उत्तराखंड में शिक्षा की दुर्दशा पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना का धामी सरकार पर हमला, पूछे ये सवाल

उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा की दुर्दशा व राज्य के 1488 स्कूलों को बंद करने की सरकार की मंशा को लेकर लगातार दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज जो स्कूलों में छात्र संख्या लगातार गिर रही है, उसके लिए पूर्ण रूप से प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। साथ ही धस्माना ने प्रदेश सरकार से कई सवाल पूछे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में राजपुर रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में धस्माना ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी जवाब दें कि पूरे राज्य के इंटर कालेजों व हाई स्कूलों में प्रधानाचार्यों , प्रधानाध्यापकों, प्रवक्ताओं व एलटी के कुल कितने स्वीकृत पद हैं। और इस समय इनमें कितने पद रिक्त हैं और क्यों रिक्त हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार, आज राज्य भर में प्रधानाचार्य के 1385 पदों में से 1140 पद रिक्त हैं। प्रधानाध्यापकों के 940 स्वीकृत पदों में से 810 खाली हैं। प्रवक्ताओं के 3307 व एलटी के 2500 पद खाली हैं। ऐसे में विद्यालयों में शिक्षण कार्य कैसे होगा। अगर गुणात्मक शिक्षण कार्य पहाड़ के स्कूलों में नहीं होगा, तो मजबूरी में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूलों से निकलेंगे और उनकी शिक्षा के लिए पलायन भी करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज करने के शिगूफे से स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रहे हैं। इससे पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था और चौपट हो जाएगी और भविष्य में यह बेरोजगारी बढ़ाने का भी एक कारण बनेगा। क्योंकि 1488 स्कूलों का बंद होना हजारों लोगों की नियुक्ति का रास्ता बन्द करेगा। इसमें शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री की हठधर्मी की वजह से आज राज्य के सरकारी सहायता प्राप्त अनेक बड़े शिक्षण संस्थान बंदी के कगार पर खड़े हैं। निजी विश्वविद्यालयों को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा के शिक्षा मंत्री ने डीएवी महाविद्यालय, डीबीएस महाविद्यालय, एमकेपी महाविद्यालय, एलपीजी कालेज मसूरी समेत अनेक महाविद्यालयों में नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके कारण एमकेपी महाविद्यालय तो किसी भी दिन बंद हो जाएगा और डीएवी डीबीएस महाविद्यालय में अनेक विभाग बंदी की कगार में पहुंच गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पढ़ेंः उत्तराखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश, 1488 स्कूलों को बंद करने की मंशा को कांग्रेस नहीं होने देगी पूराः धस्माना
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश है। कम पैसों में इन महाविद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी संस्थाओं के बंद होने पर निजी विश्वविद्यालयों का रुख करेंगे। इसके साथ ही सरकार की ओर से दी जाने वाली सस्ती शिक्षा समाप्त हो जाएगी। इसका सीधा लाभ निजी विश्वविद्यालयों को चलाने वाले धन्ना सेठों को होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस जन विरोधी नीति का कांग्रेस डट कर विरोध करेगी। इस मामले को लेकर सड़क व सदन दोनों जगह संघर्ष किया जाएगा।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।