कांग्रेस की कार्यकारिणी विस्तार से उठे नाराजगी के स्वर, नवप्रभात का पद लेने से इनकार, धामी की पार्टी छोड़ने की धमकी
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जाने सहित विभिन्न समितियों का नेताओं को दायित्व सौंपने के बाद अब पार्टी में ही नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व मंत्री ने नवप्रभात ने तो घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। वहीं, पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट से विधायक हरीश धामी ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली।
गौरतलब है कि 23 जुलाई को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नियुक्ति पत्र जारी किया। इसमें गणेश गोदियाल को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, प्रीतम सिंह से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी वापस लेकर उन्हें नेता विधायक दल की जिम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा प्रो. जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलकराज बेहड़ और रणजीत सिंह रावत को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया। साथ ही कमेटी में प्रदीप टमटा को उपाध्यक्ष और दिनेश अग्रवाल को संयोजक बनाया गया है। चुनाव घोषणा पत्र समिति का संयोजक व पार्टी का वरिष्ठ प्रवक्ता सूर्यकांत धस्माना को बनाया गया है। इनके अलावा पार्टी में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी आर्येंद्र शर्मा को दी गई है। साथ ही चुनाव प्रचार समिति, प्रदेश कांग्रेस कोर कमेटी, प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति, प्रदेश कांग्रेस मेनीफैस्टो समिति, प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति, प्रदेश कांग्रेस प्रचार समिति, प्रदेश कांग्रेस आउटरीच कमेटी, प्रदेश कांग्रेस प्रशिक्षण कार्यक्रम कमेटी, प्रदेश कांग्रेस पीसीसी कमेटी, प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ताओं की सूची जारी की गई।
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी सूचित कर दिया है। इसके तहत कांग्रेस घोषणापत्र समिति की कमान पूर्व मंत्री नवप्रभात को सौंपी गई। पूर्व सांसद महेंद्रपाल को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें कुल 15 सदस्य शामिल किए गए हैं। हालांकि, शुक्रवार की सुबह उन्होंने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।
वहीं, धारचूला विधायक हरीश धामी ने कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दूरभाष पर उन्हें समझाने का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि धामी की नाराजगी बरकरार है।
पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट से विधायक हरीश धामी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबियों में शुमार किया जाता है। पार्टी हाईकमान ने 26 दिन की कसरत के बाद प्रदेश संगठन में फेरबदल किया। कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को सौंपी गई है। विधानसभा चुनाव में वित्तीय प्रबंधन के लिहाज से इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।
आर्येंद्र को हरीश रावत के विरोधी खेमे का माना जाता है। यही वजह है कि धामी को यह नियुक्ति सख्त नागवार गुजरी। उनकी नाराजगी की चर्चा इंटरनेट मीडिया पर जोर पकड़ गई। बताया गया कि उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले और फिर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए गए आर्येंद्र शर्मा की नई जिम्मेदारी को लेकर आपत्ति है।
धामी का कहना है कि ऐसे व्यक्ति को कोषाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद नहीं सौंपा जाना चाहिए। यही नहीं उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष अधिक बनाए जाने को लेकर भी आपत्ति है। मीडिया से बातचीत में धामी ने अपनी आपत्ति को सही बताया। सूत्रों की मानें तो धामी से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दूरभाष पर संपर्क कर मनाने की कोशिश की। फिलहाल धामी ने अपने रुख पर कायम रहने के संकेत दिए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।