उद्यमियों से बोले सीएम धामी, राज्य में शुरू होने जा रही है लॉजिस्टिक पॉलिसी, बाल दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि संस्कृति और आध्यात्म का केंद्र है। प्राकृतिक सौंदर्य एवं बेहतर मानव संसाधन दोनों उत्तराखंड के पास हैं। राज्य में औद्योगिक संस्थानों को हर प्रकार सुविधा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में हवाई, रेल एवं संड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से समय-समय पर संवाद स्थापित किये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए जो महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं, उन्हें राज्य की औद्योगिक नीति में शामिल किया गया है। इस कॉन्क्लेव को ‘एडवांटेज उत्तराखंड’ के लिए समर्पित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लघु उद्योगों के लिए अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में बागवानी, जैविक खेती, औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में फार्मास्युटिकल उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आज अच्छा कारोबार कर रहा है। राज्य ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, एक फार्मास्युटिकल पार्क और एक अरोमा पार्क स्थापित किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश के विकास में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है। उत्तराखंड में जैविक एवं प्राकृतिक खेती को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। उद्योगों के विकास के लिए राज्य में विभिन्न अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू है। 11 फसलों को जीआई टैग किया जा रहा है। कीवी, सेब एवं मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का सबसे बड़ा संसाधन पशुपालन, दुग्ध एवं इससे संबंधित उत्पाद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में डेयरी उत्पादों के प्रोडक्शन के साथ ही उनकी मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। दुग्ध एवं उनसे संबंधित उत्पादों के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, इन प्रतिभाओं को उजागर करने की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है। इसमें औद्योगिक संस्थानों की बड़ी भूमिका हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए औद्योगिक संस्थानों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। राज्य में निवेशकों को लाईजन ऑफिसर की जरूरत होगी तो, उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। अवस्थापना विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। औद्योगिक शांति में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्य है। राज्य में औद्योगिक विकास की अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में निवेश से निवेशकों को भी फायदा होगा एवं स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि राज्य में दो मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क हैं। काशीपुर में अरोमा पार्क भी बनाया गया है। कीवी के उत्पादन में राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। हर्बल उत्पादों एवं डेयरी के विकास में भी राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने लॉजिस्टिक नीति, र्स्टाटअप नीति, नई औद्योगिक नीति, सर्विस सेक्टर नीति सहित राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास से संबंधित विभिन्न प्रयासों की जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम ने सभी निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एवं डेयरी पर आधारित इस कॉन्क्लेव में इन क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। इन क्षेत्रों में राज्य में कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं। पतंजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में 4 तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं। भारत का पहली फूड प्रोसेसिंग यूनिट उत्तराखण्ड में स्थापित हुई। एरोमैटिक एवं मेडिसनल क्षेत्र में राज्य में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य बद्री गाय के दूध, घी एवं एन्य उत्पादों को और अधिक प्रमोट करना होगा। राज्य की औषधीय गुणों वाली दालों की ब्रांडिंग पर भी ध्यान देना होगा। इस अवसर पर विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य उपासना के पर्व उत्तरायणी पर सौर ऊर्जा से संबंधित योजनाएं लांच की जाएंगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तरायणी मेले, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म जयंती पर सुशासन दिवस एवं वीर बाल दिवस की तैयारियों को लेकर बैठक ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरायणी मेले में प्रदेशभर में भव्य आयोजन किये जाएं। यह मेला संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन को बढ़ावा देता है। 14 जनवरी को पूरे देश में अलग-अलग रूपों में सूर्य उपासना के पर्व मनाये जाते हैं। उत्तरायणी मेले का उत्तराखण्ड की संस्कृति में विशेष महत्व है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को उत्तरायणी उत्सव का मुख्य आयोजन बागेश्वर में किया जायेगा। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से भव्य आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को उत्तरायणी मेले के महत्व की जानकारी हो और अन्तराष्ट्रीय फलक पर इसे पहचान दिलाने के लिए प्रदेशभर में भव्य आयोजन किये जाएं। पंच प्रयागों एवं राज्य के अन्य संगम स्थलों एवं महत्वपूर्ण घाटों पर भी उत्तरायणी के दिन सूर्य उपासना के पर्व का आयोजन किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरायणी पर्व पर सौर ऊर्जा के प्रति जन जागरूकता के लिए इससे सबंधित योजनाएं लांच की जाएंगी । सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में सौर ऊर्जा एवं ऊर्जा संरक्षण पर निबंध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। बागेश्वर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाए। जिसमें लोक गीत, लोक नृत्य एवं अन्य आयोजन भी किये जाए। इस पर्व पर उत्तराखण्ड की प्रमुख हस्तियों को भी सांस्कृतिक संध्या के लिए आमंत्रित किया जाए। संगमों पर भव्य आरती की व्यवस्था भी की जाए। हस्तशिल्प एवं फूड फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती पर सुशासन दिवस के अवसर पर प्रदेश में भव्य आयोजन किये जायेंगे। सभी जनपदों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जायेगा। जिनमें मंत्रीगण एवं अन्य जन प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन दिवस पर वे स्वयं भी ग्राम चौपाल में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन दिवस पर प्रदेश के सभी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक प्रमाण पत्रों का वितरण किया जायेगा। 25 दिसम्बर 2022 से 09 फरवरी 2023 तक प्रमाण पत्रों के वितरण की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस पर सिख समाज के दसवें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रों साहिब जादा, जोरावर सिंह और साहिब जादा फतेह सिंह के बलिदान दिवस पर राज्य स्तर पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा, जिसमें मुख्यमंत्री प्रतिभाग करेंगे। जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। प्रदेश के सभी स्कूलों में वीर बाल दिवस मनाया जायेगा। बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, एच.सी.सेमवाल, विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, अपर सचिव जगदीश चन्द्र काण्डपाल उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।