पुरानी पूजा पद्धति को बनाए रखने का सीएम का बयान ढकोसला, पहले बोर्ड को भंग करे सरकार और त्रिवेंद्र बजाएं बांसुरीः धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व दर्जा मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार की ओर से चारों धामों में पुरानी पूजा पद्धति को बनाए रखने के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान को ढकोसला बताया।
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व दर्जा मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार की ओर से चारों धामों में पुरानी पूजा पद्धति को बनाए रखने के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान को ढकोसला बताया। आज जारी एक बयान में उन्होंने कि सरकार को अगर कुछ करना है तो सरकार को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग करना चाहिए। जिससे सारे तीर्थ पुरोहित समाज में नाराजगी का जो सरोवर भरा पड़ा है वह खत्म हो।
एक बयान में उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने की और लोगों की आंखों में धूल झोंकने की बातें सरकार कर रही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को और हिंदू विचारधारा के लोगों को फिर दोबारा 2022 के चुनाव के लिए वोटों की खेती पैदा करने के उद्देश्य से झूठा प्रचार करके जुमलेबाजी करने जा रही है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जरूरत इस बात की है देहरादून की सरकार गैरसैण को कमीशनरी का दर्जा देने और इसी तरह से देवस्थानम बोर्ड और दिल्ली सरकार से काले कृषि कानून वापस लिए जाने पर तत्काल विचार करना चाहिए।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोविड-19 संबंधी फैसले में ढील देने के वर्तमान सीएम तीरथ सिंह रावत के एलान को अनावश्यक व हैरत भरा बताया। उन्होंने कहा कि यह त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही कहा था उत्तराखंड में 25000 से ज्यादा कोविड-19 नहीं होंगे, लेकिन लोगों ने देखा कि 98 हजार कुल संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचने वाला है। बेरोजगारी बढ़ती रही और त्रिवेंद्र सिंह रावत रोम के सम्राट नीरो की तरह बांसुरी बजाते रहे ।
उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को अब कुछ दिन चुप रह कर अपने 4 साल के कार्यकलापों पर पश्चाताप करना चाहिए। ना कि वह बयान बाजी देकर और ज्यादा अपने आप को विवादों का केंद्र बनाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के सबसे थर्ड क्लास मुख्यमंत्री का खिताब पहले ही मिल चुका है। उन्होंने कहा कि इस राज्य को नारायण दत्त तिवारी ने मजबूती से खड़ा किया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे सीएम ने उसे खड्डे में डाल दिया। उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी का ऐलान करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि श्रीनगर में हुई कांग्रेस की विशाल रैली ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कांग्रेस की लहर चल रही है। लोग 2022 में जब चुनाव होगा कांग्रेस को भारी बहुमत से सरकार में ले आएंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।