दिल्ली से सीएम धामी लेकर आए फरमान, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को देना पड़ा इस्तीफा, पहाड़ के लोगों को गाली देने का आरोप

उत्तराखंड में आखिरकार कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को इस्तीफा देना पड़ गया। आज उन्होंने सीएम अवास पहुंचकर मुख्यमंत्री धामी को इस्तीफा सौंपा। प्रेमचंद अग्रवाल पर विधानसभा सत्र के दौरान पहाड़ के लोगों को गाली देने का आरोप है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी, लेकिन विवाद बढ़ता चला गया और कहानी का पटाक्षेप उनके इस्तीफे से हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया जा रहा है कि सीएम धामी कुछ दिन पूर्व दिल्ली दरबार में हाजरी लगाने गए थे। वहीं, से उन्हें फरमान सुना दिया गया कि प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा ले लिया जाए। हालांकि, बीजेपी में इस्तीफा लने की चलन बहुत कम है। इसके बावजूद उत्तराखंड में विरोध के चलते इस बार बीजेपी को झुकना पड़ा। प्रेमचंद अग्रवाल का नाता पहले से ही विवादों से रहा है। कभी बीच सड़क पर किसी युवक की पिटाई का उनका वीडियो वायरल होता है तो कभी वह दूसरे मुद्दों में चर्चा में आ जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार से वातावरण बनाया गया। आज साबित करना पड़ रहा है कि उत्तराखंड के लिए उन्होंने योगदान दिया। राज्य आंदोलन में लाठियां खाईं। ऐसे व्यक्ति को टारगेट बनाया जा रहा है। आहत हूं, ऐसे में मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है। हालांकि, जब कुछ बोलो तो पहले तोलो, इस सिद्धांत पर प्रेमचंद अग्रवाल नहीं चले आज वित्त मंत्री का पद उनसे छिन लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि विधानसभा के बजट सत्र में इनकी एक विवादित टिप्पणी के बाद राज्य के कई हिस्सों में विरोध हुआ था। बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया जा रहा था, तब द्वाराहाट के विधायक बिष्ट और मंत्री अग्रवाल के बीच हुई तीखी नोकझोंक चर्चा के केंद्र में रही थी। सदन में शून्यकाल के दौरान संसदीय कार्यमंत्री अग्रवाल, कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी की कार्यस्थगन की सूचना का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान विधायक बिष्ट ने साथी विधायकों से बातचीत में कथित तौर पर क्षेत्रवाद से संबंधित टिप्पणी की। मंत्री अग्रवाल ने इसे लेकर कड़ा ऐतराज जताया। फिर तो सदन में काफी देर तक हंगामे जैसी स्थिति रही।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।