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March 10, 2025

सीएम धामी का तीसरा दिल्ली दौरा, अधूरा होमवर्क या राजनीति की नई परंपरा, बार बार झोली फैलाकर गणेश परिक्रमा

भारत में राजनीति की नई परंपरा जन्म ले रही है। इस परंपरा के तहत महत्वपूर्ण पद में बैठा व्यक्ति अपना खुद का निर्णय शायद ही ले पाता हो और कठपुतली बनकर काम करता हो।

भारत में राजनीति की नई परंपरा जन्म ले रही है। इस परंपरा के तहत महत्वपूर्ण पद में बैठा व्यक्ति अपना खुद का निर्णय शायद ही ले पाता हो और कठपुतली बनकर काम करता हो। तभी तो अधिकांश सीएम अपने हर काम का श्रेय खुद की बजाय बड़े नेताओं को देते हैं। दूसरी परंपरा है, ट्विटर पर और सोशल मीडिया पर बड़े नेताओं की तारीफों में कसीदें गढ़े जाएं। तीसरी परंपरा ये है कि आला अधिकारियों की बार बार गणेश परिक्रमा की जाए। इसे विकास के प्रयास का नाम दिया जा रहा है।
अब मैं आपको एक सच्ची घटना बताना चाह रहा हूं। एक दफ्तर में बॉस ने चररासी से एक सिगरेट मंगवाई। दुकान भी दफ्तर से करीब सात मिनट की दूरी पर थी। तब मोबाइल फोन भी होते थे। जैसे ही चपरासी सिगरेट लेने गया तो बॉस को याद आया कि जलाऊंगा कैसे, माचिस तो है नहीं। करीब दस पंद्रह मिनट बाद चपरासी आया और उसने सिगरेट बॉस की टेबल में रख दी। अब बॉस बोला माचिस भी ले आ। जलाऊंगा कैसे। चपरासी समझदार था। उसने जेब से माचिस निकाली और टेबल में रख दी। बोला मुझे पता था कि आप माचिस को कहोगे, इसलिए माचिस भी खरीदकर ले आया। ये चपरासी समझदार था। (नोट-लोकसाक्ष्य ध्रूमपान को बढ़ावा नहीं देता, सिर्फ उदाहरण के लिए इसे बताया गया है। ध्रूमपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ये कैंसर का जनक है।)
अब अगर इसी कहावत को राजनीति और की दृष्टि से देखा जाए तो सिगरेट को खरीद रहे हैं, फिर माचिस की याद आ रही है। चार जुलाई को सीएम पद की शपथ लेने के बाद से उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी अब तक तीसरी बार दिल्ली दरबार के चक्कर लगा चुके हैं। एक महीने के भीतर उनके दिल्ली के तीन दौरे हो चुके हैं। उनके हर दौरे को विकास के रूप में महिमामंडित किया जा रहा है। इस दौरान वे केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं। उनकी हर मुलाकात का प्रेस नोट जारी हो रहा है। अब इन मुलाकातों में कई चेहरे तो वहीं हैं, जिनसे वे पहले भी मिल चुके हैं। एक ही विभाग के मंत्री से बार बार उत्तराखंड में उनके विभाग की ओर से मदद मांगना इशारा करता है कि या तो पहली बार वे पूरा होमवर्क करके मुलाकात नहीं कर रहे हैं। फिर जब देहरादून लौट रहे हैं, तो उन्हें याद आ रहा है कि ये योजना तो छूट गई। फिर दिल्ली दरबार का दौरा शुरू होता है।
क्योंकि यदि आप सीएम के दिल्ली दौरे की पहले की मंत्रियों से मुलाकात की खबरें देखेंगे तो, वो सारी एक समान होंगी। एपण, गंगाजली या फिर चारधाम के प्रतीक चिह्न भेंट करते हुए उनकी फोटो होंगी। खबर होगी कि उनसे किन किन योजनाों में मदद मांगी। मंत्री ने क्या आश्वासन दिया। एक ही मंत्री से बार बार की मुलाकात तो यही कहती है कि या तो पहली बार वे माचिस लेना भूल गए। क्योंकि मुलाकातों में केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, रक्षा मंत्री से उनकी पिछली बार भी मुलाकत हुई थी और योजनाओं पर चर्चा हुई थी। फिर भाजपा में ऐसी परिपाटी बन गई है कि सामने आकर झोली फैलाए बगैर किसी योजना में धन स्वीकृत नहीं होगा। या फिर किसी योजना की स्वीकृति के लिए सीएम को पहले दिल्ली जाना होगा। नेताओं के साथ फोटो खिंचवानी होंगी और तब धनराशि की स्वीकृति की घोषणा होगी। राशि कब आती है ये बाद की बात है। हो सकतै है तब भी फोटो सेशन हो।

