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November 14, 2024

आधी रात को जेल से रिहा हुए कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, बोले-न्याय प्रशासन पर पूरा भरोसा

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को शनिवार को आधी रात के बाद इंदौर स्थित केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। फारुकी पर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों का आरोप था।

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को शनिवार को आधी रात के बाद इंदौर स्थित केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। फारुकी पर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों का आरोप था। निचली अदालतों से बेल की अर्जी खारिज होने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी। जेल से रिहा होने के बाद मुनव्वर फारूकी से जब पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने जवाब दिया कि-यह मामला अदालत में विचाराधीन है और मुझे न्याय प्रशासन पर पूरा भरोसा है। इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। मुनव्वर फारूकी सिर्फ उतना ही बोल रहे थे, जितना उनको उनके वकील ने कहा था। रिहा होने के बाद वे मुंबई रवाना हो गए।
निचली अदालतों से बेल की अर्जी खारिज होने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन जेल प्रशासन ने यह कहते हुए उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया था। कहा गया कि कोर्ट की कॉपी उनकों अभी तक नहीं मिली है। हालांकि देर रात उन्हें रिहा कर दिया गया।
ये था मामला
मध्य प्रदेश में बीजेपी के विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारुकी इंदौर की केंद्रीय जेल में थे। गौड़ ने फारुकी और चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देरी से किया गया रिहा
भोपाल की केंद्रीय जेल प्रशासन ने यूपी के प्रयागराज जिले की एक अदालत से जारी पेशी वारंट का हवाला देते हुए फारुकी को रिहा करने से इनकार किया था। फारुकी के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पेश कर औपचारिकताएं पूरी कीं। अदालत ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारुकी को केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
इससे पहले केंद्रीय जेल के एक अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की एक कोर्ट ने वहां दर्ज मामले में फारुकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने को आदेश दिया है। लिहाजा जेल मैन्युअल के हिसाब से फारुकी को रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की जरूरत होगी।
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने उठाए थे सवाल
पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने फारुकी को रिहा न करने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया था, लेकिन अभी तक फारुकी को रिहाई नहीं मिल सकी। 30 घंटे बीत जाने के बावजूद फारुकी बाहर नहीं आ सके। एमपी पुलिस और जेल प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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