Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 22, 2024

कांग्रेस ने उत्तराखंड लोकसेवा आयोग पर लगाए आरोप, कहा-चोरी के बाद कर रहा है सीनाजोरी

उत्तराखंड में कांग्रेस ने उत्तराखंड लोकसेवा आयोग पर बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि चोरी के बाद आयोग सीनाजोरी वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। आज देहरादून स्थित उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग में सचिव वैभव वालिया, उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता आयोजित की। सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने आयोग पर विगत दिवस हुई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों में पायी गयी गम्भीर त्रुटियों पर निशाना साधा। साथ ही सरकार पर भी हमला बोला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वैभव वालिया ने कहा कि राज्य सरकार बार बार प्रदेश युवाओं के साथ भर्ती परीक्षा के नाम पर भद्दा मजाक कर रही है। जब धामी ने सत्ता संभाली तो उन्होंने छह माह के भीतर 22 हजार नौकरियों का वादा किया। इससे प्रदेश के युवाओं को युवा मुख्यमंत्री से भारी अपेक्षाएं थी। युवाओं को लगा कि वह बेरोजगारी से उन्हें मुक्ति दिलाएगें। पिछले एक साल में जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुई, उनमें युवाओं के साथ छल के अलावा कुछ नही हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वालिया ने सिलसिलेवार घपले गिनाते हुए कहा कि उत्तराखंड पुलिस, पटवारी-लेखपाल, वन क्षेत्राधिकारी (फारेस्ट गार्ड भर्ती), आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, जूनियर इंजीनियर की परीक्षाएं दे चुके युवा अभी भी बेरोजगार भटक रहे हैं। किसी को भी नियुक्ति नहीं मिली है। वालिया ने 8 और 9 फरवरी को पुलिस प्रशासन की ओर से युवाओं के साथ हुई बर्बरता की भी कड़े शब्दों में निंदा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वालिया ने कहा कि जो सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया न करा पाई, उसे सत्ता पर रहने का कोई अधिकार नहीं। युवा लगातार सीबीआई की मांग को लेकर धरना दे रहे थे, परन्तु सीबीआई की जांच से घबराई हुई सरकार ने पुलिस को ढाल बनाकर युवाओं के ऊपर लाठियां भाजीं। वालिया ने कनिष्ठ सहायक की 5 मार्च को हुई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों में हुई गड़बड़ियों को लेकर भी साक्ष्य प्रस्तुत किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कहा कि कुछ ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक सभा में यह घोषणा की थी कि कैलेंडर की ओर से जारी सभी भर्ती परीक्षाएं एक बार सम्पन्न हो जाए, तो वह सीबीआई जांच की संस्तुति करेंगे। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि वह जनता को, विपक्ष को और युवाओं को अपनी बातों में घुमाने के बजाय सीधे बताएं कि कारवां लुटा कैसे? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि बीते रोज यानी 5 मार्च 2023 को कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा लोक सेवा आयोग की ओर से कराई गई और अब वो भी गंभीर त्रुटियों के चलते सवालों के घेरे में है। सवाल ये है कि ऐसा क्यों है कि हमारी सरकार एक भी भर्ती परीक्षा पारदर्शिता से नहीं करा पा रही हैं। दसौनी ने कहा कि क्या यह नैतिकता का पतन है? सत्ता का अहंकार या प्रदेश भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि सवाल ये भी उठता है की क्या आयोग में बैठे हुए अधिकारी कर्मचारियों की खालें इतनी मोटी हो चुकी हैं कि उन्हें युवाओं के सड़क पर उतरने, लाठियां खाने और लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड करने में आयोग की रूह तक नही कांप रही है। शासन और आयोग में बैठे हुए लोगों में कोई जमीर नाम की चीज नहीं बची है। दसौनी ने कहा कि प्रदेश में जो कुछ भी चल रहा है, चाहे वो भर्ती परीक्षाओं से सम्बन्धित हो या फिर गिरती कानून व्यवस्था से उसका डेबिट या क्रेडिट तो मुख्यमंत्री के ही खाते में गिना जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि कल की परीक्षा में अभ्यर्थियों को परिपाटी के अनुसार 4 सेट उपलब्ध कराये गए। चौंकाने वाली बात यह है कि चार के चार सेट में प्रश्न 1 से लेकर 