सांसदों से की राज्य के विकास पर चर्चा
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड के सांसदो के साथ प्रदेश के विकास से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट, सांसद तीरथ सिंह रावत, अजय टम्टा, माला राज्य लक्ष्मी शाह, श्री अनिल बलूनी, नरेश बंसल उपस्थित थे। चर्चा के बिंदु क्या थे, इसे तो नहीं बताया गया, लेकिन दो लाइन के प्रेस नोट के साथ दो फोटो जरूर जारी किए गए। एक बैठकर बातचीत करते हुए और दूसरी खड़े होकर फोटो सेशन की।
उत्तराखंड में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 1000 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी से शिष्टाचार भेंट की। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 1000 करोड़ रूपये और केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि में अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने इस पर केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी जी के मार्गदर्शन व सहयोग से पिछले चार वर्षों में उत्तराखंड में कनेक्टीवीटी के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतुओं के निर्माण में आने वाली अत्यधिक लागत को देखते हुए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की गयी सहायता प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा कि सड़कों के लिये उत्तराखंड राज्य की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। राज्य में रोपवे और केबिल कार के लिए भी सहायता दी जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि  के अन्तर्गत राज्य सरकार के अनुरोध पर 615.48 करोड़ रूपये की लागत के 42 कार्यों को स्वीकृत किये गये थे। अब केन्द्रीय मंत्री गडकरी की ओर से इसमें 300 करोड़ रूपये और दिने के प्रति आश्वस्त किया गया है।
ये भी किया अनुरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से टिहरी झील हेतु 02 लेन टनल के निर्माण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने के लिए मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग से कुल 105 किमी. की दूरी तय करनी पड़ती है। जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3:30 घंटे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।

भगत सिंह कोश्यारी से शिष्टाचार भेंट
दिल्ली प्रवास के दौरान उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शिष्टाचार भेंट की। गौरतलब है कि उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले की खटीमा सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं। वह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माने जाते हैं। जब भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री थे, तो पुष्कर धामी उनके ओएसडी हुआ करते थे। सीएम बनने से पहले पुष्कर धामी कभी भी किसी कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री के पद पर नहीं रहे हैं। ऐसे में सरकार चलाने का भी कोई अनुभव उनके पास नहीं है। ऐसी स्थिति में उनकी बड़े नेताओं के समक्ष परिक्रमा जारी है।

