सीएम धामी का केंद्रीय मंत्रियों से भेंट का सिलसिला जारी, मांग रहे योजनाओं में सहयोग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात का सिलसिला जारी है। इस दौरान वह मंत्रियों से उत्तराखंड में विभिन्न योजनाओं के लिए सहयोग मांग रहे हैं। इस कड़ी में वह गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू और केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उन्हें प्रदेश की जनता की ओर से पुनः सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा 2016 में राज्य के 06 मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्डुवाखाल नागचुलाखाल-बैजरों, बिहारीगढ़-रोशनाबाद तथा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने उक्त मागों की अधिसूचना निर्गत किए जाने का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल को जोड़ने वाले 256.90 किमी लम्बे खैरना – रानीखेत -भतरौंजखान – भिकियासैंण – देघाट -महलचौरी – नागचुलाखाल – बुंगीधार – बैंजरों सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया। साथ ही बताया कि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने से कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग 05 विधानसभा क्षेत्रों- नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग एवं थैलीसैंण को संयोजित करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने 189 किमी लम्बे काठगोदाम -भीमताल- धानाचूली- मोरनौला- खेतीखान- लोहाघाट- पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का आग्रह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से देहरादून में मोहकमपुर आरओबी से अजबपुर आरओबी तक (विधान सभा चौक से मोहकमपुर तक) के मार्ग को ऐलिवेटेट मार्ग के रूप में परिवर्तित किये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इसकी लागत रू0 452.00 करोड़ आगणित की गई है। उन्होंने प्रस्तावित कार्य को वार्षिक योजना 2024-25 में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की वाहनों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत 51.59 किमी. लम्बी देहरादून रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में देहरादून रिंग रोड का कार्य एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है। आशारोडी से झाझरा तक कुल 12.00 किमी लम्बाई में 04-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डीपीआर गठन की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसके शेष कार्य की स्वीकृति के साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 कि.मी ऋषिकेश बाईपास सड़क निर्माण के लिए भी केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। इन प्रस्तावों पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि कुमाँऊ क्षेत्र में एनएचएआई द्वारा अफजलगढ़ भागूवाला बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये संरेखण के अंतिमीकरण की कार्यवाही की जा रही है। एलएसी के प्रस्ताव को एनएचएआई मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन उक्त परियोजनाओं पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को मसूरी-देहरादून के मध्य बढ़ते यातायात के दबाव की समस्या से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि 40 किमी. लम्बे देहरादून-मसूरी मार्ग की संयोजकता को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। इस मार्ग के निर्माण से देहरादून व मसूरी में अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना इस कनेक्टिविटी का उपयोग करने और शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के लिये प्रस्तावित कनेक्टिविटी एन. एच. 07 पर झाझरा गोल चक्कर से प्रारम्भ होकर लाईब्रेरी चौक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डी.पी.आर. के गठन की कार्यवाही गतिमान है। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंचीधाम बाईपास के निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कैंचीधाम, ज्योलीकोट-अल्मोड़ा मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के किमी0 24 पर स्थित है। इस स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने एवं सड़क पर वाहनों से जाम की स्थिति बनी रहती है। वर्तमान में इस मार्ग का (ज्योलीकोट से खैरना) 2 लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है। इसका एलाइन्मेंट स्वीकृति के लिए मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। इस बाईपास की लम्बाई 1.900 किमी० होगी। इस बाई पास के प्रारम्भ बिन्दु के 275 मी० बाद एक 325 मी० की सुरंग भी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर के लिए रिंग रोड़ निर्माण, हल्द्वानी बाईपास निर्माण, पंतनगर एयरपोर्ट हेतु बाईपास निर्माण के साथ ही चंपावत बाईपास, लोहाघाट बाईपास, पिथौरागढ़ बाईपास के निर्माण का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भेंट के दौरान बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चारधाम सड़क परियोजना, सीआरआईएफ, एनएच एवं एनएचएआई के माध्यम से राज्य सरकार को विशिष्ट सहयोग प्रदान किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 13 जनपदों में से 10 जनपद पूर्ण रूप से पर्वतीय हैं तथा इन जनपदों में यातायात का मुख्य साधन सड़क मार्ग है। मार्गों को प्रत्येक ऋतु में आवागमन हेतु सुचारु किये जाने के लिए मार्गों को सर्वऋतु मार्गों में निर्मित किया जाने तथा प्रदेश के कई जनपदों की सीमायें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा होने के दृष्टिगत सड़क मार्गों से ही सैन्य आवागमन होता है। सामरिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण जनपदों में आमजनमानस की आवाजाही बनाये रखने तथा सैन्य आवागमन हेतु मार्गों को उच्चीकृत किया जाना राज्य हित में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने राज्य महत्व की सड़क निर्माण से संबंधित उपरोक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति हेतु केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस संबंध में हर संभव सहयोग का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दायित्व का कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के संबंध में अनुमोदन प्रदान कर सम्बंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंहनगर के पंतनगर में स्थित रनवे छोटा होने के कारण इस एयरपोर्ट पर बड़े वायुयानों को उतारना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए रनवे को बढ़ा कर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1372 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 3000 मीटर किया जाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सिडकुल की कुल 804.0162 एकड़ अथवा 325.5126 हैक्टेएयर भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें से 212.4868 (524.78 एकड़) भूमि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित की जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि के हस्तातंरण के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध करते हुए विस्तारीकरण पर कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू(नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित करने में कोई अवरोध नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तारीकरण हेतु एयरपोर्ट सीमा से लगी एनटीआरओ की परिधि में आने वाली भूमि के लिए अनापत्ति की कार्यवाही गतिमान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केदारनाथ धाम और देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिड्रोम पर एटीसी की स्थापना के सम्बंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में उत्तराखंड के तीन हवाई अड्डे हैं जहां VHF संचार सहित वायु यातायात सेवा उपलब्ध हैं। हालांकि VHF संचार व्यवस्था एक लाइन ऑफ साइट कम्युनिकेशन व्यवस्था होने तथा राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र अभी भी इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं हो पाए हैं। इसके मद्देनजर केदारनाथ धाम और सहस्त्रधारा हेलिड्रोम में वायु यातायात नियंत्रण स्थापित किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के सीमावर्ती शहर पिथौरागढ़ के लिए अलायन्स एयर द्वारा द्वारा उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत दिल्ली-पिथौरागढ़-दिल्ली उड़ान संचालन हेतु सहमति हो गई है। राज्य सरकार द्वारा हवाई अड्डे के लिए 2 सी श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीआर 42 विमानों के संचालन हेतु पायलट्स के लिए सिम्युलेटर ट्रेनिंग आवश्यक है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अलायन्स एयर को सिम्युलेटर ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने हेतु सम्बंधित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से की भेंट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मामले और केंद्रीय मंत्री ऊर्जा के दायित्व का कार्यभार ग्रहण किये जाने पर बधाई और शुभकामनायें दीं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में विद्युत उत्पादन के लिए केवल जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन केन्द्रों की उपलब्धता है। इसके फलस्वरूप राज्य के कुल Energy Mix में 55% से अधिक ऊर्जा जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होती है। कोयला आधारित संयंत्रों से राज्य के Energy Mix में केवल 15% ऊर्जा ही प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप राज्य में बेस लोड क्षमता का अभाव राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के लिये कठिन चुनौती बनता जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि शीत ऋतु में राज्य के जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से औसतन 300-400 मेगावाट ऊर्जा ही प्राप्त हो पाती है, जो ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति को और गम्भीर बनाती है। राज्य में लगभग 4800 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण मुख्यतः पर्यावरणीय कारणों से विभिन्न मा० न्यायालयों अथवा अन्य स्तरों पर लम्बित है जिस कारण राज्य में उपलब्ध जल शक्ति का विकास न हो पाने के कारण राज्य में विद्युत की माँग एवं उपलब्धता का अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा इस वर्ष सम्पादित की गई Resource Adequacy Studies में भी उत्तराखण्ड राज्य के Energy Mix में वर्ष 2027-28 तक 1200 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत कोयला आधारित तापीय संयत्रों से प्राप्त किये जाने की संस्तुति की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आगामी पाँच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राज्य के आधारभूत ढ़ाँचे में व्यापक वृद्धि की जानी है, जिसमें राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत ढाँचा मुख्य है, कृषि एवं वानिकी तथा शिक्षा आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित हो रहा है, जिसके फलस्वरूप निकट भविष्य में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि अपेक्षित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य की बेस लोड की आवश्यकताओं को पूर्ण किये जाने और विद्युत की मांग तथा उपलब्धता के अन्तर को कम किये जाने के लिए केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।