कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम से की वन्य जीवों के आतंक से पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को निजात दिलाने की मांग

उन्होंने कहा कि तीन साल में गुलदार के हमले से 66, हाथी के हमले में 28, बाघ ने 13, भालू के हमले में 05 एवं सांपों के काटने से 44 लोग अपनी जानें गवां चुके हैं। माहरा ने कहा कि प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले के कारण भय और आतंक का माहौल बना हुआ है। विगत कुछ ही दिनों के अन्तर्गत लगभग 161 लोग वन्यजीवों के हमले के शिकार हुए हैं। 641 लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि इन आकंड़ों को देखकर स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगली जानवरों का कितना आतंक छाया हुआ है। जंगली जानवरों द्वारा छोटे-छोटे बच्चों को अपना निवाला बनाया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों में दहशत फैली हुई है। सरकार द्वारा जंगली जानवरों के हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को पर्याप्त मात्रा में मुआवजा भी नही दिया जा रहा है। वर्तमान में जो भी मुआवजा दिया जाता है वह बहुत ही कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि जंगली जानवरों के हमले में मारे गये व्यक्तियों के परिजनों को 50 लाख तथा घायल व्यक्तियों को 10 लाख का मुआवजे की राशि दिया जाना नितान्त आावश्यक है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि वन विभाग द्वारा गांव-गांव में जन जागरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाय। साथ ही वन्य जीव एवं मानव संघर्ष को रोकने की दिशा में समुचित कदम उठाये जाना नितान्त आवश्यक है।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।