सीएम धामी ने एचएमटी फैक्ट्री का किया निरीक्षण, सुशीला तिवारी चिकित्सालय में मरीजों से की बात, फिल्म सिटी पर चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निरीक्षण स्थल पर आयुक्त दीपक रावत एवं जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल एवं सम्बन्धित अधिकारियों से वार्ता कर सम्भावनाओं पर विचार विमर्श किया। निरीक्षण दौरान एचएमटी फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। धामी ने कहा कि कर्मचारियों की सभी मांगों का समाधान किया जायेगा।एचएमटी फैक्ट्री का 1982 में कार्य प्रारम्भ हुआ तथा 1985 में फैक्ट्री का प्रोडेक्शन प्रारम्भ हुआ। नवम्बर 2016 में एचएमटी फैक्ट्री को बन्द कर दिया गया था। एचएमटी फैक्ट्री का कुल 45.33 एकड़ भूमि पर काबिज है पिछले दिनों केन्द्र सरकार द्वारा एचएमटी फैक्ट्री को राज्य सरकार को सौंप दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मेयर डॉ. जोगेन्दर पाल सिह रौतेला, विधायक रामसिंह कैडा, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, डा अनिल कपूर डब्बू, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, पूर्व दर्जा मंत्री हेमन्त द्विवेदी, चन्दन बिष्ट, योगेश रजवार, सुरेश तिवारी, संजय दुम्का, विकास भगत,भुवन जोशी, नवीन पंत, चतुर बोरा, प्रताप बिष्ट, दिनेश आर्य, प्रदीप जनौटी के साथ ही आयुक्त दीपक रावत,डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भटट, उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुशीला तिवारी अस्पताल का किया निरीक्षण, व्यवस्थाओं को परखा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुशीला तिवारी चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने पंजीकरण काउन्टर, कैन्टीन एवं वार्डों का निरीक्षण कर वार्ड में भर्ती मरीजों एवं ओपीडी में आये वाहृय रोगियों से मुलाकात की एवं उनकी समस्याओं से रूबरू हुए। मुख्यमंत्री ने कहा यह कुमाऊं का सबसे बडा चिकित्सालय है यहां पर्वतीय क्षेत्र के साथ ही उत्तर प्रदेश के रोगी अपना उपचार हेतु आते है। उन्होंने प्राचार्य डा0 अरूण जोशी को निर्देश दिये कि चिकित्सालय में आने वाले रोगियों को बेहतर उपचार दें। उन्होेंने कहा चिकित्सालय हेतु जिन वस्तुओं की आवश्यकता है उनका प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित करें ताकि कार्यो हेतु शीघ्र धन आवंटित किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अधिकारी ब्लॉक/न्यायपंचायत स्तर पर समाधान चौपाल का आयोजन कर जनता की समस्याओं से रूबरू होकर मौके पर समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा अधिकारी अपने मनोयोग के साथ कार्य कर अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करें। इस अवसर पर मेयर डॉ. जोगेन्दर पाल सिह रौतेला, विधायक रामसिंह कैडा, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, डा अनिल कपूर डब्बू, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, पूर्व दर्जा मंत्री हेमन्त द्विवेदी, चन्दन बिष्ट, योगेश रजवार, सुरेश तिवारी, संजय दुम्का, विकास भगत,भुवन जोशी, नवीन पंत, चतुर बोरा, प्रताप बिष्ट, दिनेश आर्य, प्रदीप जनौटी के साथ ही आयुक्त दीपक रावत,डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भटट, प्राचार्य डा0 अरूण जोशी, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के साथ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फिल्म सिटी खोलने के विचार को आगे बढ़ाने की जरूरत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की सम्भावनाओं पर ध्यान देने को कहा है ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यह हमारा प्रयास होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की। प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है। हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने। इस दिशा में भी प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन कल्चरल सेन्टर एवं म्यूजियम को शीघ्र अन्तिम रूप देने के साथ इसके प्रभावी उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाये जिससे देश व दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बनाने वाले सहभागी बन सके। हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति, कला एवं लोक विधा से जुड़ सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है। भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिये जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे तथा इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी से इसे और अधिक व्यापकता मिलेगी तथा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति सुबीना भट्ट, उप निदेशक नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।