राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की नौकरियां निरस्त होने पर कांग्रेस नाराज, आंदोलनकारियों के पक्ष में होगा आंदोलन
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की सरकारी सेवाएं निरस्त होने पर राज्य की भाजपा सरकार की अपराध पूर्ण चुप्पी पर गहरी नाराजगी की।
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की सरकारी सेवाएं निरस्त होने पर राज्य की भाजपा सरकार की अपराध पूर्ण चुप्पी पर गहरी नाराजगी की। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश नहीं बैठेगी और राज्य आंदोलनकारियों के मान और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई। पार्टी ने एक स्वर में सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि वह तत्काल राज्य आंदोलनकारियों की निरस्त की गई नौकरियों को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। प्रीतम सिंह ने कहा कि आंदोलनकारियों की बद्दोलत ही आज उत्तराखंड राज्य है और वह सीएम की कुर्सी पर हैं। उन्होंने जो संघर्ष किया और जो त्याग किए, उसी के कारण आज राज्य में मात्र 20 वर्षों में 11 मुख्यमंत्री ने शपथ ली है। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी और 10 जुलाई को होने वाले पार्टी प्रदर्शन में इस मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर बैठक का संचालन करते हुए आंदोलनकारियों की भाजपा राज में की गई दुखद स्थिति पर चिंता जताई। कहा कि यह नारायण दत्त तिवारी की सरकार थी, जिसमें वे हनुमान प्रसाद के पहले चेयरमैन थे, जिसने राज्य आंदोलनकारियों के हक में सन 2005 में आंदोलनकारी पेंशन, आंदोलनकारी चिह्निकरण, आंदोलनकारी सम्मान के आंदोलनकारियों को नौकरी के बड़े फैसले लिए।
उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए फैसले लेने का काम किया, वहीं भाजपा की जब से सरकार आई है उसने आंदोलनकारी सम्मान परिषद को तो भंग ही कर दिया दिया है। उसके अध्यक्ष पद पर भी किसी की नियुक्ति नहीं की है। वहीं राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसद आरक्षण के, उनकी नौकरियों के, उनकी चिह्निकरण के, उनकी पेंशन 15000 प्रति मास किए जाने के,गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने जैसे महत्वपूर्ण सवालों को गर्त में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी इन मसलों को लेकर सड़कों पर आ रहे हैं। 10 जुलाई को कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद 14 जुलाई को राजभवन पर आंदोलनकारी कूच करेंगे। बैठक में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत और डॉक्टर संजय पालीवाल, राजेंद्र शाह, सचिव डॉक्टर आरपी रतूड़ी, सीताराम नौटियाल, कमर खान, गिरीश पुनेड़ा और पूर्व दर्जाधारी अजय सिंह और मनीष कुमार शिखर शामिल हुए।




