सीएम धामी बोले-मानसून से पहले हो आपदा प्रबंधन की तैयारी, जलापूर्ति पर विशेष ध्यान, गायक कैलाश खेर ने की भेंट

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में नालों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि वर्षा के कारण शहरों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत बनाया जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों से जिन परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी है, वह शीघ्र की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि आपदा प्रभावितों को आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुआवजा राशि शीघ्र प्राप्त हो, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में पुर्ननिर्माण कार्यों के लिए धन का अभाव नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुर्ननिर्माण कार्यों को शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा जाय। किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाय। आपदा के दौरान सराहनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाय। राज्य में एस.डी.आर.एफ को और मजबूत करने के साथ ही संख्या बल में भी वृद्धि की जाय।
हालांकि, इन दिनों पेयजल आपूर्ति के समय ही बिजली गुल होने से पेयजल आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है। इसे सीएम ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि ग्रीष्मकाल एवं मानसून अवधि में पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति सुचारु रहे। पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति के बाधित होने की काफी शिकायते आ रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। ग्रीष्मकाल में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए जनसहयोग के साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाय।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून शुरू होने से पूर्व जनपद एवं तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाएं। आवश्यक उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था रखी जाय। यदि कोई भी आवश्यकता हो तो शासन को अवगत कराया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि मानसून अवधि में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों एवं पर्वतीय जनपदों में खाद्यान की पूर्ण व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। आपदा से जानमाल की कम से कम क्षति हो इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। मौसम विभाग द्वारा मौसम पुर्वानुमान में क्या और सुधार हो सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मौसम पूर्वानुमान पहले मिल जाने से जानमाल के नुकसान से लोगों को बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरकण्डा में डॉप्लर रडार को शीघ्र शुरू किया जाय एवं लैंसडाउन में डॉप्लर रडार की कार्यवाही में तेजी लाई जाय।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव एस. ए. मुरूगेशन, नितेश झा, दिलीप जावलकर, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार एवं सभी जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
गायक कैलाश खेर ने की सीएम से भेंट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने भेंट की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म से संबंधित बिन्दुओं पर चर्चा की एवं और केदारनाथ धाम के यात्रा के अनुभवों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसके लिए पर्यटन पर विशेष रूप से फोकस किया जायेगा। उत्तराखंड धर्म, संस्कृति और आध्यात्म का केन्द्र है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।