सीएम धामी ने जोशीमठ में आपदाग्रस्त इलाकों का किया दौरा, प्रभावितों से मिलकर हुए भावुक, दिया हर संभव मदद का भरोसा
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आपदा की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खडी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बडी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुनर्वास की की जा रही है वैकल्पिक व्यवस्था
उन्होंने कहा कि भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। भूधंसाव रोकने के लिये तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। खतरे की जद में आए पूरे शहर में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। जिसके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द ही कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस समय तत्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ की चर्चा
आईटीबीपी अतिथि गृह में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय गणमान्य नागरिकों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति को लेकर गहनता से विचार विमर्श किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से जोशीमठ शहर को बचाना हम सबके सामने बडी चुनौती है। संकट की इस घडी में आरोप प्रत्यारोप से हटकर एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया राहत शिविरों में रहने की समुचित व्यवस्था की जाए। राहत शिविरों में चिकित्सा उपचार की भी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना तैयार करें। डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए सुरक्षित जगह तलाशी जाए। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। सभी विभाग टीम भावना से काम करे तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डीएम ने दी प्रशासन के कार्यों की जानकारी
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में संचालित राहत कार्यो के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि सभी वार्डों में सर्वेक्षण कार्यो को पूरा करने, प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक शेल्टर भवनों में शिफ्ट करने और प्रभावित लोगों के लिए अन्य समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। इसके सभी सेक्टर अधिकारियों की तैनाती भी गई है। प्रभावित परिवारों को ड्राइ राशन किट व कुक्ड फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है। जिन परिवारों को तत्कालिक रूप से शिफ्ट करने की आवश्यकता है उनको सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे उपस्थित
इस दौरान बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भंडारी, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, सहकारिता के अध्यक्ष गजेंद्र रावत, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित गढवाल आयुक्त सतीश कुमार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।