Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 15, 2024

सीएम धामी ने नानकमत्ता साहिब में पहना चांदी का मुकुट, अकाल तख्त तक पहुंची बात, प्रबंधकों का लिया इस्तीफा, जानिए मामला

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में पहुंचने के तरीके को लेकर और उस दौरान हुए कार्यक्रम को लेकर सिख संगत नाराज है। इसकी गूंज यूपी से लेकर अकाल तख्त अमृसर पहुंच गई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में पहुंचने के तरीके को लेकर और उस दौरान हुए कार्यक्रम को लेकर सिख संगत नाराज है। इसकी गूंज यूपी से लेकर अकाल तख्त अमृसर पहुंच गई। अमृतसर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी भी गुरुद्वारा भेजी गई। सिख संगतों के साथ हुई कमेटी की बैठक के बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही नई कमेटी गठित कर दी गई। ये कमेटी ही अब पूरे प्रकरण की जांच कर करेगी। इसके बाद फैसला अकाल तख्त अमृतसर के सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह करेंगे।

गौरतलब है कि तीन दिवसीय दौरे के दौरान 24 जुलाई को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह रावत गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में मत्था टेकने पहुंचे थे। इस दौरान उनका उत्तराखंड के सांस्कृतिक दल ने स्वागत किया। स्वागत के दौरान जब सीएम दरबार साहब में मत्था टेकने गए तो उनके पीछे युवतियां भी नृत्य करते हुए दरबार साहब के रास्ते तक पहुंच गई। इसे सिख परंपरा के विरुद्ध माना गया। यही नहीं बाबा करसेम सिंह ने सीएम को चांदी का मुकुट पहना कर सम्मानित किया। ये भी सिख पंरपरा के विरुद्ध माना गया। सिख परंपरा में सरोपा या कृपाण भेंट करने की परंपरा है।
गुरु घर मे हुए नृत्य के साथ ही दरबारा साहिब में गुरुबाणी की कथा को भी रोक दिया गया। यही नहीं गुरुद्वारा को एक किस्म से राजनीतिक कार्यक्रम का अखाड़ा बना दिया। इस दौरान भाजपाइयों की ओर से नारेबाजी भी की गई। ऐसे कार्यक्रमों को लेकर सिख संगत के बीच भारी रोष व्याप्त था। इसे लेकर उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश से भारी संख्या में बीते मंगलवार को सिख संगत गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में पहुँची थी।

इधर मामला श्री अकाल तख्त अमृतसर के सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी अमृतसर से गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में जांच के लिए भेज दी थी। ये कमेटी ने मंगलवार को संगत से मिली और उसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों तथा सभी सदस्यों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान हीआज बुधवार को गुरुद्वारा साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 24 सदस्यो के साथ अकाल तख्त की तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य श्री अकाल तख्त अमृतसर के हेड ग्रन्थी ज्ञानी मलकीत सिंह, प्रचारक ज्ञानी सर्वजीत सिह ढोढ़ी, धर्म प्रचारक ज्ञानी अजीत सिंह ने फैसला लेते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सेवा सिह, मीत प्रधान जसविंदर सिंह गिल, जनरल सैकेट्री धन्ना सिह व सैकेट्री डॉ. केहर सिह सहित चारों पदाधिकारियों को गुरु घर मे हुई अनैतिकता के आधार पर सिह साहिबान के फैसले लेने तक इस्तीफा देने का फैसला दिया।

इसके बाद चारो गुरुद्वारा पदाधिकारियो ने सिंह साहिबान के फैसले को सर्वोपरि मानते हुए अपने इस्तीफे दे दिए। इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी ने 19 सदस्यो से अपने-2 नाम की पर्चियों को डालकर उसमें से 5 सदस्यो को लक्की ड्रा के तहत पर्चियों को निकाला गया। इसके बाद जरनैल सिंह अमरिया, कुलदीप सिंह पन्नू बरेली, अमरजीत सिंह किच्छा, सुखदीप सिह पूरनपुर, जसबीर सिंह गौलापार नैनीताल को पांच सदस्यीय कमेटी सदस्य बनाया गया। उसके बाद संगत के बीच मे श्री दरबार साहिब में अरदास के बाद सिंह साहिबान हेड ग्रन्थी ज्ञानी मलकीत सिंह की ओर से चुने गए पाँचो सदस्यो को सरोपे देकर सम्मानित किया। साथ ही कहा कि जब तक सिघसाहिबान जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का फैसला नही आता तब तक ये पांच सदस्यों द्वारा गुरुद्वारा साहिब का सारा कामकाज देखा जायेगा।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page