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March 13, 2025

उत्तराखंड में कार्मिकों के साझा मंच ने रैली निकाली, दून में सचिवालय कूच, अन्य जिलों में भी प्रदर्शन

उत्तराखंड में कार्मिकों के साझा मंच उत्तराखंड उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक, समन्वय समिति के तत्वावधान में आज सोमवार 27 सितंबर को राजधानी देहरादून में परेड मैदान से सचिवालय तक रैली निकाली गई।

उत्तराखंड में कार्मिकों के साझा मंच उत्तराखंड उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक, समन्वय समिति के तत्वावधान में आज सोमवार 27 सितंबर को राजधानी देहरादून में परेड मैदान से सचिवालय तक रैली निकाली गई। इसके लिए मंच से जुड़े कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही परेड मैदान में एकत्र होने लगे। दोपहर 12 बजे परेड मैदान से कार्मिकों ने सचिवालय के लिए कूच किया। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय रैली निकाली गई। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
देहरादून के कार्मिक एवं शिक्षकों की रैली परेड मैदान से लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए सचिवालय पहुंची। रैली के दौरान कार्मिक एंव शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। सचिवालय से कुछ दूर पहले समन्वय समिति की रैली को पुलीस महानिदेशक कार्यालय के निकट बेरिकेड लगाकर पुलिस ने रोक दिया। इस पर प्रदर्शनकारी सड़क पर ही बैठ गे। इस मौके पर सभा में वक्ताओं ने कहा कि समन्वय समिति की अधिकांश मांगे वे हैं जो पहले से कार्मिक समुदाय को मिल रही थी एवं उनकी बाद में कटौती कर दी गई। वहीं, कई मांगों पर शासन से स्वीकृति तो मिली, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए।
सभा में वक्ताओं ने इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि निगम व निकाय कार्मिकों को राज्य कर्मियों की भांति वेतन एंव भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पूर्व में तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने इस सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश जारी किये थे कि जब भी राज्य कर्मियों के सम्बन्ध में कोई शासनादेश जारी किया जायेगा तो उसका लाभ तत्काल प्रभाव
से निगम निकाय कर्मियों को भी प्राप्त होगा। इसके फलस्वरूप 11प्रतिशत मंहगाई भत्ते की हाल ही में की गयी वृद्धि से निकाय कर्मी अभी भी वंचित हैं। सभा के अन्त में नगर मजिस्ट्रेट देहरादून कुसुम चौहान को सीम को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
आज की रैली में प्रताप पंवार, अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, हीरश नौटियाल, नन्द किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भटट, पंचम सिहं विष्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, दिनेश गुसाई, बीएस रावत, दिनेश पंत, भोलादत जोशी, बनवारी सिंह रावत, अनन्तराम शर्मा, निशंक सरोही, विक्रम सिह नेगी, चैधरी ओमबीर सिहं, दीपचन्द्र बुडलाकोटी, गुडडी मटुडा, रेनू लांबा, मुकेश ध्यानी, मुकेश बहुगुणा, अजयराज, बाबू खान, बद्री प्रसाद सकलानी, अजय बैलवाल, सुभाष देवलियाल,
राकेश रावत, विकास दुमका, रामकृष्ण नौटियाल, जयप्रकाश यादव, इत्यादि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तराखंड के कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने साझा मंच का गठन कर 18 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया। आंदोलन के पहले चरण में गेट मीटिंग के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इसके बाद 20 सितंबर को जिला स्तरीय धरना आयोजित किया गया था। आंदोलन के तीसरे चरण में आज 27 सितंबर को जनपद स्तरीय रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। चौथे चरण में पांच अक्टूबर को देहरादून राजधानी में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली प्रस्तावित है। उसी दिन आगामी अनिश्चित कालीन आन्दोलन की घोषणा की करने की कार्मिकों की रणनीति है।
समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल की मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री से भी वार्ता हो चुकी है। इन वार्ताओं के दौरान उन्हें आश्वासन जरूर मिले, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों के बिंदुओं को लेकर शासन स्तर पर कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। ऐसे में कर्मचारियों के समक्ष आंदोलन के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
ये हैं मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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