100 तक कोई भिन्नता नहीं थी। उनके क्रमांक संख्या में भी कोई फेरबदल नहीं था। कुछ अभ्यर्थियों ने पहले से सील खोले जाने की शिकायत भी की। उनका कहना था कि सील जिस स्थान पर थी, उसको बड़ी सफाई से खोला गया और उसकी जगह पर नए स्थान पर सील लगा दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने सवाल दागते हुए कहा कि हम आयोग के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि यह किन विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जब प्रश्नों के क्रमांक में भिन्नता नहीं थी तो आयोग ने चार अलग अलग सेट क्यों तैयाकर किए। दसौनी ने बताया कि अमूमन होता यह है कि अभ्यर्थियों को चारसेट दिए जाते हैं। इससे आगे और पीछे बैठे छात्र के प्रश्नों का क्रमांक भिन्न होता है। ताकि वे एक दूसरे की नकल ना कर सकें। चारों सेट में प्रश्न अलग-अलग होते हैं। अगर एक चौथाई प्रश्न एक से भी होते हैं तो उनकी क्रमांक संख्या में फेरबदल किया जाता है। यहां ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सारे सेट में प्रश्न भी एक से थे और क्रमांक संख्या भी वही थी। साथ ही एक बड़ी त्रुटि यह थी कि अभ्यर्थियों को जब प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट दी जाती है तो उसकी क्रमांक संख्या हुबहू मेल खानी चाहिए। इस पर प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट की क्रमांक संख्या में भी भिन्नता पाई गई। अचरज इस बात से भी हो रहा है कि सरकार भर्ती परीक्षाओं और इन परीक्षाओं से प्रभावित युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर या सजग क्यों नहीं दिखाई पड़ रही? आखिर क्यों भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया जा रहा है और व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग इसलिए भी उठ रही है, क्योंकि एसआईटी या एसटीएफ कोई भी जांच करेगी तो यदि उनके आला अधिकारी भी इस नकल सिंडिकेट से जुड़े होंगे।वह उनके गिरेबान में हाथ डालने की हिमाकत नहीं कर पाएंगे। प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके हाथ बंधे हुए है। आखिर आयोग लूप होल छोड़ ही क्यों रहा है कि भर्ती परीक्षा में सवाल उठाए जा सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष पर भी कडा हमला बोला है। दसौनी ने कहा कि आज उत्तराखंड के हालात झारखंड और बिहार से बदतर हो चुकें है। हर तरफ अराजकता का माहौल है। जनता डरी और सहमी हुयी है। अपराधी कानून को अपने हाथ की कठपुतली समझ रहे हैं। सत्तारूढ़ दल भ्रष्टाचार और आरोप साबित होने के बावजूद अपने पदाधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। एक तरफ आदित्य कोठारी जो कि बीजेपी के प्रदेश महामंत्री हैं, उन पर टिहरी के जिलाधिकारी सहकारि बैंक की एक करोड़ से अधिक धन राशि के गबन का आरोप है। उनकी संपत्ति की कुर्की के आदेश हो चुके हैं, परंतु ना ही कुर्की हुई और ना ही भारतीय जनता पार्टी के संगठन ने अपने महामंत्री पर कोई एक्शन लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दूसरी ओर भाजपा के छह पार्षदों की ओर से अंसल ग्रीन वैली में सत्ता का कैसा नंगा नाच किया गया किसी से छुपा नहीं है सबको दिखाई दिया। उसके बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई। विजय वात्सल्य हत्याकांड सवालों के घेरे में है, लेकिन हत्याकांड और उसकी साजिश में जिन भाजपा के पदाधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं, उन पर कार्यवाही के नाम पर संगठन मौन है। आखिर क्यों मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र क्यों बने हुए हैं? क्या मुख्यमंत्री के संज्ञान में उपरोक्त सभी प्रकरण नहीं है या फिर यह समझा जाए कि सत्तारूढ़ दल से जुड़े हुए सभी लोग कानून से ऊपर हैं और कानून या नियम कायदे सिर्फ गरीब जनता के लिए और विपक्ष के लिए है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री जगह जगह अपने लिए आभार रैली का आयोजन करवा रहे हैं। शायद वह यह नहीं जानते कि इन आभार रैलियों में प्रदेश का युवा शामिल नही हो रहा, बल्कि सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं को और भाडें में लायी जा रही है। नेगी ने कहा कि प्रदेश का युवा आज राज्य सरकार की कार्यप्रणाली से उदासीन हो चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *