Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 16, 2025

सीएम धामी ने किया सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक का लोकार्पण

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनक चौक देहरादून में देश के पहले सीडीएस पद्म विभूषण जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा  भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए। देश के साथ – साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने तथा स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी किन्तु इस दुखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उन्हें उनका सानिध्य नहीं मिल पाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं। देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य “शौर्य स्थल” (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड राज्यधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को  जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ग अथवा घ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान करने का कार्य भी कर रही है, अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है। साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी अनुमन्य किया गया है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध विधवा या युद्ध में अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए तक की आवासीय सहायता भी प्रदान भी की जा रही है। जबकि सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई है। सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद सैनिकों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जे.ओ.सी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए बंशीधर तिवारी, मे.ज. जी.एस. रावत, मे.ज. आनन्द सिंह रावत,, जनरल विपिन रावत की दोनों पुत्रियां सुकृतिका एवं तारिणी, सेना के अधिकारी एवं जवानों के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आईटीबीपी अधिकारियों ने की सीएम से भेंट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में आईटीबीपी के अधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने आईटीबीपी से संबंधित विभिन्न कार्यकलापों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी द्वारा संचालित कार्यों की सराहना करते हुए आईटीबीपी से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर राज्य सरकार के स्तर पर होने वाली कार्यवाही में शीघ्रता का आश्वासन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेट शहीद टीकम सिंह नेगी की पत्नी को सेवायोजित किये जाने के संबंध में भी कहा कि इस प्रकरण में भी राज्य सरकार पूरी तरह से शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश सेवा में संलग्न सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों से संबंधित कार्यों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा उन्होंने देश सेवा के लिये सवोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के सम्मान में सड़क व स्कूलों आदि के नाम उनके नाम पर रखे जानी की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आईजी गुंज्याल ने मुख्यमंत्री से आईटीबीपी के फ्रंटियर हेडक्वार्टर के लिये भू परिवर्तन की स्वीकृति तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ में कपाट बंद होने के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी को सौंपी गयी थी। उन्होंने बॉर्डर आउटपोस्ट से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण का अनुरोध भी मुख्यमंत्री से किया तथा बताया कि उत्तराखण्ड के निवासियों का आईटीबीपी में सक्रिय योगदान रहा है। इस अवसर पर डी.आई.जी. रंजीत राणा, डी.आई.जी. मनु महाराज, डी.आई.जी. आर.के. वर्मा, डी.आई.जी. आर.के. नरवाल, सेनानी पीयूष पुष्कर, अरूण रौथाण तथा पी.आर.ओ राजीव नेगी भी उपस्थित थे।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *