एसएसबी की दीक्षांत परेड की सीएम धामी ली परेड की सलामी, नीति आयोग की बैठक में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त जवान भारतीय सीमा सशस्त्र बल का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को बधाई देते हुए कहा कि तन,मन व धन से देश की रक्षा करें। सीमा पर रहने वाले देश के नागरिक भी सुरक्षाबलों के समान ही एक प्रहरी के रूप में अपना दायित्व निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्य बलिदान दिया है। कहा कि सरहद पर खड़े जवानों के कारण ही हम अपने घरों में सुरक्षित हैं। भारतीय सीमा सुरक्षा बल हर विपत्ति में नागरिकों का साथ देता है।
उन्होंने कहा कि अर्ध सैनिक बलों का जो इतिहास रहा है उस को आगे बढ़ाने का काम यह प्रशिक्षित जवान करेंगे तथा क्षेत्र में जाकर भारत के मान सम्मान बनाने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि एसएसबी जवान सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ अनेकों दायित्वों का निर्वहन तत्परता से करते हैं। कहा कि एसएसबी जवानों द्वारा कोरोना काल तथा चुनाव के समय में शांतिपूर्ण तरीके से कार्य किया।
सशस्त्र सीमा बल के दीक्षांत समारोह में ओवरऑल बेस्ट प्रशिक्षु पुरस्कार सचिन सैनी तथा आंतरिक प्रशिक्षण का पुरस्कार शुभम तिवारी को दिया गया। देश रक्षा के लिए आज 278 जवान शामिल हुए। जिसमें बिहार से 94, उत्तर प्रदेश से 74, मध्यप्रदेश से 44, उत्तराखंड से 24, राजस्थान 21, जम्मू कश्मीर 20, दिल्ली से 01 जवानों ने 44 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद आज देश सेवा की शपथ ली। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह चौहान, एसएसबी महानिरीक्षक रतन संजय, उप महानिरीक्षक सृष्टि राज गुप्ता सहित सैन्य अधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
नीति आयोग की बैठक में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से नीति आयोग द्वारा आयोजित नवोन्मेषी कृषि कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कहा कि उत्तराखंड में ईकोलॉजी और इकोनोमी में कैसे आदर्श समन्वय हो, इस दिशा में राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने राज्य में सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जी.ई.पी) को लागू किया है, जो जी.डी.पी को निर्धारित करने के प्रचलित मॉडल के साथ लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन के अन्तर्गत विश्व स्तरीय पौधशालाओं की स्थापना, चाय के विकास के लिए उत्तराखण्ड की चाय को वैश्विक पहचान दिलाने, जल संरक्षण के लिए काश्तकारों को प्रोत्साहित कर रेन हार्वेस्टिंग टैंको के व्यापक स्तर पर निर्माण एवं सब्जी और पुष्प उत्पादन हेतु पॉलीहाउस को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे है। जिसमें नीति आयोग एवं केन्द्र सरकार से मदद ली जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक कृषि के उत्थान एवं उसके विविध आयामों पर कार्य करने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उत्तराखण्ड सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को प्रेरित कर रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काश्तकार इससे जुड़ेंगे। रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती राज्य के विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द एक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें सभी स्टेक होल्डर्स को शामिल कर उत्तराखण्ड में प्राकृतिक खेती में आगे बढ़ाया जायेगा। हमें अपनी कृषि व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी खेती को तमाम हानिकारक रसायनों से बचाना होगा। जिससे काश्तकार भी सम्पन्न हो सकें और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ आधारित कृषि व्यवस्था लागू हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कृषि हजारों वर्षों से हमारी परंपरा का हिस्सा रही है। पर्यावरण को बचाये रखने के लिए हमें प्रकृति की शरण में जाना ही होगा। उत्तराखण्ड में कृषि एवं उद्यान आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम काशीपुर में स्टार्टअप हब बनाया जा रहा है। कृषि एवं उद्यान के अन्तर्गत राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जायेंगे। राज्य में नेशनल मिशन फॉर फूड प्रोसेसिंग के अन्तर्गत फल, सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए पृथक नोडल ईकाई का गठन कर वेल्यू एडिशन एवं फूड प्रोसेसिंग आधारित संरचना का विकास किया जायेगा।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से कृषि मंत्री भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर, पुरूषोत्तम रूपाला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, सदस्य नीति आयोग डॉ. नीलम पटेल उपस्थित थे।