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November 10, 2024

आचार संहिताः अब पुलिस और प्रशासन हुआ पावरफुल, चलेगा डंडा, हटेंगे पोस्टर और बैनर, नियम सख्त, इन बातों का रखें ख्याल

चुनाव आचार संहिता लागू होते ही चुनावी राज्यों में प्रशासन और पुलिस दोनों ही मजबूत हो गए हैं। इन पर नेताओं का दखल तो समाप्त हो जाना चाहिए। क्योंकि सरकार नाममात्र की हैं।

चुनाव आचार संहिता लागू होते ही चुनावी राज्यों में प्रशासन और पुलिस दोनों ही मजबूत हो गए हैं। इन पर नेताओं का दखल तो समाप्त हो जाना चाहिए। क्योंकि सरकार नाममात्र की हैं। सारी पावर अधिकारियों के हाथों में है। ऐसे में नियमों के पालन में सख्ती हो सकती है। चाहे वो नियम चुनाव से संबंधित हों या फिर कोरोना से संबंधित। यूपी में तो आचार संहिता लागू होते ही विभिन्न शहरों से चुनावी पोस्टर और होर्डिंग हटाने के काम आरंभ भी हो चुका है। उत्तराखंड और अन्य चुनावी राज्यों में भी ये शुरू हो जाएगा। अधिसूचना के साथ ही धारा 144 भी लागू हो गई है। कोरोना के नियमों के चलते चुनाव के नियम भी इस बार कुछ सख्त ही नजर आने वाले हैं।
उत्तराखंड समेत पांच राज्यों उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। पांचों राज्यों में सात चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा और अंतिम चरण की वोटिंग सात मार्च को होगी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। वहीं, मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। यहां 27 फरवरी को पहले दौर और 3 मार्च को अंतिम दौर का मतदान होगा। सभी राज्यों में 10 मार्च को मतगणना होगी। उत्तराखंड में चुनाव दूसरे फेज में आयोजित किए जाने हैं।
राजनीतिक दलों को नहीं फिलहाल रैली की इजाजत
पांचों चुनाव राज्यों में 15 जनवरी तक रैली, रोड शो आदि की इजाजत नहीं है। किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फिजिकल चुनावी रैलियों की इजाजत नहीं होगी। किसी भी नुक्कड़ सभा का आयोजन भी नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा चुनाव में जीत के बाद भी जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। डोर टू डोर कैंपेन के लिए केवल 5 लोग ही जा सकते हैं। 15 जनवरी के बाद हालात का जायजा लेकर चुनाव आयोग फैसला लेगा।
उत्तराखंड का चुनाव का पूरा कार्यक्रम
21 जनवरी- अधिसूचना होगी जारी।
28 जनवरी- नामांकन की अंतिम तिथि।
29 जनवरी- नामांकन की छंटनी।
31 जनवरी- नामांकन वापसी की अंतिम तारीख।
14 फरवरी- मतदान।
दस मार्च- परिणाम होंगे घोषित।
नहीं दिखेंगे ये नजारे
ढोल नगाड़ों की धूम पर नाचते समर्थकों की भीड़ के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने जाते नेताओं के नजारे आगामी विधानसभा चुनाव में नजर नहीं आएंगे। कोविड के कारण भारत निर्वाचन आयोग ने नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ अधिकतम दो प्रस्तावकों के ही मौजूद रहने की सीमा लगा दी है। साथ ही नामांकन पत्र, शपथ पत्र और जमानत राशि से जुड़े काम का ऑनलाइन विकल्प भी दे दिया है।
पांच लोग और पांच वाहन
आयोग ने डोर टू डोर प्रचार में प्रत्याशी सहित अधिकतम पांच लोगों के शामिल होने की शर्त लगाई है। इसमें सुरक्षा कर्मी अलग से शामिल हो सकते हैं। इसी तरह रोड शो में भी एक बार मे पांच वाहन शामिल हो सकेंगे। अलबत्ता प्रत्याशी चाहें तो टुकड़ो में रोड शो निकाल सकते हैं। हालाँकि इसमें भी दो काफिलों के बीच आधा घण्टा और 100 मीटर का फासला होना जरुरी किया गया है।
लागू हुए कड़े प्रतिबंध
आचार संहिता और धारा 144 लगने के बाद अब कड़े प्रतिबंध लागू हो गए हैं। अब किसी स्थान पर कोई पांच या इससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। यह आदेश पुलिस कर्मचारी व ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों, धार्मिक स्थलों, विद्यालयों, स्कूल, कालेज, विद्यार्थियों, शांतिपूर्वक जा रही शव यात्रा, उद्योग धंधों में कार्यरत कर्मचारियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, व्यावसायिक गतिविधियों के लिए एकत्र व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व समाप्त होने वाले घर घर जाकर प्रचार किए जाने पर लागू नहीं होगी। घर घर प्रचार के लिए पांच लोगों को ही अनुमति है। इसके अलावा पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर व गुरुद्वारा उपयोग निर्वाचन में प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन पर रोक
निर्वाचन की तिथि को मतदाता पर्चियों के माध्यम से चुनाव प्रचार करना या मतदाता को प्रभावित करने का प्रयास प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी उम्मीदवार द्वारा अन्य उम्मीदवार या उसके समर्थकों के पुतले लेकर चलने, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने तथा इस प्रकार का अन्य विरोध प्रदर्शन कार्य नहीं किया जाएगा। चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास नहीं किया जाएगा। राजकीय विश्राम गृह, डाक बंगलों को प्रयोग, राजनीतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।
इस पर भी रहेगा प्रतिबंध
कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का आग्नेय शास्त्र, लाठी डंडा या कोई ऐसी वस्तु लेकर प्रवेश नहीं करेगा,जो दूसरे व्यक्ति के विरूद्ध हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। कोई भी व्यक्ति ईंट पत्थर एकत्र नहीं करेगा। अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन वर्जित होगा। यह प्रतिबंध सिख धर्म के अनुयायियों व उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा, जो धार्मिक आधार पर कृपाण धारण करते हों या वृद्धावस्था या अपंगता के कारण लाठी रखते हैं।
बैठक के लिए लेनी होगी अनुमति
किसी सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना राजनैतिक दल बैठक, ध्वनि विस्तारक यंत्र, पब्लिक उपकरणों का प्रयोग, रोड शो, जुलूस, जनसभा, वाहन रैली आदि आयोजित नहीं करेंगे। जुलूस व ध्वनि विस्तारण यंत्र के प्रयोग का प्रतिबंध शव यात्रा, बरातियों और धार्मिक अनुष्ठानों में एकत्र व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा बशर्ते नियमानुसार हो। राजनैतिक लाभ, सामाजिक विद्वेश उत्पन्न करने व शांति भंग करने के उद्देश्य से न किया जाए।
वाहनों के इस्तेमाल के भी नियम
सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर कोई भी व्यक्ति अपने वाहन को निर्वाचन प्रचार में नहीं लगाएगा। प्रचार के लिए पालीथीन सामग्री व अन्य प्रतिबंधित सामग्री का प्रयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी उम्मीदवार उसके समर्थकों तथा चुनाव कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने के लिए मादक पदार्थो, रुपये, उपहार या किसी अन्य प्रकार की वस्तुओं का वितरण नहीं किया जाएगा। राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना पड़ेगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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