कुमाऊं में एम्स की स्थापना का अनुरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्य के कुमाऊं मंडल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए गृह मंत्रालय के स्तर से संस्तुति किये जाने का अनुरोध किया। हालांकि सीएम की पिछली मुलाकात में भी एम्स का मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से देहरादून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना किये जाने और सामरिक महत्ता को देखते हुए टनकपुर-बागेश्वर ब्राडगेज रेल लाईन के लिये उनके स्तर से रेल मंत्रालय को संस्तुति करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश होने के पश्चात भी राज्य के पर्वतीय दूरदराज कुमाऊं मंडल के इलाके,  भौगोलिक दूरीहोने के कारण सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। राज्य के कुमाऊ मंडल में एम्स की स्थापना करने से  कुमाऊं के नागरिकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती जनपदों के लोगों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होगी।  एम्स के लिए भूमि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व में भी एक राज्य में दो एम्स जैसे विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित किए गये हैं।
देहरादून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार से भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्वीकृति का अनुरोध किया गया है। इसके लिये जनपद देहरादून में निःशुल्क भूमि की व्यवस्था कर ली गयी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से देहरादून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्वीकृति के लिये संस्तुति किये जाने का अनुरोध किया।  इस अवसर पर उत्तराखण्ड के अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, स्थानिक आयुक्त डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते भी उपस्थित थे।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने दिया ये आश्वासन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में  केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना की भारत सरकार से वित्तीय स्वीकृति प्रदान करवाने और किसाऊ परियोजना का संशोधित एमओयू किए जाने का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना की भारत सरकार से जल्द वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी। किसाऊ परियोजना पर संबंधित राज्यों की संयुक्त बैठक की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने  किसाऊ परियोजना के संशोधित एमओयू के लिये भी आश्वस्त किया। यह भी निर्णय लिया गया कि  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड में जल जीवन मिशन की जल्द ही संयुक्त समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से पीएमकेएसवाई- हर खेत को पानी योजना के अन्तर्गत पर्वतीय राज्यों के लिये मानको में परिवर्तन या शिथिलीकरण प्रदान किये जाने का आग्रह किया। साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- “हर खेत को पानी” अन्तर्गत 422 लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति निर्गत किए जाने का भी अनुरोध किया।
लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना
मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून में यमुना नदी पर स्थित 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि परियोजना निर्माण हेतु सभी वांछित स्वीकृतियाँ प्राप्त हैं तथा वित्तीय सहायता हेतु भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रीमण्डलीय समिति से स्वीकृति एवं केन्द्रीय अनुदान प्राप्त होते ही इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने केद्रीय मंत्री से भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति से लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की शीघ्र वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्राथमिकता पर आवश्यक कार्यवाही करने  का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि लखवाङ बहुद्देशीय परियोजना की भारत सरकार से जल्द वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी।
गौरतलब है कि जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना (300 मेगावाट) की तकनीकी स्वीकृति दिनांक 03 जनवरी, 2013 तथा निवेश स्वीकृति माह अप्रैल, 2016 में निर्गत की गयी। भारत सरकार द्वारा निर्गत निवेश स्वीकृति के अन्तर्गत परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू० 5747.17 करोड़ में से जल घटक रू0 4673.01 करोड (81.30%) का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा 90:10 के अनुपात में किया जाना है तथा शेष रू० 1074.00 करोड़ (18.70%) जो कि ऊर्जा घटक है, का वित्त पोषण उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किया जायेगा।
किसाऊ परियोजना
मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि परियोजना की विद्युत घटक लागत एवं जल घटक लागत को भविष्य में परियोजना की कुल पुनरीक्षित लागत के सापेक्ष क्रमशः 13.3 प्रतिशत व 86.7 प्रतिशत पर स्थिर किया जाए। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को बिना किसी बाधवार सीमा के अपने जलांश का उपयोग किये जाने और अपने जलांश के अनुपयोगी जल को (यदि कोई हो) किसी भी राज्य को विक्रय किया जाने की अनुमति हो। उत्तराखण्ड राज्य को पूर्व में अपर यमुना रीवर बोर्ड द्वारा आवंटित जलांश 3.814 प्रतिशत से कम न किया जाए।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से किशाऊ बहुउद्देशीय बाँध परियोजना के कार्यान्वयन को गति प्रदान करने हेतु उक्त संशोधनों के साथ अंतर्राज्यीय समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करवाने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसाऊ परियोजना पर संबंधित राज्यों की संयुक्त बैठक की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने  किसाऊ परियोजना के संशोधित एमओयू के लिये भी आश्वस्त किया।
सीएसएस-एफएमपी
मुख्यमंत्री ने केन्द्रपुरोनिधानित बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम (सीएसएस-एफएमपी) के अन्तर्गत निर्माणाधीन 12 योजनाओं के लिए अवशेष केंद्रांश  29.52 करोड़ रूपये की राशि अवमुक्त करने और 38 नई बाढ़ सुरक्षा योजनाओं अनुमानित लागत 1108.38 करोङ रूपये, की इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की स्वीकृति देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रपुरोनिधानित बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम  के अन्तर्गत  निर्माणाधीन 12  योजनायें जिनकी स्वीकृत लागत 158.67 करोड़ रूपए के सापेक्ष केन्द्रांश की धनराशि 29.52 करोड़ रूपये की राशि भारत सरकार के स्तर से अवमुक्त किया जाना शेष है। उपरोक्त सभी कार्यों की स्वीकृत लागत के सापेक्ष राज्यांश की सम्पूर्ण धनराशि पूर्व में ही राज्य सरकार द्वारा निर्गत की जा चुकी है। भारत सरकार द्वारा पूर्व में अवमुक्त केन्द्रांश की धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग, पटना, भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने अवशेष केन्द्रांश की धनराशि 29.52 करोड रूपए भारत सरकार के स्तर से अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की केन्द्रपुरोनिधानित बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत 38  नई बाढ़ सुरक्षा योजनायें, अनुमानित लागत 1108.38 करोड रूपये है,  गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग, पटना, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान किया जा चुका है। इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस के लिये प्रस्ताव जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित है, जिन पर स्वीकृति अपेक्षित है।
पीएमकेएसवाई- हर खेत को पानी योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम स्थिति को देखते हुए पीएमकेएसवाई- हर खेत को पानी योजना के अन्तर्गत पर्वतीय राज्यों के लिये मानको में  परिवर्तन या शिथिलीकरण प्रदान किया जाना चाहिए। सर्फेस माइनर इरीगेशन स्किम में नहरों की पुनरोद्धार/जीर्णोद्वार, सृदृढीकरण तथा विस्तारीकरण की योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की जायें। पर्वतीय क्षेत्रों में नहर निर्माण की लागत अधिक होने के कारण वर्तमान प्रचलित गाईड लाईन 2.50 लाख रूपए प्रति हैक्टेयर लागत की सीमा को बढ़ाकर 3.50 लाख रूपये प्रति हैक्टेयर किया जाना चाहिए।

धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से किया ये अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से सामरिक महत्व को देखते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन ब्राडगेज (बीजी) की स्वीकृति के लिये रक्षा मंत्रालय के स्तर से भी संस्तुति करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने जखोली, रुद्रप्रयाग में स्वीकृत सैनिक स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं के लिए एमओयू में संशोधन करते हुए केन्द्रीय सहायता का भी अनुरोध किया।
सामरिक महत्व के दृष्टिगत टनकपुर-बागेश्वर ब्राडगेज लाईन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से  रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरोगेज रेलवे लाईन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैरोगेज रेलवे लाईन से न तो सामरिक महत्व के मसले हल होंगे और न ही यहां की यातायात व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। यह लाईन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाईन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से उनके स्तर से भी टनकपुर-बागेश्वर ब्राडगेज लाईन की स्वीकृति के लिये संस्तुति किये जाने का अनुरोध किया।
रुद्रप्रयाग में स्वीकृत सैनिक स्कूल को केन्द्रीय सहायता का अनुरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अवगत कराया कि उत्तराखंड राज्य में एक अतिरिक्त सैनिक स्कूल जखोली, जनपद रुद्रप्रयाग में खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड राज्य के मध्य एमओयू किया गया था।  सैनिक स्कूल की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य द्वारा अवस्थापना संबंधी सुविधायें उपलब्ध करायी जानी थी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए एमओयू में संशोधन करते हुए अवस्थापना विकास हेतु वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा प्रदान किये जाने का आग्रह किया।

दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारअजीत डोभाल से भी शिष्टाचार भेंट की और राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में उत्तराखंड की भूमिका और इस विषय से जुड़ी हुई चुनौतियों के बारे में व्यापक चर्चा की।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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