महापंचायत में बोले कांग्रेस नेता- मलिन बस्तियों की विरोधी भाजपा सरकार

देहरादून के गोविंदगढ़ में कांग्रेस की ओर से आयोजित बस्ती महापंचायत में कांग्रेस नेताओं ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार को मलिन बस्ती विरोधी करार दिया। साथ ही एलिवेटेड रोड के नाम पर पर बस्तियों को उजाड़ने का कड़ा विरोध किया। महापंचायत का आयोजन कांग्रेस के राष्ट्रीय संचार सचिव वैभव वालिया की ओर से किया गया। इस दौरान मलिन बस्तियों में घरों पर लाल निशान लगाने का कड़ा विरोध किया। इस महापंचायत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार ने भी हिस्सा लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव है। इस कार्य के लिए कई मकानों को तोड़ा जाना है। इसके लिए बस्तियों में स्थित घरों पर लाल निशान भी लगा दिए गए हैं। इस प्रस्ताव पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है। वहीं, कई माह से विभिन्न राजनीतिक और समाजिक संगठनों की ओर से बस्तियों में लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने के विरोध में आंदोलन किया जा रहा है। मांग की जा रही है कि पहले प्रभावितों को अन्यत्र बसाओ या फिर उन्हें समुचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही एलिवेटेड रोड का भी विरोध किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायकद प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में मलिन बस्तियों का चिह्नीकरण और नियमितीकरण की शुरुआत की गई थी। वर्ष 2012 से लेकर 2017 के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की, नैनीताल, काशीपुर समेत प्रमुख नगरों की 500 से अधिक मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण कराया। इन बस्तियों को वैध दर्जा देने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे यहां के निवासियों को बिजली, पानी, सड़क, राशन कार्ड, आधार, स्कूल आदि की सुविधाएं मिलने लगीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राजीव आवास योजना के तहत हजारों शहरी गरीबों को पक्के आवास प्रदान करने की दिशा में काम शुरू हुआ। कुछ नगरों में पुनर्वास कॉलोनियों का प्रस्ताव तैयार किया गया। ताकि झुग्गीवासियों को बिना बेदखली के स्थायी समाधान मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मलिन बस्तियों के लोगों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कांग्रेस की सरकार में मलिन बस्ती सुधार कार्यक्रम का अध्यक्ष बनाया गया और बतौर अध्यक्ष उन्होंने 500 से अधिक बस्तियों का चिह्नीकरण करके नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मंत्रिमंडल में इसको पारित करवा कर इस पर कानून भी बनाया गया है। इसलिए मलिन बस्तियों को तोड़ना भाजपा सरकार के लिए आसान नहीं होगा, उसे मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वैभव वालिया ने कहा कि शहरी मलिन क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों और अस्थाई स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना की गई। कांग्रेस की सरकार की ओर से मलिन बस्ती की महिलाओं और बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र, टीकाकरण और पोषण योजनाएं चलाई गईं। सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई, नालियों की मरम्मत और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया। मलिन बस्तियों के युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास शिविर, सिलाई-कढ़ाई केंद्र और स्वरोजगार योजनाएं चलाई गईं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान बस्तियों में स्टार्टअप लोन और छोटे व्यवसाय के लिए लघु ऋण योजना शुरू की गई। भाजपा शासन में मलिन बस्तियों को “अवैध कब्जाधारी” कहकर उजाड़ा गया। वहीं कांग्रेस ने इनके अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक आवाज़ उठाई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन, जनसुनवाइयों के माध्यम से हजारों गरीब परिवारों के पुनर्वास की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि भाजपा के डबल इंजन राज में मलिन बस्तियों पर बुलडोजर चले, लेकिन पुनर्वास नहीं हुआ। राजीव आवास योजना और जवाहरलाल नेहरू शहरी विकास निगम जैसी योजनाएं बंद कर दी गईं या ठप हो गईं। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बेदखली, और मूलभूत सुविधाओं का अभाव भाजपा की नीति का चेहरा रहा। वक्ताओं ने कहा कि ये कांग्रेस का संकल्प है कि जनता का समर्थन मिलने पर मलिन बस्तियों के हर नागरिक को कानूनी आवास, बुनियादी सुविधाएं और गरिमा का जीवन सुनिश्चित किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महापंचायत में चरण जीत कौशल, अमृता कौशल, संग्राम सिंह पुंडीर, पार्षद अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार, संगीता गुप्ता, अरुण शर्मा, गौतम नौटियाल, सूरज पवार, अल्ताफ अहमद, अनिल नेगी, सुलेमान अली, संजय भारती, अमन सिंह, मोहित मेहता, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी, सतीश कुमार, कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी उपस्थित थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।