अफगानिस्तान में महिला सुरक्षा की चिंता, पाकिस्तान में आजादी का ऐसा जश्न, महिला टिकटॉकर को भीड़ ने हवा में उछाला, फाड़े कपड़े
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से अब दुनिया भर में वहां महिलाओं की सुरक्षा की चिंता जताई जा रही है। इसी बीच पाकिस्तान का कुरूप चेहरा सामने आया है। ये दिल दहलाने वाली घटना भी उस दिन की है, जब पूरा पाकिस्तान 14 अगस्त को देश की आजादी के जश्न में डूबा हुआ था। दरअसल, टिकटॉक पर वीडियो बनाने वाली एक पाकिस्तानी महिला ने आरोप लगाया है कि यहां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनके कपड़े फाड़ दिए गए और उसे सैकड़ों लोगों द्वारा हवा में उछाल दिया गया। साथ ही लोगों ने उससे मारपीट भी की। मीडिया में आई खबरों में घटना से संबंधित वीडियो भी जारी हो रहा है।
महिला की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया है कि जब वह अपने कुछ साथियों के साथ वीडियो बना रही थी। तब तकरीबन 300-400 लोगों ने हमला कर दिया। घटना लाहौर के ग्रेटर इकबाल पार्क की है। लॉरी अड्डा पुलिस स्टेशन में टिकटॉकर महिला ने शिकायत दर्ज कराई है। उसने बताया कि वह अपने 6 साथियों के साथ आजादी दिवस (14 अगस्त 2021) के दिन मीनार-ए-पाकिस्तान के नजदीक टिकटॉक वीडियो बना रही थी। इसी दौरान करीब 300-400 लोगों ने उन पर हमला कर दिया। महिला ने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ वहाँ से बचकर निकलने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वे सफल नहीं हो सके।
डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक- शिकायत में कहा कि भीड़ काफी थी और लोग हमारी ओर बढ़ रहे थे। लोग मुझे इस कदर धक्का दे रहे थे और खींच रहे थे कि उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ डाले। कई लोगों ने मेरी मदद करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ अधिक थी और उन्होंने मुझे हवा में उछालना जारी रखा। लाहौर पुलिस ने शहर के ग्रेटर इकबाल पार्क में हुई इस घटना के सिलसिले में मंगलवार को सैकड़ों लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया।
खबर में कहा गया है कि महिला की अंगूठी और कान की बालियां, उसके एक सहयोगी का मोबाइल फोन, पहचान पत्र और 15,000 रुपये नकद छीन लिए गए। शिकायतकर्ता ने कहा कि अज्ञात लोगों ने हम पर हमला किया। लाहौर पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) साजिद कियानी ने पुलिस अधीक्षक को घटना के संदिग्धों के खिलाफ फौरन कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
बेशक, पाकिस्तान से लगे अफगानिस्तान में हालात खराब हैं तो वहीं पाकिस्तान से आई ये खबर भी झकझोर के रख देने वाली है। वहीं उम्मीद के विपरीत तालिबान ने मंगलवार को कहा है कि महिलाओं के लिए बुर्का पहनना जरूरी नहीं होगा, लेकिन उन्हें हिजाब तो पहनना ही होगा। बता दें कि तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान लड़कियों की पढ़ाई बंद कर दी गई थी। महिलाओं के बाहर कामकाज करने या अकेले यात्रा से भी रोक दिया गया था। उन्हें खुले स्थानों पर सिर से लेकर पैर तक बुर्का ओढ़कर ही निकलना पड़ता था। वे किसी पुरुष के साथ के बिना अकेले बाहर नहीं जा सकती थीं। अब तालिबान ने काम करने पर भी पाबंदी नहीं लगाई है। एक महिला पत्रकार ने काम शुरू करते हुए सबसे पहले तालिबान नेताओं का ही इंटरव्यू लिया है।