कांग्रेस नेताओं ने आपदाग्रस्त जोशीमठ और कर्णप्रयाग का किया दौरा, सरकार से राहत में तेजी लाने को कहा

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह ने बताया कि आज प्रातः कांग्रेस नेताओं ने जोशीमठ पहुंच कर भू-धंसाव वाले क्षेत्रों में पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही भू वैज्ञानिकों, पर्यावरण विदों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से भी वार्ता की। इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव ने कहा कि जोशीमठ की वर्तमान स्थिति की तस्वीरें काफी भयभीत करने वाली हैं। उन्होंने जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण आई आपदा पर चिंता प्रकट की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश प्रभारी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों का तत्काल पुनर्वास सुनिश्चित करने के साथ ही इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल जोशीमठ नगर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। देवेंद्र यादव ने कहा कि जोशीमठ में विकास के नाम पर विनाश हो रहा है। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार से तत्काल राहत कार्य में तेजी लाने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य एवं केन्द्र सरकार से आपदाग्रस्त क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज देने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने स्थानीय लोगों एवं कांग्रेसजनों से जोशीमठ आपदा मामले में चर्चा की। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों की हर संभव सहायता का आह्रवान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस आपदा की घड़ी में पीडित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो इंतजामात किये जाने चाहिए थे, वे पर्याप्त नहीं किये गये हैं। इससे लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि भू वैज्ञानिकों एवं पर्यावरणविदों के सुझावों पर अमल करने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने चाहिए। ताकि धर्म नगरी जोशीमठ नगर के अस्तित्व पर आये इस संकट को टाला जा सके। साथ ही भविष्य में होने वाली भयावह त्रासदी से होने वाली जनहानि को रोका जा सके। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि जोशीमठ आपदा मामले को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए। जानमाल एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये सुझाव के अनुरूप जोशीमठ क्षेत्र में बडे निर्माण कार्य एवं सुरंगें खोदने का काम तुरंत बन्द किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने कहा कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की वर्षों पूर्व दी गई स्पष्ट चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार भविष्य में होने वाली भवानक त्रासदी के प्रति असंवेदनशील बनी रही। इसके कारण आज जोशीमठ क्षेत्र में सैकडों आवासीय मकानों में दरारे आने के बाद स्थानीय जनता के सामने संकट खड़ा हो गया है। इस दौरान कांग्रेस के सभी नेता कर्णप्रयाग तथा गोपेश्वर भी गएष जहां पर उन्होंने भूधंसाव से हो रहे नुकसान का जायजा लिया तथा स्थानीय प्रशासन एवं राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों से वार्ता की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेताओं ने कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर के 36 प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उनकी स्थिति बहुत ही नाजुक व चिंतनीय है और वहां भी जोशीमठ की भांति भू धंसाव से भारी नुकसान हुआ है। इन परिवारों के मकान बहुत ही बुरी स्थिति में है, जिन्हें सरकार ने 2 माह से विस्थापित किया हुआ है। रात्रि विश्राम के लिए कुछ इंतजाम के अलावा उनको किसी भी रूप में कोई आर्थिक सहायता सरकार की ओर से नहीं दी गई है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार से आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों का जल्दी से जल्दी पुनर्वास करने तथा पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस रूप में आई आपदा
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई थी। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में प्रभावित परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने कहा था कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 5000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही प्रभावितों को फौरी सहायता के रूप में डेढ़ लाख रुपये दिए जा रहे हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।