कांग्रेस के पास आपदा की घड़ी में नहीं हैं सुझाव, सिर्फ आलोचनाओं का वक्त: मनवीर सिंह चौहान
उत्तराखंड भाजपा ने कहा कि कांग्रेस सिलक्यारा आपदा की वजह को लेकर दुष्प्रचार तो कर रही है, लेकिन अभी तक संवेदंशीलता का परिचय देते हुए उसने कोई सुझाव नही दिये हैं। ऐसे में उसके सकारात्मक विपक्ष के धर्म पर भी प्रश्न चिह्न है। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि सिलक्यारा की दुखद आपदा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से जुटी है। वहीं देश और दुनिया के श्रेष्ठ और अनुभवी विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मौके पर निरीक्षण कर फंसे लोगों के जीवन को बचाने की प्राथमिकता और रेस्क्यू प्लान साझा कर चुके है। उन्होंने कहा कि देश और राज्य टनल मे फंसे लोगों को लेकर चिंतित है। उनके जीवन की रक्षा के लिए हवन और धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। वहीं, कांग्रेस टनल मे खामियां गिना रही है और उसे श्रमिकों के जीवन मे भी राजनीति नजर आ रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास सुझाव हैं तो उसे आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी विशेषज्ञों से लेकर देश के नामचीन विशेषज्ञ भी जुटे है। फंसे लोगों तक पहुँचने के लिए छह मोर्चों पर कार्य चल रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों ने कार्य शुरू कर दिया है। फंसे हुए लोगों का मनोबल अच्छा है। उन्हें दवाई, भोजन तथा अक्सिजन सुचारु रूप से सप्लाई हो रही है। वहीं बाहर उनकी परिजनों से बात हो रही है। परिजनों के मनोबल को भी बनाये रखने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि रेस्क्यू के लिए जितने प्लान पर कार्य चल रहा है, उसका मकसद जल्दी से श्रमिकों तक पहुंचना है। दुनिया भर मे अब तक की सर्वश्रेष्ठ तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। विपक्ष को चाहिए कि नकारात्मक वातावरण बनाने के बजाय सकारात्मक सोचे। ताकि, परिजनों का मनोबल बना रहे। इसका असर टनल मे संघर्ष कर रहे श्रमिकों पर भी पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है।
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