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November 8, 2025

सीएम धामी ने किया पंचायती वन निर्देशिका का विमोचन, लाभार्थियों को किए चेक वितरित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के प्रारम्भ से ही पंचायती वनों से वन तथा वनों के अधिकार वितरण में पंचायती वन नियमावली के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। राज्य सरकार द्वारा भी विभिन्न ऐसी योजनाओं का संचालन किया गया है, जिससे कि वन पंचायतों से जुडें स्थानीय ग्रामीणों को वन संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जागरूक करने के साथ ही विभिन्न आयपरक योजनाओं एवं उस क्षेत्र में ही लघु एवं कुटीर उद्योग से भी लाभ प्राप्त हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा इस वन पंचायत निर्देशिका के प्रकाशन से आम जनमानस को वन पंचायतों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होने के साथ-साथ पाठकों के लिए भी यह निर्देशिका अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक वनपंचायत डॉ. धनन्जय मोहन, मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

भराड़ीसैंण में खोला जाएगा बद्री गाय ट्रेनिंग सेंटर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्वे ऑफ इण्डिया स्टेडियम, हाथीबड़कला, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए राज्य पशुधन मिशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों को चेक वितरण किए। उन्होंने आंचल ब्राण्ड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का भी शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भराड़ीसैंण में बद्री गाय ट्रेनिंग सेण्टर खोले जाने एवं दुग्ध उत्पादको हेतु दुग्ध दरों में एक रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान और पशुपालक देश, राज्य के विकास की नींव होते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। किसानों और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य पशुधन मिशन योजना शुरु की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है साथ ही अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचकर उनका उत्थान एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने को संकल्पित हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले दो वर्ष में दुधारू पशुओं, खच्चर, भेड़-बकरी, सूकर और मुर्गी पालन की लगभग 4500 इकाईयों की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पारिवारिक पोषण और आजीविका को सुरक्षित बनाने के साथ ही पलायन को रोकने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाएं शुरू की हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार गोट वैली योजना संचालित की जा रही है। इसके जरिये लगभग 1500 लाभार्थियों को एनसीडीसी के ऋण सहित लगभग 17 हजार से अधिक बकरियाँ वितरित की गई हैं। पोल्ट्री वैली तथा ब्रायलर फार्म की स्थापना करते हुए राज्य के कुक्कुट पालकों को कुक्कुट पालन व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके तहत 10 जिलों में 4000 कुक्कुट पालकों को लाभान्वित किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भी किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश में पहली बार “नेशनल डिजिटल लाईवस्टेक मिशन योजना” उत्तराखण्ड से प्रारम्भ की है। वर्तमान में राज्य के 95 प्रतिशत पशुधन को UID नम्बर प्रदान कर भारत पशुधन ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सहायता से 60 मोबाईल वेटनरी यूनिटों के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा, टीकाकरण, रोग परीक्षण आदि सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक सवा लाख से अधिक पशुओं की चिकित्सा मोबाईल वेटनरी यूनिट के माध्यम से सम्पादित की जा चुकी हैं और 60 पशुचिकित्सकों के साथ-साथ 120 अन्य लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष 35 और मोबाईल वेटनरी यूनिट स्थापित कर राज्य के सभी 95 विकासखण्डों में पशुचिकित्सा एवं पशु प्रजनन सेवायें सुनिश्चित करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” योजना के तहत देहरादून में स्वदेशी गोवंशीय प्रजातियों हेतु प्रथम बार भ्रूण प्रत्यारोपण उत्कृष्ठता केन्द्र स्थापित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में पशुपालन के महत्त्व पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि बिना पशुपालन के क़ृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है तथा जैविक खेती का मूल आधार भी पशुपालन ही है। उन्होंने सरकार की उपलब्ध्यिं का जिक्र करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों में पांच हजार से अधिक नियुक्तियां की गयी हैं, नकल विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया गया है तथा 100 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनकर लगभग तैयार हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम में पशुपालन, दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि हमने जितनी भी नीतियां पशु पालन विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत कीं। उन्हें उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। इसके परिणामस्वरूप आठ नई नीतियां बनाई गयीं। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में पहली बार लाइव स्टॉक मिशन की स्थापना की, जिसके तहत 1800 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 185 आवेदनों के लिये चार करोड़ आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी। हमारा प्रयास है कि जितने भी आवेदन आये हैं, उन्हें भी इसके तहत लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा मूल रूप में पशुधन राज्य की आर्थिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल, अध्यक्ष ग्रामीण बैंक हरिहर पटनायक, निदेशक पशुपालन नीरज सिंघल, अपर निदेशक पी.एस भण्डारी, नीरज बोरा, लाभार्थीगण सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल (E-Commerce Portal) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने हाउस आफ हिमालय पर आधारित वीडियो एवं वेब पोर्टल का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन्वेस्टर समिति के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड का शुभारंभ किया गया था। उन्होने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का एक ब्रांड है, जिसे हम सबने मिलकर देश के साथ पूरे विश्व में पहुंचाना है। उन्होंने कहा इसका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार होने से यह निश्चित ही जन जन तक पहुंचेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड महज एक ब्रांड नहीं अपितु राज्य में हजारों मातृ शक्ति की आजीविका का साधन है तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूह एवं उनके उत्पाद इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा हाउस आफ हिमालयाज से निश्चित ही स्थानीय उत्पादों को पंख लगेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सचिव राधिका झा ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि प्रथम चरण में 21 उत्पादों को हाउस ऑफ़ हिमालयाज में लिया गया है। साथ ही तीन लेवल पर उत्पादों का क्वालिटी चेक किया जा रहा है। उन्होंने बताया वेब पोर्टल में विभिन्न उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, सचिव पंकज पांडे, सचिव अरविंद हयांकी, सचिव नीरज खैरवाल, सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव मनुज गोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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