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November 14, 2024

उत्तरकाशी और टिहरी में बादल फटे, बच्ची सहित तीन मौत, एक लापता, आज का दिन भारी, सीएम ने दिए ये निर्देश

उत्तराखंड में तेज बारिश का दौर जारी है। इसके चलते नदी नाले उफान पर आ गए हैं। रविवार को उत्तरकाशी जिले में देर शाम शुरू बारिश कहर बनकर टूटी।

उत्तराखंड में तेज बारिश का दौर जारी है। इसके चलते नदी नाले उफान पर आ गए हैं। रविवार को उत्तरकाशी जिले में देर शाम शुरू बारिश कहर बनकर टूटी। मुख्यालय के निकटवर्ती गांव निराकोट और कंकराड़ी में बादल फटने के बाद उफान के साथ आया मलबा घरों में घुस गया। इससे दो मकान, एक मोटर पुल और कई पैदल मार्ग ध्वस्त हो गए, जबकि बच्ची सहित तीन महिलाओं की मकान के मलबे में दबने से मौत हो गई। एक व्यक्ति गदेरे में बहने से लापता है। तीनों के शवों को सुबह निकाल लिया गया। वहीं तीन घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव शुरू कर दिया। हालांकि अंधेरा होने के कारण टीम को परेशानी झेलनी पड़ी। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में बादल फटने से मेढ़ गांव में तबाही की सूचना है। यहां कुछ घर भूस्खलन से ध्वस्त होने की सूचना है। वहीं, मौसम विभाग ने आज सोमवार 19 जुलाई को भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। साथ ही रेड अलर्ट जारी किया है।  वहीं, बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में मलबा आने से 50 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। हालांकि अभी ये खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे भारी गुजर सकते हैं। इस दौरान देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है।
रविवार देर शाम तेज बारिश के बाद जिला मुख्यालय के 15 किमी क्षेत्र में पडऩे वाले निराकोट और कंकराड़ी गांव में बादल फटा। इससे बरसाती गदेरों (बरसाती नाला) में उफान आ गया। जिला आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार कंकराड़ी गांव में दो मकान ध्वस्त हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान मांडो गांव में हुआ है। जहां पर 15 से 20 घरों में मलबा घुस गया। वहीं, करीब चार से पांच मकान जमींदोज को हो गए हैं। मांडो गांव में रेस्क्यू टीम ने दो महिलाओं और एक बच्ची का शव बरामद कर लिया है।
सूचना पाकर मौके पर एसडीआरएफ और पुलिस आपदा की खोज बचाव टीम रेस्क्यू अभियान चला रही है। वहीं, मलबे में दबे एक बुजुर्ग को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है। इस अलावा भटवाड़ी विकासखण्ड के कंकराड़ी गांव में भी गदेरा उफान पर आने के कारण एक व्यक्ति के बहने की सूचना है।
रविवार रात साढ़े 8 बजे उत्तरकाशी जनपद में मांडो गांव के बीचोंबीच बहने वाला गदेरा तबाही लेकर आया। गनीमत ये रही कि गदेरे में पानी बढ़ते ही लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए, नहीं तो इसकी चपेट में काफी लोग आ सकते थे। मांडो गांव में करीब 4 से 5 मकान जमींदोज हो गए हैं।देवानन्द भट्ट के परिवार की दो महिलाएं और एक बच्ची मलबे में दब गए। सोमवार सुबह तीनों के शव निकाल लिए गए हैं। मृतकों में माधरी देवी (42 वर्ष), रीतू (38 वर्ष) और कुमारी ईशु (6 वर्ष) हैं। वहीं, राहत बचाव टीम ने 4 घायल मजदूरों को जिला अस्पताल भिजवाया है। दूसरी ओर निराकोट में गांव के दोनों और गदेरा आने के कारण ग्रामीण बीच मे फंस गए हैं और ग्रामीणों ने एक स्थान पर शरण ले ली है।
मेढ़ गांव में फटा बादल
टिहरी जिले के भिलंगना क्षेत्र के मेढ़ गांव में भी बादल फटने की सूचना है। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। घटना सुबह तड़के 4:00 बजे की बताई जा रही है। लोग सुरक्षित हैं। कुछ घर मलबे में दबे हैं। गांव के ही रहने वाले भगवान सिंह ने बताया कि आज सुबह बेहद तेज आवाज आने पर उन्होंने ग्रामीणों को जगाया। इससे लोगों की जान बच गई। नुकसान का आकलन को प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई।

