सिलक्यारा टनल हादसे की जांच होने तक सब्र रखे कांग्रेस: महेंद्र भट्ट
उत्तराखंड भाजपा ने सिलक्यारा टनल हादसे की जांच होने तक कांग्रेस नेताओं से सब्र रखने का आग्रह किया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि बड़ी विकास परियोजनाओं को लेकर किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले सभी को उच्च स्तरीय जांच एवं केंद्रीय ऐजेंसियों की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिलक्यारा हादसे के कारणों को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए महेंद्र भट्ट ने कहा कि हादसे की जानकारी के बाद ही प्रदेश सरकार ने इसकी उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए थे। अब चूंकि रेस्क्यू अभियान पूर्ण हो चुका है, लिहाजा अब जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि उनका विभाग और अन्य एजेंसियां भी पूरी घटना की बारीकी से विश्लेषण करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग इस दुर्घटना और उसके कारणों को लेकर अधिक तकनीकी जानकारी नहीं होगी। इसलिए उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष के नेताओं से आग्रह किया कि जांच पूरा होने और विशेषज्ञों की रिपोर्ट सामने आने का सभी को इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी कमी पाई जाएगी या जो भी दोषी होगा, उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इनसे हासिल सुझावों को भविष्य की योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हम सभी उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र की भूगर्भीय हालत से वाकिफ हैं, लेकिन विकास और सामरिक महत्व की योजनाओं को आगे बढ़ाना भी जरूरी है। हमे इन दोनो परिस्थितियों में समन्वय बनाते हुए इसे एक चुनौती की तरह स्वीकार करना होगा। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि इस जांच से हासिल सबक और जानकारियां विकास की योजनाओं पहले से अधिक सुरक्षित बनाने में मददगार होंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।