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April 15, 2025

सरकार के उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस ने पूछे तीखे सवाल

उत्तराखंड सरकार आठ और नौ दिसंबर को देहरादून में उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी पहुंचने की संभावना है। वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ग्लोबल इनवेस्टर समिट को लेकर प्रदेश सरकार से कड़े सवाल पूछे। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान माहरा ने भाजपा सरकार को उसके ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जमकर घेरा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माहरा ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी का कार्यकाल याद दिलाते हुए कहा कि सन 2000 में जब राज्य का गठन हुआ तो राज्य पूरी तरह से उद्योग विहीन था। ऐसे में बिना आडम्बर और इनवेस्टर समिट जैसे खर्चीले आयोजन कर पं. तिवारी ने राज्य में जबरदस्त निवेश की नींव रखती। दो सिडकुलों की स्थापना कीस जो आज भी राज्य की रीड बने हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माहरा ने कहा की कि यह राज्य का सौभाग्य ही है की नवंबर 2000 में जब राज्य का गठन हुआ, तब नारायण दत्त तिवारी जैसे अनुभवी और प्रशासनिक अनुभव वाले व्यक्ति को राज्य की कमान मिली। उस वक्त लगभग 2000 छोटे बड़े उद्योग बिना किसी इन्वेस्टमेंट मीट के स्थापित किए गए। उन्होंने कहा कि सिडकुल की स्थापना की ओर 2003 में अच्छा आर्थिक पैकेज मिला, जिससे बड़े स्तर पर लाभ हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में यूपीए की सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम पारित किया गया, जिसके माध्यम से एमएसएमई का सर्वागिंण विकास हो सके। 2015 में राज्य की हरीश रावत सरकार द्वारा एमएसएमई नीति के तहत सूक्ष्म व लघु विनिर्माण उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि की उचित दरों पर व्यवस्था के लिए भूमि बैंक तथा नये औद्योगिक संस्थानों की स्थापना का प्रावधान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माहरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा सरकारों में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार में लगातार गिरावट देखी गयी। माहरा ने कहा कि आज पहाड़ में कृषि एवं बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है, वहीं औद्योगिक क्षेत्रों में जल निकासी और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नाकाफी है। औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में राज्य के कुछ जनपद बिलकुल अछुते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूछे ये सवाल
1. मैकेन्जी ग्रुप जो एक ब्लैक लिस्टेड कम्पनी है उसे 2 लाख 50 हजार रूपये प्रतिदिन के साथ इस तहत अनुबन्ध किया गया था कि वह राज्य की जीडीपी में बड़ा सुधार करेगी एवं राज्य सरकार को कर्ज मुक्त करने की तरफ कदम बढाएगी। माहरा ने पूछ कि सालाना 80 करोड़ रूपये देकर जो कम्पनी हायर की गयी आज लगभग एक साल बीत जाने के बाद राज्य उससे कितना लाभान्वित हुआ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2. पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के शासन में बिना इन्वेस्टर्स मीट के प्रदेशभर में सिडकुल के तहत देहरादून के सेलाकुई, हरिद्वार के रोशनाबाद, पथरी, भगवानपुर, उधमसिंह नगर के रुद्रपुर, सितारगंज आदि क्षेत्रों में छोटे-बडे 2000 उद्योग स्थापित किये गये। सरकार बताये कि उनमें से कितने अब तक पलायन कर गये? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

3. पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के शासन में स्थानीय बेरोजगारों के लिए स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया है। इसके विपरीत एम्स जैसे संस्थानों में दूसरे प्रदेशों के लोगों को रोजगार देकर स्थानीय बेरोजगारों के हक पर डाका क्यों डाला जा रहा है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
4. भाजपा सरकार द्वारा 2018 में कराये गये इन्वेस्टर्स सम्मिट में 125 हजार करोड़ के इन्वेस्ट का दावा किया गया था। उनमें से कितने धरातल पर उतर पाये? राज्य सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई से 7 लाख को रोजगार देने के बडे-बडे होर्डिंग बोर्ड लगाए थे, कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

5. जो उद्योग पूर्व से स्थापित हैं तथा उनके कार्यालय दिल्लीयाद, मुम्बई, गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव में हैं, उनसे एमओयू लंदन में क्यों हो रहे हैं?
6. 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा करने तथा विद्युत उत्पादक राज्य होने के बावजूद ऊर्जा प्रदेश में बिजली की आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है और विद्युत किमते भी कई राज्यों से अधिक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

7. आपदा प्रबन्धन विभाग के सरकारी आंकडों के अनुसार राज्य में इसी वर्ष बरसात के मौसम में राज्य की 400 से ज्यादा सड़के तीन महीने से भी अधिक समय तक बाधित रही ऐसे में पर्वतीय अंचलों में निवेश कैसे पहुॅचेगा?8. कांग्रेस की सरकारों में किसी भी बाहरी उद्योग घराने से अनुबन्ध के समय यह करार होता था कि जिस भी प्रयोजन से भूमि आवंटित कराई जाएगी, वह उसी के तहत इस्तेमाल की जाएगी वरना भूमि राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। वहीं, भाजपा की सरकार ने आत्मघाती निर्णय लेते हुए उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने हेतु इस नियम को दरकिनार कर दिया और यह प्रावधान समाप्त कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यानि अब भूमि यदि दवाई की फैक्ट्री डालने के लिए ली जाएगी तो भी बिना औपचारिकता के उस भूमि पर होटल या रिसोर्ट खोला जा सकता है। बानगी के तौर पर भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य द्वारा भूमि कैन्डी के फैक्ट्री डालने के लिए आवंटित करायी गयी, परन्तु उसने रिजोर्ट खोल अंकिता भण्डारी जैसे विभत्स प्रकरणों को अंजाम दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार की योजना पर उठाए सवाल
माहरा ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 10हजार बेरोजगारों को स्वरोजगार हेतु 50हजार का ऋण देने की बात कही गयी थी, परन्तु फरवरी 2023 तक मात्र 20896 बेरोजगार युवाओं को यह ऋण उपलब्ध कराया जा सका है। माहरा ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार स्वरोजगार कर रहे लोगों को प्रोत्साहित करने की बात करती है, वहीं दूसरी और देहरादून में प्रस्तावित इंन्वेस्टर समिट के मध्यनजर गरीब और छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ने का काम किया गया है। सड़कों से रेडी, ठेली, समोसे, चाय, छोले कुलचे, मटके, गमले, सीडी, दिए, बेचकर अपना परिवार बमुश्किल पालने वालों के पेट पर लात मारते हुए उन्हें जबरन हटवा दिया गया है। इन्वेस्टमेंट समिट के नाम पर छोटे उद्योगों के साथ कुठारा घात हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रशासन मथुरादत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, महामंत्री नवीन जोशी, महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर गोगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट एवं आशीष नौटियाल उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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