सीएम धामी ने टनकपुर में शुरू किया मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, विशेषज्ञों के साथ हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र पर किया विचार मंथन

ये की गई घोषणा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लिये विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणाएं की। इसमें राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फुंगर, सल्ली, मोराडी, पल्सो, गोली, तालियाबाज एवम धूरा सहित 7 विद्यालयों का इंटर मीडिएट में उच्चीकरण किए जाने, सल्ली, नायल, हरम, बिचई, मंच, पुनेठी, ढकना बडोला कठनोली शक्तिपूरबुंगा, अमर कटिया, चेकुनीबोरा, बस्तिया सहित 12 पंचायत घरों के निर्माण, पुलिस क्षेत्राधिकारी क्षेत्र टनकपुर में स्मार्ट कंट्रोल रूम का निर्माण करने की भी घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने थाना बनबसा हेतु नवीन भवन का निर्माण करने की घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जनता का समस्याओं का आसानी से होगा समाधान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को गणेश चतुर्थी की बधाई देते हुए कहा कि हर शुभ कार्य में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा होती है इस शुभ अवसर पर कार्यालय का शुभारंभ होना एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा अब हर समस्या का समाधान कैंप कार्यालय में किया जाएगा। अपनी समस्याओं को लेकर आम लोगों को देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह कैम्प कार्यालय जिलाधिकारी कार्यालय एवं मुख्यमंत्री कार्यालय देहरादून से समन्वय स्थापित कर जनता की सेवा एवं जनहित के विकास कार्यों को गति प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रवासियों की बहुत पहले से मांग थी कि यहां मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय खुले। इसके लिए आज इस कैंप कार्यालय को खोला गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जिलाधिकारी को दिए निर्देश
उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जिला स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान संभव है वह जिला स्तर पर ही हल कराई जाए। जो कार्य तहसीलदार उप जिलाधिकारी कार्यालय से निस्तारित होने हैं वहीं से होने चाहिए। जनता को अनावश्यक दिक्कतों का सामना न करना पड़े और समय से उनकी समस्याओं का समाधान हो। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि विभागीय स्तर पर यह भी तय किया गया कि जिस अधिकारी स्तर पर समस्याओं का समाधान होना है वह निश्चित रूप से उसी अधिकारी के स्तर पर हल हो जाए। जनता को अनावश्यक अपनी समस्याओं के हल के लिए बेवजह देहरादून के चक्कर लगाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जनता की समस्या का सरलीकरण समाधान निस्तारण एवं संतुष्टि के तहत कार्य करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अध्यक्ष वन विकास निगम कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चंपावत को एक श्रेष्ठ जिला बनाए जाने हेतु विभिन्न विभागीय स्तर पर लगातार बैठक कर योजनाओ का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। आज जिले में विभिन्न स्तर पर विकास कार्य हो रहे हैं। निश्चित रूप से शीघ्र ही इस क्षेत्र में विकास के नए कार्य दिखेंगे। उन्होंने कहा कि यह चंपावत जिले के लिए एक सौभाग्य है कि माननीय मुख्यमंत्री यहां से प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, अध्यक्ष नगर पालिका टनकपुर विपिन कुमार, अध्यक्ष नगर पालिका चंपावत विजय वर्मा, नगर पंचायत बनबसा, जिला अधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत,अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, क्षेत्रीय जनता, अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पूर्व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कैम्प कार्यालय में विधिवत पूजा अर्चना के बाद क्षेत्रीय जनता की समस्या भी सुनी। इसके लिए उन्होंने आश्वस्त कराया कि कैंप कार्यालय के माध्यम से जन सामान्य को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री द्वारा कैम्प कार्यालय परिसर में ध्वजारोहण किया व रुद्राक्ष का पौध रोपण किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशेषज्ञों के साथ किया मंथन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित, मुख्य सेवक सदन में उत्तराखंड@ 25- आदर्श चम्पावत अन्तर्गत प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार भारत सरकार, हैस्को, यू-कॉस्ट एवं अन्य विषय विशेषज्ञों के साथ ‘हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र’ विचार मंथन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर भारत, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, वैज्ञानिक सचिव