हर दिन सीएम ले रहे बैठक, बिजली दे रही झटके, अधिक कटौती पर सीएम ने जताई नाराजगी
उत्तराखंड में इन दिनों अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। अमूमन हर दिन मुख्यमंत्री ऊर्जा निगम और पेयजल एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं। इसके बावजूद बिजली की कटौती जारी है। साथ ही पेयजल की आपूर्ति भी अनियमित हो रही है। ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की बैठक ली और राज्य में अधिक बिजली कटौती पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि जल्द से जल्द बिजली संकट की समस्या का समाधान निकाला जाए। उन्होंने सचिव ऊर्जा, यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल के अधिकारियों से कहा कि बिजली संकट की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट शीघ्र उन्हें और मुख्य सचिव को दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब औद्योगिक क्षेत्रों एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली संकट की समस्या की शुरूआत उत्पन्न हो रही थी, तब इसके उचित समाधान निकालने के सार्थक प्रयास क्यों नहीं किये गये।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की अधूरी तैयारी के साथ बैठक में न आयें। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा की बैठक जल्द दुबारा किये जाने के निर्देश दिये। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि वे पूरी तैयारी और समस्या के समाधान की पूरी योजना बनाकर ही बैठक में आयें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्य संस्कृति में सबसे पहले व्यावहारिकता लाई जाए। प्रदेश का विकास हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है। सभी विभाग समस्याओं के समाधान के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि राज्य के कई क्षेत्रों से बिजली चोरी की शिकायते आ रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली चोरी की शिकायतों पर संबंधित क्षेत्रों में कार्य कर रहे संबधित अधिकारियों पर सख्त कारवाई की जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि व्यावहारिक समस्याओं एवं कार्य में आ रही कठिनाइयों के बारे में अवगत कराया जाय। जो समस्याएं आ रही हैं, उनका उचित समाधान निकाला जाय।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा एवं अपर सचिव रंजना राजगुरू, अपर सचिव इकबाल अहमद, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
जैविक उत्पादों की किट का किया अनावरण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ‘उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद’ की ओर से निर्मित किए गए जैविक उत्पाद किट का अनावरण किया। कृषि मंत्री की मांग पर उत्तराखंड में उत्पादित होने वाले विशेष उत्पादों को जीआई सुरक्षा और संवर्धन करते हुए वैश्विक पहचान दिलाने के लिए जीआई (जिओग्राफिकल इंडिकेटर) बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके लिए भी मुख्यमंत्री ने कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि हम मुख्यमंत्री के आभारी हैं कि उन्होंने ऑर्गेनिक बोर्ड के उत्पादों की इस किट का अनावरण करने के लिए समय दिया। इससे हमारे जैविक उत्पादकों का उत्साहवर्धन होगा और स्थानीय पारम्परिक उत्पादों की मांग में बृद्धि भी होगा। उन्होंने राज्य के उत्पादों को जीआई सुरक्षा प्रदान करेन के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जीआई बोर्ड के गठन की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह बोर्ड जीआई पंजीकरण करवाने के साथ-साथ घरेलु एंव अतर्राष्ट्रीय बाजारों में इन उत्पादों की मांग एवं विशेषताओं का अध्ययन करते हुए संभावित उत्पादों की पहचान भी करेगा।
उन्होंने कहा कि यह बोर्ड स्थापित सीमाओं के भीतर और सहमत मानाकों के अनुसार उत्पाद का उत्पादन करने वाले किसी भी निर्माता और अन्य संबंधित ऑपरेटर को संकेत का उपयोग करने का अधिकार प्रभावी ढंग से देने के लिए एक तंत्र तैयार करेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि जीआई बोर्ड के गठन से बड़े पैमाने पर स्थानीय उत्पादकों को रोजगार प्रोत्साहन मिलेगा तथा पलायन भी रूकेगा।




