उत्तराखंड की यातायात व्यवस्था को लेकर चिंता, बढ़ाई जाएगी ट्रैफिक जवानों की संख्या, डीजीपी ने दिए ये निर्देश

एक बार फिर से उत्तराखंड की बिगड़ती यातायात व्यवस्था को लेकर चिंता जताई जाने लगी है। देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की अध्यक्षता में राज्य में यातायात एवं सड़क सुरक्षा पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें राज्य की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव आए। साथ ही डीजीपी ने व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए हर संभव उपायों पर जोर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने इस सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया। साथ ही राज्य में यातायात पुलिस की जनशक्ति, साजो सामान एवं उपकरणों की वर्तमान स्थिति की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने यातायात व सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित समस्याओं एवं चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अवगत कराया गया कि वर्तमान में राज्य में कुल 28 इण्टरसेप्टर वाहन मौजूद हैं। भविष्य में यातयात ड्यूटी के लिए सभी दोपहिया वाहन, हैवी ड्यूटी के वाहन खरीदे जाएं। जिनकी क्षमता 400-500 सीसी की हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जिस जनपद में फैटेलिटी रेट अधिक है, वहॉ पर संसाधन एवं जनशक्ति को बढ़ाया जाये। ब्लैक स्पॉट को भी चिह्नित किया जाये। साथ ही इनका डाटा तैयार कर विश्लेषण किया जाये। ताकि ऐसे स्थानों की पहिचान हो सके एवं दुर्घटनाओं को रोका जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस महानिदेशक अभिवन कुमार ने कहा कि यातायात एवं सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में आता है। अतः इसमें बल की कमी को पूरा करने हेतु उपनल के माध्यम से जनशक्ति बढ़ाई जाए। साथ ही होमगार्ड एवं पीआरडी के जवानों की और अधिक मांग शासन स्तर पर की जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिये कि शहरों में पीक ऑवर्स में पुलिस की विजिविलिटी रहे। आवासीय व व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के बाहर वाहन पार्किंग न होने दी जाये। इसके अतिरिक्त चार बड़े जनपदों में कुछ एकड़ भूमि चयनित की जाये। जहां पर थानों में खड़े लावारिस व मुकदमें से सम्बन्धित वाहन एक साथ खड़े किये जा सकें। ताकि थानों में जगह खाली हो एवं उनकी सुन्दरता भी प्रभावित न हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया कि सिटी पेट्रोल यूनिट में नियुक्त कर्मियों को भी यातायात पुलिस के अन्तर्गत ही माना जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में पंजीकृत वाहनों की कुल संख्या लगभग 33 लाख है। इसके अनुपात में जनशक्ति काफी कम है। पुलिस महानिदेशक ने इसका ऑडिट भी कराने जाने के निर्देश दिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस दूरसंचार वी मुरूगेशन, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून सर्वेश पंवार भी मौजूद रहे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।