ग्राफिक एरा में हिमालय की चुनौतियों पर सम्मेलन, मिट रही है प्राकृतिक व मानव रचित आपदाओं के बीच की रेखा

देहरादून में ग्राफिक एरा में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हिमालय के पर्यावरण को बचाने के लिए सबसे मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया गया। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में हिमालय दिवस पर “सस्टेनिंग हिमालयन ईकोसिस्टम” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में हिमालयी क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने पर्यावरण बचाने पर विचार साझा किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य वक्ता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, उत्तराखंड की अपर आयुक्त, रूचि मोहन रयाल ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में तेज़ी से विकास हो रहा है। इसकी वजह से यहां की नाज़ुक परिस्थितियों का संतुलन बिगड़ रहा है। साथ ही प्राकृतिक व मानव रचित आपदाओं के बीच की रेखा मिटती जा रही है। इसके परिणामस्वरूप भूस्खलन, बाढ़, भूकंप, आदि में इजाफा हो रहा है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों के संरक्षण के लिए जरूरी प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर ग्राफिक एरा के शिक्षकों और छात्र छात्राओं के सहयोग से बने न्यूट्री सोरपोई बिस्कुट और अनुपयोगी वस्तुओं से बना डिजिटल कालोनी काउंटर लांच किए गए। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता और पर्यावरण पर वाक प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। राष्ट्रीय सम्मेलन में कुलपति, डॉ नरपिंदर सिंह, डीन जीव विज्ञान, प्रो. प्रीति कृष्णा, डॉ. मनु पंत, डॉ. अंजू रानी, डॉ विनोद कुमार सहित अनेक शिक्षक, शोधकर्ता व छात्र छात्राएं शामिल हुए।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।