सीएम ने समस्याओं और शिक्षा सुधार में संगठनों का सहयोग लेने के दिए निर्देश, औद्योगिक विकास को किया संवाद, आइएसबीटी का किया निरीक्षण
सचिवालय में राजकीय शिक्षक संघ की लंबित मांगों के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक संघ की मांगों पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। शिक्षकों के पारम्परिक व अंतर मण्डलीय स्थानान्तरण सहित अन्य प्रकरणों को महानिदेशक शिक्षा के अधीन गठित प्रकोष्ठ द्वारा इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेने, गम्भीर रूप से बीमार शिक्षकों की शिक्षक संघ की अनुशंसा पर स्थानान्तरण किये जाने, प्रधानाचार्यों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाये जाने, यात्रा अवकाश की बहाली, शिक्षकों को सत्रांत का लाभ दिये जाने, वरिष्ठ व कनिष्ठ वेतन विसंगति का शासनादेश शीघ्र जारी करने, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का निर्धारण करने के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्कूलों में संस्कृत एवं योगा के अध्यापकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार किये जाए। उन्होंने शिक्षक संघ द्वारा वेतन विसंगति आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को इस सम्बन्ध में गठित वेतन विसंगति समिति को संदर्भित करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ करने की संघ की मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। साथ ही न्यायालयों में जो प्रकरण लम्बित चल रहे हैं, उनकी पैरवी के लिये विभाग में लीगल सेल को प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा एवं योगा को बढ़ावा देकर प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाये जाने में भी मदद मिल सकेगी।
सचिव शिक्षा श्रीमती राधिका झा ने शिक्षक संघ की मांगों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। राजकीय शिक्षक संघ के प्रान्तीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में शैक्षिक वातावरण की मजबूती की लिये सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में महानिदेशक शिक्षावंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी के साथ संघ के पदाधिकारी एवं अधिकारी उपस्थित थे।
औद्योगिक विकास को किया वर्चुअल संवाद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें औद्योगिक संगठनों से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। सीमांत क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक नई कार्य संस्कृति लाने के प्रयास किये गये हैं। कार्यों के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक विकास के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में अच्छा कार्य हो सकता है। भारत सरकार के सहयोग से सिडकुल हरिद्वार में 300 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। उत्तराखंड आने वाले औद्योगिक संस्थानों को राज्य में हर संभव सुविधा दिये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
सीआईआई के प्रतिनिधियों ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अपने सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखंड में औद्योगिक विकास में तेजी आई है। उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर अपर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एमडी सिडकुल रोहित मीणा वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
आइएसबीटी का किया निरीक्षण, यात्रियों से की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएसबीटी देहरादून का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी में यात्रियों के बैठने, पेयजल, स्वच्छता, शौचालय की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर यात्रियों को बैठने के लिए बैंच की पूरी व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित हो कि पेयजल आपूर्ति बाधित न हो। शौचालय में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड परिवहन निगम के काउंटर का निरीक्षण कर निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी जानकारियां बोर्ड पर चस्पा की जाए। बुजुर्ग लोगों को आवागमन के लिए कोई दिक्कत न हो, काउंटर पर उनकी सहायता के लिए व्यवस्था की जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में जाकर यात्रियों से बातचीत की एवं विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
पारम्परिक धारे, नोले, चाल खाल के पुनर्जीवन की बनाई जाए योजना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में पेयजल के साथ सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जल संचय एवं जल संरक्षण के लिये व्यापक जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देते हुए पारम्परिक चाल खाल के पुनर्जीवीकरण पर भी ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वीकृत योजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया 15 नवम्बर तक पूर्ण कर ली जाए ताकि उन पर शीघ्रता से कार्य प्रारम्भ हो सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं देख रेख के लिये सम्बन्धित गांव के युवाओं की सेवाएं ली जाए। इससे युवाओं को रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही उनकी तकनीकि दक्षता भी बढ़ेगी। उन्होंने ऐसे युवाओं की शैक्षिक दक्षता बढ़ाने के लिये शिक्षा विभाग से समन्वय बनाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट से सम्बन्धित योजनाओं को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुरानी पेयजल योजनाओं, हेण्डपंपों आदि की मरम्मत तथा मोटरों की इनर्जी आडिट आदि कराये जाने की भी योजना बनाने को कहा। उन्होंने हर गांव में वाटर टैंक तथा प्राकृतिक जल स्रोतों की स्टडी किये जाने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जहां भी पानी की लाइन बिछाई जा चुकी है। वहां पानी की सुविधा उपलब्ध हो जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों मे एक सप्ताह मे तथा शहरी क्षेत्रों मे 1 रूपये पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराना राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय है।
सचिव पेयजल नीतेश झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में जलजीवन मिशन, नमामिगंगे तथा अमृत योजना के तहत संचालित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 15.18 लाख घरों में से 7.05 घरों को तथा शहरी क्षेत्रों में 11.65 घरों के विपरीत 5.58 लाख घरों को पेयजल योजना से जोड़ा जा चुका है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 11.65 लाख के विपरीत 3.26 लाख घरो को सीवरेज से जोडा गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर तथा शहरी क्षेत्रों में 135 लीटर प्रति घर पानी उपलब्ध कराये जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 96 प्रतिशत स्कूलों को पेयजल योजना से जोडा गया है। प्रदेश के सभी घरों को दिसम्बर, 2022 तक पेयजल योजना से जोड दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनवरी तक मसूरी पंपिंग पेयजल योजना पूर्ण कर ली जायेगी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, प्रमुख सचिव डॉ एसएससन्धू, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, अपर सचिव नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, उदयराज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।