Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 4, 2025

Coronavirus: दावे बड़े, हकीकत शून्य, लक्षण पर भर्ती के निर्देश, बेड हैं नहीं, मौत के आंकड़े छिपा रही सरकार, टीकाकरण कम और समाजसेवी….

उत्तराखंड में कोरोना नियंत्रण को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ अलग है।

उत्तराखंड में कोरोना नियंत्रण को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ अलग है। सरकार कुछ कह रही है और हकीकत में कुछ और हो रहा है। सरकार नंबर जारी कर रही है, हकीकत में फोन नहीं उठ रहे हैं। सरकार अधिक से अधिक टीकाकरण की बात कह रह है, हकीकत में टीके अब कम लग रहे हैं। वहीं, सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं के लोग कभी ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते तो कभी दूसरी मदद की फोटो मीडिया तक पहुंचा रहे हैं, हकीकत में उनमें से कई तो मदद मांगने वाले का फोन तक नहीं उठा रहे हैं।
टीकाकरण की हकीकत
अब बात करते हैं स्वास्थ्य महकमे की। पहले कोरोना की दूसरी डोज देने का समय 28 दिन के बाद तय किया गया था। अब इसे 42 से 56 दिन के बीच कर दिया गया। इसी तरह उत्तराखंड में एक मई को 249 केंद्र में 70175 को टीके लगे। दो मई को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में टीकाकरण का जिक्र ही नहीं था। यानी इस दिन कहीं टीके नहीं लगे। तीन मई को 173 केंद्र में 8941 को टीके लगाए गए। अब टीकाकरण की रफ्तार को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना को नियंत्रण करने में टीकाकरण की स्थिति कैसी है।
लक्षण पर भी मरीजों की किया जाए भर्ती
उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों, अस्पताल और सीएचसी प्रभारितों को पत्र भेजकर निर्देश दिए कि लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के निर्देश दिए। आदेश में कहा गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने पर लक्षणयुक्त सभी लोगों को आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सालय में भर्ती किया जाए। अब सवाल ये उठता है कि हकीकत में अस्पतालों में बेड तक नहीं हैं। लोग घरों में ही इलाज करा रहे हैं। ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। शिकायत ये भी आम है कि यदि कहीं किसी जिम्मेदार को फोन भी किया जाए तो उठता तक नहीं।
मौत के आंकड़े छिपा रही सरकार
घरों में उपचार कराते हुए लोगों की मौत भी हो रही है और ऐसे लोगों की मौत के आंकड़े कोरोना से हुई मौत में नहीं गिना जा रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब अस्पताल तक पहुंचते ही मरीज की मौत हो गई और शव को मार्चरी में रखने की बजाय अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को सौंप दिया। यदि घरों में हो रही कोरोना संक्रमितों की मौत को आंकड़ों में जोड़ा जा रहा होता तो आंकड़े और अधिक होते। क्योंकि हर शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में सिर्फ अस्पताल में होने वाली कोरोना संक्रमितों की मौत का ही जिक्र किया जा रहा है। घर में होने वाली मौत का इसमें कोई जिक्र नहीं होता। हर दिन ऐसी भी रिपोर्ट आती हैं कि कोरोना संक्रमित की घर पर मौत हुई और पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कराया। अब इन मौत को किस अस्पताल में दर्ज किया गया। इसका जवाब भी शायद किसी के पास नहीं है। वहीं, हर श्मशान घाट में शव जलाने की भीड़ बढ़ रही है।

मौत की देखें सूची, घर में होने वाली मौत का नहीं है जिक्र-

समाजसेवियों की हकीकत
मीडिया में हर दिन फोटो के साथ समाजसेवा करते हुए फोटो भेजने वालों में भी ऐसे लोगों की संख्या भी बढ़ रही है, जो सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए समाजसेवा कर रहे हैं। कारगी निवासी एक व्यक्ति का लोकसाक्ष्य को फोन आया और बताया कि परिवार में एक व्यक्ति की तबीयत काफी खराब है। वह घर पर ही इलाज करा रहे हैं। अब उन्होंने बोलना भी बंद कर दिया है। इस पर लोकसाक्ष्य ने उन्हें विधायकों, समाजसेवियों के नंबर दिए। आज चार मई की सुबह पता चला कि उन्होंने सभी को फोन किए, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। आज सुबह महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष लालचंद शर्मा का फोन आया और उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर उनके घर पहुंचा दिया। अन्य समाजसेवा करने का दंभ भरने वालों से लोकसाक्ष्य की ओर से अपील है कि मुसीबत में फंसे व्यक्तियों के फोन जरूर उठाएं। यदि नहीं उठाते तो झूठा प्रचार बंद करें।
उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति
उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना ने नया रिकॉर्ड बनाया है। सोमवार तीन मई की शाम को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 128 लोगों की मौत हुई। वहीं, 5403 संक्रमित मिले। एक्टिव केस की संख्या 55436 पहुंच गई है। वहीं, 3344 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। इससे पहले 30 अप्रैल को 122 लोगों की कोरोना से जान चली गई थी। मौत के ये अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। 28 अप्रैल को सर्वाधिक 6954 नए संक्रमित मिले थे। इसी माह अप्रैल में ये लगातार नवीं बार है कि जब एक दिन में पांच हजार से ज्यादा संक्रमित मिले। वहीं, दो बार छह हजार का आंकड़ा भी पार हो चुका है। वहीं, सोमवार को 173 केंद्र में 8941 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। ये संख्या बहुत ही कम है। पहले हर दिन रोजाना तीस से चालीस हजार लोगों को टीके लगाए जा रहे थे। एक दिन तो ये आंकड़ा एक लाख के पार भी पहुंचा था। उधर, उच्च शिक्षण संस्थानों को अग्रिम आदेश तक बंद रखने का निर्णय किया गया है। कई शहरों में छह मई तक कर्फ्यू है। साथ ही प्रदेश भर में 282 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।
अब तक कुल 2930 मौत, सर्वाधिक संक्रमित दून में मिले
उत्तराखंड में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 197023 हो गई है। इनमें से 134488 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक कोरोना से 2930 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को देहरादून में सर्वाधिक 2026 संक्रमित मिले। हरिद्वार में 676, उधमसिंह नगर में 656, नैनीताल में 458, टिहरी गढ़वाल मं 415, चंपावत में 215, उत्तरकाशी में 192, चमोली में 169, अल्मोड़ा में 167, पिथौरागढ़ में 150, पौड़ी में 139, बागेश्वर में 105 संक्रमित मिले।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *