सीएम धामी का केदारनाथ दौरा स्थगित, दिया ये हवाला, या कुछ ओर है हकीकत, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने खोली छतरी
माना जा रहा है ये कारण
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ एवं केदारनाथ सहित 51 मंदिरों के बेहतर प्रबंधन की बात कहते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इसके विरोध में राज्य के पंडा पुरोहित आ गए। वे लगातार बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस समय राज्य के पहाड़ी जिलों के दौरे पर हैं। वहीं, देवस्थानम बोर्ड का विरोध करने वालों का उन्हें विरोध झेलना पड़ रहा है। कई जगह प्रदर्शनकारी उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध कर रहे हैं। इसे भी अब सीएम धामी के केदारनाथ दौरे को रद्द करने से जोड़कर देखा जा रहा है। चारों धामों में बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री में तो आंदोलन इस दौरान चरम में है। ऐसे में सीएम के दौरे के दौरान विरोध की संभावना को देखते हुए रद्द करने का ही निर्णय किया गया है।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा भी आई विरोध में
अब देवस्थानम बोर्ड के विरोध में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने की मांग की। महासभा का कहना है कि सरकार का यह कदम धार्मिक पर्यटन पर आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं तीर्थ पुरोहितों के हितों के विरुद्ध है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने मथुरा ( उत्तर प्रदेश ) में बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सोमवार को लिखे गए पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि सरकार बोर्ड को तुरंत भंग करने की घोषणा करे।
धामी के दौरा रद्द होने पर ये दिया तर्क
सीएम कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि व आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज का केदारनाथ व रुद्रप्रयाग का भ्रमण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री आज सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ मध्याह्न 12 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा करेंगे। बैठक में लोनिवि, स्वास्थ्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा, सिंचाई सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
विरोध के बावजूद पूर्व सीएम ने खोली छतरी
पर्वतीय जिलों में भारी विरोध के बावजूद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तो छतरी खोल कर बैठे हैं। वह पर्वतीय जिलों में जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। अपने पूर्व के कार्यों को गिना रहे हैं। मंदिरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं। जगह जगह पौधरोपण कर रहे हैं। बारिश और मौसम का उन्होंने हवाला नहीं दिया। बारिश में छतरी खोलकर दूर दराज के क्षेत्र में जा रहे हैं। इस दौरान उनका जगह जगह भारी विरोध भी हो रहा है। लोग काले झंडे भी दिखा रहे हैं। वहीं, वे अपनी बात पर अड़े हैं कि उनका निर्णय तीर्थ पुरोहितों की भलाई के लिए है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जगह जगह लोगों से बातचीत में जगन्नाथ मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर सहित देश के अन्य मंदिरों का उदाहरण देकर कहते हैं कि बोर्ड बनने के बाद उनकी आय बढ़ी है। उनका कहना है कि लोग आज विरोध कर रहे हैं, 10 साल बाद वही मेरे इस कार्य का स्वागत व धन्यवाद करेंगे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।