तस्वीरें बोल रही हैं जनाब, मत करो नियम तोड़ने का कंप्टीशन, नियम भी अपनाओ और प्रदर्शन भी करो, करो आदर्श स्थापित
जब कोरोना के नियमों का पालन ही नहीं करना तो ये नियम किसके लिए हैं। क्योंकि जो नियम बनाते हैं, यदि वही तोड़ने लगे तो क्या कहना। सड़क पर आम आदमी के चालान हो रहे हैं, वहीं, राजनीतिक दलों के लोगों में नियम तोड़ने का कंप्टीशन चल रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि उनकी तस्वीरें बोल रही हैं। दून प्रशासन जहां कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जहां साप्ताहिक बंदी पर सख्ती, कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों और घाटों पर स्नान पर प्रतिबंध का फरमान सुना रहा है। वहीं, राजनीतिक दलों की तस्वीरें तो यही कह रही हैं कि कुछ भी ठीक नहीं, सिर्फ ढकोसला है। तभी तो भाजपा हो या आप, या फिर कांग्रेस। इन सभी के कार्यक्रमों में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। इन दलों के कार्यक्रमों में ऐसे लोगों भी दिख जाएंगे, जो मास्क लगाने में परहेज कर रहे हैं। चाहे वो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हों या फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष।
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जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती, तब तक इस महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए तीन नियमों का पालन जरूरी है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, भारत सरकार बोल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय कह रहा है। भाषणों में नेता बोलते हैं। फिर भी हकीकत को कुछ अलग ही है। नेता दिखाने को मास्क लगा रहे हैं। फिर फोटो सेशन हो या फिर गला साफ करने का मौका। मास्क हट जाता है। कुछ तो शायद ये भी नहीं जानते कि मास्क को कहां लगाया जाता है। कुछ का मास्क ठुड्डी पर तो कुछ का सिर्फ मुंह ढके होता है। नाक सबकी खुली की खुली। ऐसे नेताओं में भी भी हैं, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती रहे। फिर भी वे जो गलती पहले करते रहे, वही दोबारा कर रहे हैं।
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किसान और कृषि कानूनों का खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
किसान और कृषि संबंधी कानूनों को काला कानून बताते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में व आंदोलनरत किसानों के साथ हरियाणा व दिल्ली पुलिस की ओर से किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ आज राजधानी देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जबरदस्त प्रदर्शन कर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। यहां शारीरिक दूरी का नियम तो हवा हुआ ही, लेकिन मास्क भी कई के नदारद थे। या फिर नाक व मुंह से नीचे लटके हुए थे। जैसा कि हर जुलूस व प्रदर्शन में दिखता है और सुधार नहीं हो रहा है।
पुतला दहन से पूर्व कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए केंद्र सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को कोविड19 काल में पास करवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन कानूनों को बना कर मोदी ने यह साबित कर दिया कि उनकी सरकार केवल पूंजीपतियों के हितों के बारे में सोचती है। उन्होंने हरियाणा व दिल्ली सरकार की किसानों के खिलाफ की गई कार्यवाही को अंग्रेजों की बर्बरता से भी ज्यादा खतरनाक करार देते हुए पुलिस दमन की कड़ी निंदा की।
इसके बाद कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन से लेकर एस्लेहाल तिराहे तक जुलूस निकालकर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, पूर्व काबिना मंत्री शूरवीर सजवान, मातबर सिंह कंडारी, हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक राज कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, गोदावरी थपली, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, जिला अध्यक्ष गौरव चौधरी, संजय किशोर, नवीन जोशी, राजेन्द्र शाह, प्रमोद कुमार, गरिमा दासोनी, महेश जोशी, पार्षद डा बिजेंद्र पल, नीनू सहगल, अशोक वर्मा, आनंद त्यागी, अर्जुन सोनकर, सचिन थापा, प्रवीण त्यागी, सागर लामा, कमलेश रमन, शांति रावत, संगीता मित्तल, शशि सेमवाल,प्रतिमा सिंह, ललित भद्री,रोबिन पंवार, संदीप चमोली, नवनीत कुकरेती, गिरीश पूनेडा, शोभा राम, दीप वोरा, दीप चौहान, पवन खरोला, कमर खान ताबी, आदर्श सूद आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
कोरोना नियमों कि सख्ती से पालन होना आवश्यक है व दवाई की भी ब्यवस्था भी जरूरी है. सरकार ने भी ढिलाई कर दी है. जन्ता तो फिर जन्ता ही है.