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March 15, 2025

सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम का सीएम धामी ने किया शुभारंभ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में ‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’ का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में विकास योजनाएं उनके लिए बन रही है, जिन्हें वास्तव में उनकी आवश्यकता है। स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, हर घर शौचालय जैसी योजनाएं प्रत्यक्षतः आमजनमानस को प्रभावित करती हैं। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने आम नागरिक के जीवन में मूलभूत बदलाव किया है। आज जरूरतमंद एवं साधनविहीन लोग भी अपना उपचार बेहतरीन अस्पतालों में करवाने में सक्षम हैं, जिनके बारे में पहले वे सोच भी नही सकते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयुष्मान योजना के सम्बन्ध में अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी कार्डधारक के इलाज में विलम्ब की शिकायत नही आनी चाहिए। उत्तराखंड सरकार आमजनमानस की सुविधा के लिए सरलीकरण के मार्ग पर चल रही है। हम अपने सीमावर्ती गांवों का विकास इस प्रकार करना चाहते हैं। ताकि यह देश और विशेषकर हिमालयी राज्यों के लिए एक मॉडल बने। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सीमान्त जनपद चंपावत को मॉडल जनपद के रूप में विकसित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उल्लेखनीय है कि एसबीआई फाउण्डेशन, हैस्को तथा यू कॉस्ट के सम्मिलित प्रयासों से ‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’ तहत राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से  आजीविका, स्वरोजगार के अवसरों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के तहत 10 सीमावर्ती गांवों  में वहां की आर्थिकी और पारिस्थितिकी के साथ ही आपदाओं की चुनौतियों को भी समझते हुए यहां के स्थानीय  जन-समुदाय को सबल आजीविका के साथ तैयार किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

यूकॉस्ट की ओर से जानकारी दी गई कि राज्य के प्रतिष्ठित साइंस कांग्रेस को आगामी वर्ष 10-11 फरवरी को ग्राम्य विज्ञान सम्मेलन के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य में पहली बार अन्तराष्ट्रीय आपदा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश-दुनिया के सैकड़ों प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे लिए अमूल्य हैं, ये मात्र हमारे सीमान्त प्रहरी नहीं, बल्कि अमूल्य धरोहर भी हैं। सीमान्त क्षेत्र हमारी जड़े हैं, इनकों निरन्तर सिंचित किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि गांव और शहरों की असमानता को दूर करके ग्राम आधारित सशक्त आर्थिकी को आधार बनाना ही राज्य सरकार का मूलमंत्र है। हम माणा-मुन्स्यारी, असकोट-आराकोट के सीमान्त क्षेत्रों के गांवों को अन्तिम गांवों के स्थान पर प्रधान मंत्री की संकल्पना के अनुरूप प्रथम पंक्ति के प्रथम गांवों की तरह विकसित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। हमनें बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इन्हीं गांवों को एक प्रहरी का रूप भी दिया है, जिसे प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर गहन चिंतन-मंथन कर इनको आगे बढ़ाने का सकंल्प लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर हैस्को संस्थापक डा. अनिल प्रकाश जोशी, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, संस्थापक, एसबीआई फाउन्डेशन  ललित मोहन, डीजीएम एसबीआई राजकुमार सिंह, एसबीआई जनरल सुअन्यया मोहन्ती, एसबीआई जनरल किलफोर्ड डी कोस्टा तथा सीमान्त गांवों से महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपस्थित थीं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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