अडानी समूह को लेकर कांग्रेस हर दिन पीएम मोदी से पूछ रही है तीन सवाल, जानिए आज के तीन सवाल
अडानी समूह में भारत की सार्वजनिक कंपनियों के निवेश, निवेश की एक बड़ी राशि डूबने के साथ ही कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही है। आंदोलन की कड़ी में कांग्रेस हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल पूछ रही है। आज कांग्रेस ने तीन सवालों का 22वां सेट जारी किया। इन सवालों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव (संचार) एवं सांसद जयराम नरेश की ओर से जारी किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जयराम नरेश ने कहा कि-प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी, जैसा कि आपसे वादा था, हम अडानी के हैं कौन (एचएएचके) श्रृंखला में आपके लिए तीन प्रश्नों का बाइसवां सेट प्रस्तुत है। आज हम इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि आपने अडानी समूह को जो एकाधिकार प्रदान किए हैं, उससे उसे उन उपभोक्ताओं को लूटने की खुली छूट मिल गई है, जो हवाई अड्डों और बिजली जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का उपयोग करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सवाल एक
लखनऊ में अडानी द्वारा संचालित भारत के 11वें सबसे व्यस्त हवाईअड्डे, चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यात्रियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले उपभोक्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) में भारी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। यदि हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) द्वारा इस प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया जाता है, तो वित्तीय वर्ष 2025-26 तक घरेलू यात्रियों के लिए उपभोगकर्ता शुल्क 192 रुपये से बढ़कर 1,025 रुपये और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए 561 रुपये से बढ़कर 2,756 रुपये हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अडानी द्वारा संचालित अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले घरेलू यात्रियों के लिए 2025-26 तक इस शुल्क में 6 गुना वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए 12 गुना वृद्धि को पहले ही एईआरए द्वारा मंजूरी दे दी गई है। एईआरए ने अडानी द्वारा संचालित मंगलुरु हवाई अड्डे के मामले में न केवल प्रस्थान करने वाले यात्रियों के लिए उपभोक्ता शुल्क में वृद्धि की है, बल्कि आने वाले यात्रियों पर भी शुल्क लगाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्या नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की आपत्तियों के बावजूद अपने मित्र गौतम अडानी को छह में से छह हवाईअड्डे सौंपकर उसे हवाईअड्डों का एकाधिकार देने के आपके निर्णय का यह अपरिहार्य परिणाम हवाई यात्रा करने वाले लोगों को नहीं भुगतना पड़ रहा है? क्या चुनावी बांड के रूप में आपके साथियों द्वारा भाजपा के खजाने में डाले जा रहे पैसे का भुगतान भी सामान्य हवाई यात्रियों को अपनी जेब से करना होगा? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सवाल दो
2008 में अडानी पावर ने हरियाणा की सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के साथ 2.94 रुपये प्रति यूनिट की अपरिवर्तनीय दर पर 25 साल के लिए 1,424 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने के बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इंडोनेशियाई कोयले की कीमतें बढ़ने के बाद, अडानी ने अपरिवर्तनीय टैरिफ को बढ़ाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी, जो तब समाप्त हो गई, जब सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल 2017 को अपने निर्णय में कहा कि इंडोनेशियाई कोयले के नियमों में बदलाव को पीपीए संशोधन को उत्प्रेरित करने वाले कानून में बदलाव के रूप में नहीं देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फिर भी अडानी ने दिसंबर 2020 से अपने बिजली आपूर्ति दायित्वों से पीछे हटना शुरू कर दिया, जिससे हरियाणा को 11.55 रुपये प्रति यूनिट पर तत्काल बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा। मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा अपनी आधिकारिक आपूर्ति प्राप्त करने की बजाय 27 जून 2022 को एक पूरक पीपीए को मंजूरी देने का फैसला किया गया। इसके द्वारा अडानी से 3.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से 1,200 मेगावाट की कम बिजली खरीद का निर्णय हुआ और शेष 224 मेगावाट बिजली अत्यधिक बढ़ी हुई कीमतों पर अडानी से खरीदने का निर्णय हुआ। क्या आपने एक बार फिर सीएम खट्टर पर अपने साथियों को उबारने के लिए दबाव डाला? अडानी द्वारा भाजपा के चुनावी बांड के भुगतान के लिए हरियाणा के उपभोक्ताओं से कितने हजारों करोड़ रुपये की लूट की जाएगी? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सवाल तीन
एक मार्च 2023 को अडानी पावर ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के समक्ष ये खुलासा किया कि उसने हरियाणा की दो बिजली वितरण कंपनियों के साथ पूरक पीपीए पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, उस समय तक ऐसे किसी पीपीए पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे। क्या यह अडानी के डूबते हुए शेयरों को बचाने का एक भद्दा प्रयास नहीं था? क्या यह एक और ऐसा मामला होगा, जिसमें सेबी आपके पसंदीदा व्यवसाय समूह द्वारा घोर उल्लंघनों और धोखाधड़ी से आंखे मूंद लेगा?

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




