परिवहन निगम एवं कनिष्ठ अभियंता संघ के आन्दोलन को कांग्रेस ने दिया समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के सलाहकार एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने कनिष्ठ अभियंता (संविदा) संघ उत्तराखंड समिति की ओर से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर चलाये जा रहे आन्दोलन के धरना स्थल पहुंचकर उनके संघर्ष को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहे पार्टी के घोषणा पत्र में उनकी न्योचित मांगों को शामिल करेगी। साथ ही सरकार बनने के बाद बरोजगार युवाओं को नियुक्त करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम चलाएगी।उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार युवा विरोधी है। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े हजारों पदों को कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर भरने का काम किया जायेगा। उन्होंने इंजीरियरिंग संघ से कहा कि भाजपा सरकार या तो परीक्षाएं ही नहीं कराती है और परीक्षा कराने के बाद रिजल्ट आउट नहीं करती है। यदि ये दोनों कार्य करती है तो नियुक्तियां नहीं करती है। उसके लिए जारी नियुक्ति पत्रों को कई बार निरस्त कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो इस व्यवस्था को निश्चित रूप से बदला जायेगा। उन्होने इंजीनियरिंग संघ को यह भी याद दिलाया कि उनके नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने आपके बीच के कई लोगों को नियुक्तियां दी हैं। जो आज आपके बीच बैठे हैं।
धरना स्थल पर पूर्व सीएम हरीश रावत के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित पूर्व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार को कनिष्ठ अभियंता (संविदा) संघ उत्तराखंड समिति की ओर से अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन देने वालों में कनिष्ठ अभियंता संघ के अध्यक्ष सूरज डोभाल, महामंत्री नरेन्द्र सिंह, संदीप तिवारी आदि सहित विभिन्न कनिष्ठ अभियंता संघ के पदाधिकारी शामिल थे।
वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने 2019 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चयनित उत्तराखंड परिवहन निगम के तकनीकी पदों पर नियुक्ति की मांग कर रहे आन्दोलनकारियों से भी धरना स्थल पर उनका ज्ञापन प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से प्राप्त किया। उनसे आमरण अनशन न करने की अपील की। उन्होने कहा कि हम उनके संघर्ष तथा आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी अपनी एकजुटता व समर्थन प्रदर्शित करती है। इसीलिए मैं आपके बीच में आया हूं।
उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 में चयनित अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन 2019 में हो चुका है। परन्तु तमाम औपचारिकतायें पूरी होने के बावजूद भी युवाओं को नियुक्ति न मिल पाना भाजपा सरकार की युवा विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। परीक्षा परिणाम आये 2 वर्ष के उपरान्त भी उत्तराखण्ड परिवहन निगम के द्वारा युवाओं को नियुक्तियां न दिया जाना उनके साथ घोर अन्याय है।




