Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 11, 2025

तीर्थ पुरोहितों को मनाने केदारनाथ पहुंचे सीएम धामी, बंद कमरे में हुई बात, हरक भी रहे साथ, 30 नवंबर तक फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच नवंबर को केदारनाथ दौरे से पहले चारधामों के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन भी चरम पर है। ऐसे में दौरे से ठीक दो दिन पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ पहुंचे। यहां उन्होंने तीर्थ पुरोहितों को मनाने का प्रयास किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच नवंबर को केदारनाथ दौरे से पहले चारधामों के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन भी चरम पर है। ऐसे में दौरे से ठीक दो दिन पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ पहुंचे। यहां उन्होंने तीर्थ पुरोहितों को मनाने का प्रयास किया। उनके साथ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल भी थे। यहां उन्होंने मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों और अधिकारियों के साथ बंद कमरे में चर्चा भी की। पीएम मोदी के दौरे को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल (सेनि.) अजय कोठियाल भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ पहुंच चुके हैं। वहीं, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने तीर्थ पुरोहितों से बातचीत के बाद पत्रकारों से कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार 30 नवंबर तक फैसला ले लेगी।
सीएम ने लिया निर्णाण कार्यों का जायजा, पुरोहितों को दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम पहुंच कर बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किये। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। साथ ही प्रधानमन्त्री के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।  मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल भी थे।
इसलिए पड़ी हरक की जरूरत
यहां हरक सिंह रावत की सीएम को जरूरत इसलिए भी पड़ी, क्योंकि हरक सिंह रावत रुद्रप्रयाग जिले से भी एक बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। तब उन्हें अपने साढू भाई मातवर सिंह कंडारी को पटखनी दी थी। हरक सिंह रावत की इस क्षेत्र में पकड़ मजबूत है। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों को मनाने में वे अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे। वे केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके साथ ही वे धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का भी जायजा लेंगे। पीएम मोदी यहां करीब साढ़े तीन घंटे तक रहेंगे। कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी सुबह साढ़े सात बजे धाम में पहुंचेगे और करीब 11 बजे लौट जाएंगे। इस अवसर के लिए उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है।
पूर्व सीएम को लौटाया था वापस
गौरतलब है कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच नवंबर को दौरा है। इस दौरान वह केदारनाथ धाम जाएंगे और आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करेंगे। उनसे दौरे से पहले तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज का आंदोलन भी तेज हो गया है। चारों धामों में तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार एक नवंबर को को गंगोत्री बाजार बंद रखा गया। तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं की पूजा नहीं कराई। हालांकि श्रद्धालुओं ने गंगोत्री में दर्शन किए और स्वयं ही पूजा की। इसी दिन केदारनाथ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तीर्थ पुरोहितों की नब्ज टटोलने के लिए दर्शन के बहाने गए तो उनका जमकर विरोध हुआ और उन्हें वापस लौटना पड़ा। हालांकि बाद में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया में फोटो डालकर इसमें ये जताने का प्रयास किया कि उन्होंने केदार बाबा के दर्शन किए।
ये है मामला
बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर धामी सीएम बने और उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय समिति गठित की। इसके अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर कांत ध्यानी को बनाया गया। मनोहर कांत ध्यानी ने हाल ही में समिति की रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। पांच नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का केदारनाथ में दौरा है। ऐसे में यदि रिपोर्ट पर बवाल होता है तो दिक्कत हो सकती है। इससे ऐन पहले अब नौ सदस्यों को नामित कर चारों धामों से तीर्थ पुरोहितों को खुश करने का प्रयास किया गया है।
हाल ही में सरकार ने उत्तराखंड में उच्च स्तरीय समिति देवस्थानम विधेयक में उत्तराखंड शासन की ओर से उत्तराखंड के चारधामों से नौ तीर्थपुरोहितों, हक हकूकधारियों, विद्वतजनों और जाधकारों को नामित कर दिया गया है। इस संबंध में सचिव धर्मस्व एवं तीर्थाटन की ओर से शासनादेश जारी किया गया था। धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी शासनादेश में चारों धामों से नौ सदस्य नामित किए गए हैं।
इसके तहत श्री बदरीनाथ धाम से विजय कुमार ध्यानी, संजय शास्त्री एडवोकेट ( ऋषिकेश), रवीन्द्र पुजारी एडवोकेट (कर्णप्रयाग- चमोली), केदारनाथ से विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगडान, गंगोत्री धाम से संजीव सेमवाल, रवीन्द्र सेमवाल, यमुनोत्री धाम से पुरुषोत्तम उनियाल, राजस्वरूप उनियाल नामित हुए है।
शासनादेश में कहा गया है कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानय प्रबंधन बोर्ड के समस्त पहलुओं पर विचार विमर्श करने के लिए सभी पक्षों से विचार-विमर्श करने के उपरांत संस्तुति के लिए पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति में उपरोक्त सदस्यों को नामित किया गया है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page