाधित होगा। उससे शहर में बाढ़ आने का खतरा बढ़ेगा व दूसरा पानी रिचार्ज का जरिये भी बहुत सिकुड़ जाएगा। साथ ही भू जल स्तर जो पहले ही बहुत गिर गया है, वह बुरी तरह प्रभावित होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि पूरे एलिवेटेड रोड जो लगभग 25 से 30 किलोमीटर बनेगी उससे शहर का तापमान भी बढ़ेगा। ये तापमान पहले ही 45 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है। इसमें इजाफा होने की संभावना है। इसके अलावा इस पूरी परियोजना के बनाने के लिए लगभग ढाई से तीन हजार मकानों व इमारतों को तोड़ा जाएगा। उसके लिए सरकार ने अभी तक कोई पुनर्वास योजना तैयार नहीं की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह योजना देहरादून की जनता पर भरी पड़ने वाली है, जबकि लोगों को स्मार्ट सिटी की तरह सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं। इसकी हकीकत अब जनता के सामने उजागर हो चुकी है। इसमें हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी शहर कितना स्मार्ट बना यह सब के सामने है।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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