प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. परविन्दर मैनी, डीजी यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड केवल एक पर्वतीय राज्य ही नहीं, यह हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग भी है। उत्तराखंडके विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विषय विशेषज्ञों के साथ विचारों की श्रृंखला बोधिसत्व कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसके तहत नीति आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार एवं भारत सरकार के तत्कालीन प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन और कई प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों की उपस्थिति में आत्मनिर्भर उत्तराखंड@ 25 की परिकल्पना की गई। 2025 में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि तब तक राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाया जाए। इसके लिए सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि में कहा था कि यह दशक उत्तराखंडका दशक होगा। उत्तराखंडको सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सबको अपना योगदान देना होगा। उत्तराखंडको आदर्श राज्य बनाने के लिए चम्पावत जनपद को मॉडल जनपद के रूप में लिया गया है। चम्पावत जनपद में मैदानी, उच्च एवं मध्य हिमालयी क्षेत्र है। चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकॉस्ट को नोडल बनाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी के इस दौर में शोध, अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मिले। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं और सभी प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विज्ञान और तकनीक की मदद से क्षेत्र विशेष की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाओं के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, बागवानी, पर्यटन ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। इकोनॉमी और ईकोलॉजी में समन्वय बनाकर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही जल संचय, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार से आग्रह किया कि उत्तराखंड में सेमीकंडक्टर तथा आर.सी. के निर्माण की संभावनाओं पर भी विचार किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ऑफिस से हम कैटालिस्ट बनकर काम कर सकते हैं। राज्य को हर संभव मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आज जो मंथन हो रहा है। एक साल में इसके काफी सुखद परिणाम देखने को मिले इसके लिए हमें आज से ही प्रयास करने होंगे। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ऑफिस काफी समय से उत्तराखंडसे जुड़ा है। जी.डी.पी और जी.ई.पी. के सामंजस्य से उत्तराखंडआगे बढ़ रहा है, यह एक अच्छी पहल है। डिजास्टर मैनेजमेंट, ईको सिस्टम रेस्टोरेशन, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के साथ-साथ गर्ल एजुकेशन पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस विचार मंथन में जो भी सुझाव मिलेंगे, उनमें पूरा सहयोग दिया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हैस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखंडहिमालयी राज्य है। हिमालयी राज्य होने के नाते उत्तराखंडका दायित्व और बढ़ जाता है। विकास के साथ ही प्राकृतिक संतुलन भी जरूरी है। इस दिशा में राज्य में सराहनीय प्रयास भी हो रहे हैं। हमें अपने संसाधनों का सही उपयोग कर आगे बढ़ना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए सबको पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के प्रयास करने होंगे। उतराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य हैं। राज्य में मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्र हैं। देहरादून और नैनीताल जनपदों का आधा हिस्सा मैदानी और आधा पर्वतीय है। उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए मैदानी एवं पर्वतीय जनपदों के लिए एक ही नीति नहीं बनाई जा सकती है। मैदानी जनपदों के लिए अलग और पर्वतीय जनपदों के लिए अलग नीति बनाकर राज्य के विकास के लिए सुनियोजित प्लानिंग हो सकती है। इस पर कार्य भी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अपना मॉडल डेवलप कर लीड लेनी होगी। समस्याओं का विश्लेषण कर समाधान ढ़ूढ़ना है। उत्तराखंड में अनेक प्राकृतिक ससांधन हैं, इन संसाधनों का सदुपयोग कर ईकोनॉमी और ईकोलॉजी में सतंलन बढ़ाकर आगे बढ़ना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर प्रमुख सचिआर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव रंजना राजगुरू, आनंद स्वरूप, वंशीधर तिवारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न संस्थानों के निदेशक एवं अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।