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June 18, 2025

उत्तराखंड में बीजेपी पर कांग्रेस का हमला, उदाहरण के साथ कहा- ये कैसा दलित सम्मान

उत्तराखंड में भाजपा की ओर से एससी और एसटी के सम्मेलन किए जाने की बात पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने सियासी हमला बोला है। दसौनी ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के लिए भाजपा ने आज तक क्या किया। उत्तरकाशी के मोरी में 19 वर्षीय आयुष को रात भर कोयले से जलाकर सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया गया कि वह दलित समाज का था। उसने मंदिर में प्रवेश करने की हिमाकत की थी। अल्मोड़ा में सल्ट के जगदीश की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि उसने दलित होने के बावजूद अंतरजातीय विवाह करने की हिम्मत दिखाई। जगदीश के आरोपियों को दंड दिलवाने के लिए बीजेपी संगठन ने क्या किया। इसका जवाब देना चाहिए। आज तो हर व्यक्ति ये ही पूछ रहा है कि बीजेपी का ये कैसा दलित सम्मान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गरिमा ने कहा कि हरिद्वार रुड़की के बेलड़ाकांड में भाजपा संगठन मूकदर्शक बना रहा। वहां हुई मौत पर भाजपा की प्रदेश इकाई ने ना तो पीड़ित पक्ष के परिजनों की नौकरी के लिए कोई प्रयास किया और ना ही मुआवजा दिया गया। अब तो हद ही हो गई है कि जब सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास की बात करने वाली पार्टी के राज में रुड़की के एक मंदिर में दलित समाज की महिलाओं को प्रवेश करने से रोकने के आरोप में हंगामा खड़ा हो गया। गरिमा ने कहा कि ऐसी तमाम घटनाएं भाजपा के ही राज में मुमकिन हैं। एक समुदाय विशेष में जन्म लेना भाजपा काल में अपराध हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने बताया की एक मंदिर में शुक्रवार सुबह दलित समाज की कुछ महिलाएं पूजा-पाठ के लिए गई थी। आरोप है कि पुजारी ने महिलाओं से मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। इस पर महिलाओं ने दलित समाज के लोगों को इसकी जानकारी देकर मौके पर बुला लिया। सूचना मिलने पर समाज के काफी संख्या में लोग कोतवाली पहुंचे और पुजारी के खिलाफ आक्रोश जताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि ऐसे फर्जी पुजारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए, जो समाज में प्रेम की बजाय नफरत फैलाने का काम करते हों। जो इंसानियत के खिलाफ हों और जाति और धर्म से लोगों की पहचान करते हैं। रुड़की का यह प्रकरण इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। जब ईश्वर अपनी संतानों में भेदभाव नहीं करता, तो पुजारी भेदभाव करने वाला कौन होता है। इस प्रकरण से एक तरफ जहां निश्चित तौर पर उत्तराखंड की किरकिरी हुई है, वहीं भाजपा की कलई भी खुल गई है। उनके राज में एससी, एसटी का कितना सम्मान हो रहा है, ये जगजाहिर हो रहा है।
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Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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