रानीबाग पुल की सड़क खाई में समाई
बरसात और वाहनों के आवागमन के दबाव के बीच नैनीताल जिले में भीमताल रोड स्थित रानीबाग पुल की सड़क क्षतिग्रस्त होकर खाई में समा गई। जिससे वाहनों के आवागमन से दुर्घटना की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने सड़क पर आवागमन रोक दिया है और आने वाले सभी वाहनों को ज्योलीकोट की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है।
भीमताल रोड पर पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते वाहनों की संख्या अधिक हो गई थी। ऐसे में सड़क पर दोनों तरफ से दबाव ज्यादा बढ़ गया था। जबकि भीमताल पुल पहले से ही कमजोर माना जा रहा है। जिसके बगल में निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। इसी के चलते बारिश के बीच सोमवार की रात में ही पुल का हिस्सा टूटकर खाई की तरफ धंस गया है। जिससे मौके पर वाहनों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। जिला प्रशासन ने मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत एक्शन लिया और मौके पर जाकर वाहनों को जाने से रोका गया।

दून के गई स्थानों पर सड़कें बनी तालाब, घरों में घुसा पानी
मूसलधार बारिश ने दून में दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जलभराव के चलते सड़कें तालाब बन गईं तो कई जगह घरों और दुकानों में भी पानी घुस गया। इसके अलावा कुछ सड़कों और भवनों को नुकसान पहुंचने की भी सूचना है। भू-धंसाव के चलते नदियों के किनारे और आवासीय कालोनियों में बने कई पुश्ते भी खिसक गए।
देहरादून में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है। शनिवार को रातभर हुई बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त करके रख दिया। स्थिति यह है कि सड़कें पानी से लबालब हैं और इन पर पसरे गड्ढे तक नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। शहर में चल रहे पेयजल लाइन व स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य के चलते कई मोहल्लों की सड़कें खोदी हुई हैं। बारिश के कारण ये सड़कें कीचड़ से भर गई, जबकि कई जगह क्षतिग्रस्त सड़कों पर आवाजाही मुश्किल हो गई।
यहां हुआ जलभराव
शहर में घंटाघर, प्रिंस चौक, दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, ऐश्ले हाल चौक समेत तमाम प्रमुख चौराहे तरणताल बन गए। यमुना कालोनी, खुड़बुड़ा, चुक्खूवाला, धर्मपुर, डोभालवाला, बंजारावाला, चमनपुरी, ब्राह्मणवाला, मोरोवाला, कारगी आदि क्षेत्रों में जलभराव हो गया।

धस्माना पहुंचे गोविंदगढ़, डीएम और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से की वार्ता
कल रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से देहरादून शहर के अनेक हिस्सों में बारिश के पानी से भारी तबाही व नुकसान हुआ है। कल रात गोविंदगढ़ में छोटी बिंदाल नदी पर स्नेहा स्कूल के पास निर्माणाधीन पुश्ते को तोड़ते हुए पानी लोगों के घरों में घुस गया व रज्जो देवी के घर में आठ आठ फुट घड़े हो गए। इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इस संबंध में जिलाधिकारी व सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर पीड़ित परिवार की सहायता करने की मांग की।
शास्त्रीनगर खाले में मनीष भदौरिया के घर कल रात बिजली गिरने से मकान के ऊपर लगभग पचास फुट लम्बी व दस फुट ऊंची पुश्ते की दीवार मलवे सहित छत के ऊपर गिर गई। धस्माना प्रातः सूचना मिलने पर भदौरिया के घर पहुंचे व जिलाधिकारी व एसडीएम सदर से घटना का संज्ञान ले कर प्रभावित परिवार को सहायता करने की मांग की।

सीएम ने कंट्रोल रूम का किया निरीक्षण, दिए निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अतिवृष्टी से हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कार्मिकों को राज्य में आपदा की स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिये। आपदा से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी तुरंत उच्चाधिकारियों को दी जाए। आपदा की स्थिति में क्विक रेस्पोंस सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एस ए मुरूगेशन व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आज रेड अलर्ट की चेतावनी 
वहीं, प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। मैदानी क्षेत्र में जलभराव की समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है।  राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आज 19 जुलाई को उत्तराखंड में रेड अलर्ट है। 19 जुलाई को  देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी जिले में कहीं कहीं अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। ऐसे में संवेदनशील पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन, चट्टान टूटने, सड़कें बाधित होने की समस्या रहेगी। साथ ही नदी और नालों के जल स्तर में बढ़ोत्तरी आएगी। निचले इलाकों में जलभराव की समस्या हो सकती है। 20 जुलाई का ओरेंज अलर्ट है। इस दिन उत्तरकाशी, देहरादून टिहरी हरिद्वार, नैनीताल तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं भारी बरिश का अनुमान है। 21 और 22 जुलाई का यलो अलर्ट जारी किया गया है। 21 को नैनीताल व पिथौरागढ़ में और 22 को नैनीताल, चंपावत, पौड़ी व पिथौरागढ़ में भारी बारिश का अनुमान है। 23 जुलाई को राज्य के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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