उत्तराखंड में कांग्रेस और हरीश रावत दोनों लड़ रहे वर्चस्व की लड़ाईः भाजपा
उत्तराखंड में कांगेस पार्टी और हरीश रावत दोनों ही अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी अपनी जमीन तलाश रही है और उनके नेता अपना वजूद बचाने के लिए एक-दूसरे से ही लड़ रहे हैं। केवल अंदरूनी नहीं, बल्कि सोशल मीडिया प्लोटफार्म पर उनके नेताओं की लड़ाई और बयानबाजी साफ नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। वो अपने कार्यकाल के विकास के नाम पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे है। विपिन कैंथोला ने कहा कि उनको यह भी पता है कि उन्होंने अगर विकास कार्य किए होते तो 2017 में दो-दो विधानसभा सीटों से चुनाव नहीं हारते।
उस चुनाव में उनकी पार्टी की क्या हालत हुई यह भी पूरे राज्य की जनता और देश जनता जानती है। कैंथोला ने कहा कि हरीश रावत और कांग्रेस जानती है कि उनके पास उत्तराखंड के साथ ही पूरे देशभर में कोई ऐसा नेतृत्व नहीं बचा है, जो काँगेस को उभार सके। कांग्रेस भी इस सच्चाई को जानती है।
इसी कारण आज कांग्रेस के नेताओं की स्थिति किंकर्तव्यविमूढ़ जैसी होने लगी है, इसलिए हरीश रावत ओर कांग्रेस के नेता केवल जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं। लोगों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता जानती है कि हरीश रावत के रहते राज्य के क्या हाल हुए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज डबल इंजन सरकार की ओर से कराए गए अभूतपूर्व विकास कार्यों की काट नही ढूंढ पा रही है, जिससे उनकी पूरी पार्टी हताशा और निराशा में डूब चुकी है। इसी हताशा व निराशा को छुपाने के प्रयास आज पूरी कांग्रेस पार्टी चेहरा-चेहरा खेल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता जानती है कि डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को संवारने के लिए अभूतपूर्व व ऐतिहासिक विकास कार्य प्रदेश में पिछले चार सालों में किए हैं। इन्हीं कार्यों की बदौलत अब 2022 में भाजपा अपना ही 2017 का रिकार्ड तोड़कर नया इतिहास बनाएगी
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।